पंजाब: नवजोत सिंह सिद्धू पर अब मेहरबान नहीं कांग्रेस हाईकमान, नहीं माने तो 'आउट' हों सकते हैं गुरु

पंजाब कांग्रेस प्रसिडेंट पोस्ट से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से पार्टी की हो रही है फजीहतको अलाकमान ने गंभीरता से लिया है। सिद्धू की हरत से  नाराज कांग्रेस हाईकमान ने साफ संकेत दिये हैं कि पार्टी अब एक्स क्रिकेटर के नखरे को ज्यादा अहमियत नहींदेगी। सिद्धू इस्तीफा वापस लेने की शर्तो पर अडिग रहे तो कांग्रेस पंजाब में नया प्रसिडेंट बनाया जा सकता है।  

पंजाब: नवजोत सिंह सिद्धू पर अब मेहरबान नहीं कांग्रेस हाईकमान, नहीं माने तो 'आउट' हों सकते हैं गुरु
नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)।
  • स्टेट के नेताओं को ही विवाद समाधान का जिम्मा

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस प्रसिडेंट पोस्ट से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से पार्टी की हो रही है फजीहतको अलाकमान ने गंभीरता से लिया है। सिद्धू की हरत से  नाराज कांग्रेस हाईकमान ने साफ संकेत दिये हैं कि पार्टी अब एक्स क्रिकेटर के नखरे को ज्यादा अहमियत नहींदेगी। सिद्धू इस्तीफा वापस लेने की शर्तो पर अडिग रहे तो कांग्रेस पंजाब में नया प्रसिडेंट बनाया जा सकता है।  

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डीजीपी और एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति पर है नाराजगी
कांग्रेस लीडरीशप सिद्धू पर सियासी दबाव बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष के वैकल्पिक नामों पर गौर करना भी शुरू कर दिया है। हाईकमान ने सिद्धू के रवैये को देखते हुए ही ऐसा कड़ा रुख अपनाया है। सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर अपने इरादे साफ कर दिये। उन्होंने कहा कि मैं अड़ूंगा और लड़ूंगा, सब जाता है तो जाए।' यानी वह शांत बैठने वाले नहीं हैं। सिद्धू ने कहा कि मेरा इस्तीफा पंजाब के हितों व नैतिकता के सवाल पर है। मैं इनसे समझौता नहीं करूंगा। उनकी मुख्य नाराजगी डीजीपी और एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति पर है।

कांग्रेस के सीनीयर लीडरों ने भी हाईकमान पर सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करने का दबाव बढ़ाया
सिद्धू के इस रवैये को देखते हुए पंजाब से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस के सीनीयर लीडरों ने भी हाईकमान पर सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करने का दबाव बढ़ा दिया है। उनकी जगह नया अध्यक्ष बनाने की आवाज उठ रही है।इस दबाव के बाद हाईकमान ने सिद्धू को साफ संदेश दे दिया गया है कि पंजाब में पार्टी को अराजक स्थिति में पहुंचाने की उनकी ताजा कोशिश के बाद हाईकमान सुलह-सफाई का संवाद नहीं करेगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ पंजाब कांग्रेस के नेता ही सिद्धू से सुलह की बात करेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान सिद्धू के कदम और व्यवहार से बेहद क्षुब्ध है। अपने इस्तीफे से पहले उन्होंने नेतृत्व से कोई चर्चा तक नहीं की। सिद्धू के इस कदम से पंजाब में कांग्रेस की बमुश्किल थमी खींचतान जहां एक बार फिर कलह बढ़ गयी है। वहीं सिद्धू के दबाव में अमरिंदर सिंह की बलि लेने के कारण कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपने वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गया है।

सिद्धू को मनाने का प्रयास नहीं करने के मूड में है हाईकमान

सिद्धू के इस रुख से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही नहीं बल्कि उनके समर्थन में आगे रहने वाली पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी हैरान व आहत हैं। हाईकमान की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से मिलता है कि पंजाब के प्रभारी महासचिव हरीश रावत को इस बार चंडीगढ़ जाकर सिद्धू को मनाने का प्रयास करने से रोक दिया गया है। हाईकमान ने सीएमचन्नी के इस बयान के जरिये सिद्धू को संदेश भी दे दिया कि पार्टी, हमेशा व्यक्ति से बड़ी होती है। कांग्रेस नेतृत्व का संदेश सिद्धू के लिए साफ है कि आपसी संवाद से छोटी-मोटी शिकायतों का हल निकालने के लिए वे तैयार हैं तो इस्तीफा वापस लेने की पहल उन्हें करनी होगी।


नये सीएम को अस्थिर नहीं करेगा हाईकमान

कांग्रेस के पर्यवेक्षक हरीश चौधरी बुधवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचे। वह सीधे सीएम  चरणजीत सिंह चन्नी के निवास स्थान जाकर वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। चौधरी ने एमएलए का मन भी टटोला। सूत्रों के अनुसार अब हाईकमान भी चन्नी को अस्थिर नहीं करना चाहता। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी सिद्धू से केवल फोन पर चर्चा की। वह भी उन्हें मनाने के लिए पटियाला नहीं गये। हालांकि, दो मंत्री और आठ एमएलए सिद्धू को मनाने गए थे पर वो नहीं माने।