नई दिल्ली। राहुल ‍‍‍ व प्रियंका से मिले सचिन पायलट,राजस्थान का पॉलिटिकल संकट थमेगा

राजस्थान कांग्रेस में उपजे सियासी संकट के ठीक एक महीने बाद अब थमने लगा है। बागी लीडर सचिन पायलट ने पार्टी राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। उल्लेखनीय है कि पायलट और उनके 18 समर्थक MLA ने पिछले महीने राजस्थान के CM अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी।

नई दिल्ली। राहुल ‍‍‍ व प्रियंका से मिले सचिन पायलट,राजस्थान का पॉलिटिकल संकट थमेगा
  • पायलट की ससम्मान होगी घर वापसी! 

नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में उपजे सियासी संकट के ठीक एक महीने बाद अब थमने लगा है। बागी लीडर सचिन पायलट ने पार्टी राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। उल्लेखनीय है कि पायलट और उनके 18 समर्थक MLA ने पिछले महीने राजस्थान के CM अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी।
राजस्थान में पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी कुश्ती चल रही है। पायलट को राहुल का करीबी माना जाता है। गहलोत ने भले ही पायलट के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की थी लेकिन राहुल ने सचिन के खिलाफ कुछ नहीं बोला था। बताया जा रहा है कि राहुल के करीबी राजीव सातव लगतार सचिन से संपर्क में थे। बताया जाता है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सचिन से बात की है।

प्रियंका की बड़ी रोल
कांग्रेस सोर्सेज अनुसार, कांग्रेस लगातार सचिन खेमे से संपर्क बनाए हुई थी और सचिन की राहुल से मुलाकात इसी प्रयास का नतीजा है। अब दोनों पक्ष सुलह के मुकाम तक पहुंच चुके हैं। इस मुलाकात की पृष्टभूमि प्रियंका ने तय की थी। वह पहले भी सचिन से एकबार मुलाकात कर चुकी हैं लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट की पिछले दो दिन में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल व संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल से मुलाकात हुई है।
सचिन पायलट की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से टेलीफोन पर बात होने की सूचना भी है। दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत ने अपने खेमे के एमएलए से कहा, राजनीति में कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बाद दिल पर पत्थर रखकर फैसले करने पड़ते हैं। रविवार शाम को हुई एमएलए की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य विधायकों ने बागियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इन्हे अब कभी वापस नहीं लिया जाना चाहिए। इस पर गहलोत ने कहा कि हमें आलाकमान के फैसले का सम्मान करना है। आलाकमान जो भी फैसला करेंगे, उसे हम मानेंगे।

गहलोत ने कहा कि राजनीति में कई बार नहीं चाहते हुए भी कई बातें माननी पड़ती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बागियों को कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए वापस आना चाहिए ।कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि बागी विधायक अगर फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के पक्ष में वोट करते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। रघुवीर मीणा के बयान को सुलह की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस कोशिश कर रही है कि 14 अगस्त से पहले किसी भी फॉर्मूले पर बात बन जाए और पायलट वापसी के लिए तैयार हो जाएं, ताकि फ्लोर टेस्ट से पहले ही सरकार को सुरक्षित किया जा सके।