Jharkhand : एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी के एनकाउंटर के बाद फरार सुनीता मुर्मू ने बोकारो में किया सरेंडर

झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया स्थित लुगु बुरू पहाड़ी की तलहटी में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एनकाउंटर के बाद अब प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सली अपनी जान बचाने के लिए सरेंडर करने लगे हैं।

Jharkhand :  एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी के एनकाउंटर के बाद फरार सुनीता मुर्मू ने बोकारो में किया सरेंडर
महिला नक्सली ने किया सरेंडर।
  • एक सप्ताह से भटक रही थी जंगल में

बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया स्थित लुगु बुरू पहाड़ी की तलहटी में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एनकाउंटर के बाद अब प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सली अपनी जान बचाने के लिए सरेंडर करने लगे हैं। सुनीता मुर्मू नामक एक महिला नक्सली ने 28 अप्रैल को बोकारो में पुलिस एवं सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया। महिला नक्सली सुनीता मुर्मू उर्फ लालमुनि मुर्मू 21 अक्टूबर को हुई एनकाउंटर के बाद से लगातार एक सप्ताह तक जंगल में भटक रही थी।

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सुनीता ने बताया कि उसे एहसास हुआ कि उसने गलत रास्ता अपना लिया है। जंगल से किसी तरह बाहर निकलने के बाद वो बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी, एसी बोकारो मो मुमताज, कमांडेंट सीआरपीएफ 154 बटालियन, एसडीपीओ बेरमो और सीआरपीएफ बटालियन 26 के समक्ष सोमवार को पुलिस ऑफिस बोकारो कैंप-2 में महिला नक्सली सुनीता मुर्मू उर्फ लीलमुनि मुर्मू ने सरेंडर किया।सुनीता मुर्मू ने अपने साथियों से भी मुख्य धारा में आने की अपील की। सुनीता ने बताया कि वह नहीं चाहती कि लुगु बुरू जैसी किसी एनकाउंटर में उसकी भी मौत हो जाये। सुनीता मुर्मू ने बताया कि फिर किसी एनकाउंटर में मारे जाने के डर से उसने सरेंडर किया है।

भाकपा माओवादी की एक्टिव मेंबर है सुनीता मुर्मू

सुनीता मुर्मू 21 अप्रैल को ललपनिया पुलिस स्टेशन एरिया के लुगु पहाड़ी की तराई में पुलिस और नक्सलियों की एनकाउंटर में शामिल थी। सरेंडर करने वाली महिला नक्सली भाकपा माओवादी की एक्टिव है। एनकाउंटर के दौरान वहां से जान बचाकर भाग निकली थी।

सुरक्षा बलों ने 21 अप्रैल को आठ नक्सलियों को किया था ढे़र

ललपनिया के लुगु बुरू पहाड़ी की तलहटी में 21 अप्रैल को सुरक्षा बलों के साथ लगभग पांच घंटे तक नक्सलियों की एनकाउंटर हुई थी। उस एनकाउंटर में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग दा उर्फ विवेक समेत आठ नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। इसमें 10 लाख का इनामी नक्सली साहेब राम मांझी और तीन लाख का इनामी नक्सली अरविंद यादव शामिल था।