राजस्थान: जयपुर में पुजारी फैमिली का धरना खत्म, बाबूलाल के परिवार को 10 लाख रुपये, पक्का मकान और सरकारी नौकरी देगी गहलोत गवर्नमेंट

राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा में पुजारी बाूलाल की मर्डर के खिलाफ धरने पर बैठे फैमिली की सभी मांगों को स्टेट गवर्नमेंट ने मान लिया है। इसके बाद पुजारी फैमिली ने घरना समाप्त कर बॉडी की अंतिम संस्कार की तैयारी शुरु कर दी है। 

राजस्थान: जयपुर में पुजारी फैमिली का धरना खत्म, बाबूलाल के परिवार को 10 लाख रुपये, पक्का मकान और सरकारी नौकरी देगी गहलोत गवर्नमेंट

जयपुर। राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा में पुजारी बाूलाल की मर्डर के खिलाफ धरने पर बैठे फैमिली की सभी मांगों को स्टेट गवर्नमेंट ने मान लिया है। इसके बाद पुजारी फैमिली ने घरना समाप्त कर बॉडी की अंतिम संस्कार की तैयारी शुरु कर दी है। 
राजस्थान गर्नमेंट ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डेढ़ लाख रुपये का मकान और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। इस मामले की जांच के लिए जयपुर से एक एसआईटी का गठन भी किया जायेगा। एसएचओ को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि  पुजारी बाबूलाल को जिंदा जला दिया गया था। परिवार वालों ने शनिवार को अंतिम संस्कार से इनकार कर धरनापर बैठ गये थे।  प्रशासन लगातार परिवार को मनाने में जुटा था। 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से राज्य सरकार की वार्ता अब सफल हो गई है। आंदोलन समाप्त कर परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। 
गवर्नर  ने की सीएम से बात
गवर्नर ने पुजारी को कथित रूप से जलाने की घटना के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम से बात की थी। सीएम ने आश्वासन दिया कि मामलों की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। क्या है मामला
सापोटरा के बूकना गांव में बुधवार को एक मंदिर के पुजारी बाबू लाल वैष्णव पर पांच लोगों ने हमला किया। आरोप है कि मंदिर के पास की खेती की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे इन लोगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी।पुलिस के अनुसार मरने से पहले पुजारी ने पुलिस को बताया था कि कैलाश मीणा अपने साथियों शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा कर छप्पर लगा रहा था। मैंने विरोध किया तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मेरा परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेती कर अपना गुजारा करता है।बाबूलाल वैष्णव सपोटरा तहसील के बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पुजारी ने इसकी शिकायत की थी। 4-5 दिन पहले भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमे पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था।