झारखंड: लोअर कोर्ट में फिजिकल सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन

झारखंड की लोअर कोर्ट में फिजिकल सुनवाई की तैयारी तेज हो गयी है। हाई कोर्ट ने इन कोर्ट में सुनवाई के लिए दिशा- निर्देश (एसओपी) जारी कर दिया है। 

झारखंड: लोअर  कोर्ट में फिजिकल सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन
  • फिजिकल सुनवाई के लिए कोर्ट को तीन कटेगरी में बांटा गया 
  • हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने गाइडलाइन सभी जिलों के प्रधान जिला जज को भेजी
  • अभी फिजिकल सुनवाई की डेट जारी नहीं की गई

रांची। झारखंड मे लोअर कोर्ट में फिजिकल सुनवाई की तैयारी तेज हो गयी है। हाई कोर्ट ने इन कोर्ट में सुनवाई के लिए दिशा- निर्देश (एसओपी) जारी कर दिया है।हाई कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार कोर्ट में मामलों की सुनवाई के दौरान सभी नियमों का पालन करना होगा।

फिजिकल सुनवाई शुरू करने के पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी कोविड-19 यूजर मैनुअल का ट्रेनिंग लेना जरूरी होगा। सभी को फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट के लिए अलग-अलग कॉज लिस्ट जारी करना होगा।फिजिकल कोर्ट की पूरी व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुरूप ही करनी होगी। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने गाइडलाइन सभी जिलों के प्रधान जिला जज को भेज दी है। हालांकि फिजिकल सुनवाई की तिथि अभी जारी नहीं की गई है। जल्द ही तिथि जारी कर दी जायेगी। हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर फिजिकल सुनवाई के लिए स्टेट की कोर्ट को तीन कटेगरी में बांटा है। इसी अनुरूप दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।

जिन जिलों में कोरोना के 50 से कम केस एक्टिव हैं, वहां 50 परसेंट फिजिकल और 50 परसेंट वर्चुअल कोर्ट बैठेगी। जिला जज रोटेशन के आधार पर फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट तय करेंगे। विषयवार और कैडर के अनुसार कोर्ट की व्यवस्था भी करेंगे। जिन जिलों में कोरोना वायरस के 50 से 100 केस एक्टिव हैं, वहां एक तिहाई फिजिकल और दो तिहाई वर्चुअल कोर्ट बैठेगी। यहां याचिकाएं मौजूदा व्यवस्था के साथ-साथ ई सेवा केंद्र से भी दाखिल की जा सकेंगी।इन जिलों में एक-एक फैमिली कोर्ट, जिला जज, एडीजे, सीजेएम, एसीजेम की कोर्ट बैठेगी। दो सिविल जज, एक एसडीजेएम और न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) की कोर्ट बैठेगी। 
150 से अधिक कोरोना एक्टिव केस वाले जिलों में एक चौथाई फिजिकल और तीन चौथाई वर्चुअल कोर्ट में सुनवाई होगी। इन जिलों में याचिका ड्राॅप ब़ॉक्स में डाले जायेंगे। इन जिलों के जिला जज को विषयवार रोस्टर तैयार करने का अधिकार दिया गया है। साथ ही वर्चुअल और फिजिकल कोर्ट के लिए कॉज लिस्ट भी जारी करना होगा।

कोर्ट के सभी ऑफिस में सोशल डिस्टेंसिंग

कोर्ट की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि कोर्ट कैंपस के अंदर सभी ऑफिस में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा। बिना मास्क के किसी को भी इंट्री नहीं करने दिया जायेगा। सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था करनी होगी। जरूरी निर्धारित दूरी का पालन सभी को करना होगा।

वकीलों के चैंबर के लिए भी निर्देश
कोर्ट कैंपस के अंदर स्थित वकीलों के चैंबर के लिए भी निर्देश जारी किये गये हैं। यहां भी सभी को सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी। सुबह दस से शाम पांच बजे तक ही चैंबर खोले जाने की अनुमति रहेगी। अवकाश के दिन रविवार और अन्य अवकाश के दिन चैंबर को सैनिटाइज करना अनिवार्य होगा। हाई कोर्ट ने वकीलों को सुझाव दिया है कि यदि वह चाहें तो सुविधा अनुसार ऑड इवेन के आधार पर चैंबर खोल सकते हैं।

जायेंगे कोर्ट कैंपस में वकीलों और उनके स्टाफ ही जायेंगे

हाई कोर्ट ने कोर्ट कैंपस में सिर्फ वकील और उनके स्टाफ को ही इंट्री की अनुमति दी है। सभी को अपना आइकार्ड दिखाना होगा। कोर्ट कैंपस के एंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइज मशीन लगानी होगी। थर्मल स्कैनिंग करनी होगी। कोरोना वायरस संक्रमण का हल्का भी लक्षण मिलने पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं रहेगी।