झारखंड में किसानों का दो हजार करोड़ रुपये ऋण माफ होगा: गवर्नर

गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष ऋण माफी योजना अंतर्गत राज्य के किसानों का दो हजार करोड़ रुपए ऋण माफी का टारगेट रखा है।  स्टेट में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। गवर्नमेंट स्टेट के विकास का पहिया अनवरत आगे बढ़ता रहे इसके लिए भी प्रयासरत है। गवर्नर दुमका में स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगा फहराने के बाद लोगों को संबोधित कर रही थी।झंडोत्तोलन के बाद गवर्नर ने परेड की सलामी ली।

झारखंड में किसानों का दो हजार करोड़ रुपये ऋण माफ होगा: गवर्नर
दुमका में गवर्नर ने तिरंगा फहराया।

दुमका। गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष ऋण माफी योजना अंतर्गत राज्य के किसानों का दो हजार करोड़ रुपए ऋण माफी का टारगेट रखा है।  स्टेट में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। गवर्नमेंट स्टेट के विकास का पहिया अनवरत आगे बढ़ता रहे इसके लिए भी प्रयासरत है। गवर्नर दुमका में स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगा फहराने के बाद लोगों को संबोधित कर रही थी।झंडोत्तोलन के बाद गवर्नर ने परेड की सलामी ली। 

गवर्नर ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना महामारी ने स्टेट की अर्थव्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है।कृषि ही वह क्षेत्र है जो हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से उबरने की क्षमता रखता है। सरकार इस पर लगातार कार्य कर रही है।वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे व सीमांत किसानों को उनके अल्पकालीन फसल ऋण की माफी के लिए ऋण माफी योजना प्रक्रियाधीन है। सरकार ने इस वर्ष ऋण माफी योजना अंतर्गत राज्य के किसानों का दो हजार करोड़ रुपए ऋण माफी का लक्ष्य रखा है। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती प्रमाणीकरण तथा जैविक खाद उत्पादन प्रोत्साहन की योजना चलाई जा रही है। इस योजना अंतर्गत किसानों को लगभग 46 करोड़ रुपये का अनुदान दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

 उन्होंने कहा कि लैम्प्स/पैक्स के माध्यम से किसानों को खाद बीज, कीटनाशक दवा, फसल बीमा कार्य, धान अधिप्राप्ति इत्यादि का कार्य कराया जाता है। सरकार ने लैम्प्स/पैक्स को कार्यशील पूंजी एवं आधारभूत संरचना के फर्नीचर एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के प्रत्येक प्रखंड में स्थित एक लैम्प्स/पैक्स को मॉडल रूप में विकसित करने हेतु प्रति लैम्प्स/पैक्स कार्यशील पूंजी के रूप में ₹5 लाख रुपये एवं आधारभूत संरचना के रूप में दो लाख उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।वर्तमान परिदृश्य में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए मछली पालन के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।मछली पालन एवं मत्स्य बीज उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु राज्य में किसानों को निजी जमीन पर 62 एकड़ तालाब का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें से 17 एकड़ तालाब निर्माण का कार्य संथाल परगना क्षेत्र के लिए स्वीकृत किया गया है। राज्य में हाइजीनिक तरीके से मतस्य विपणन को प्रोत्साहित करने हेतु चार नए कुदरा मछली बाजारों का निर्माण कराया जा रहा है।

 

गवर्नर ने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र में सिंचाई की महत्ता को देखते हुए राज्य भर में पूर्व से कार्यान्वित हो रहे 350 चेक डैम योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके द्वारा राज्य के छोटे-छोटे नदी नालों के प्रभाव को चेक डैम के माध्यम से जल का संचयन किया जाएगा जो सिंचाई के साथ-साथ ग्रामीणों की अन्य दैनिक जल की आवश्यकता हेतु काफी फलदायी होगा।

 

कोरोना ने मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है।शिक्षा के क्षेत्र में तो अभी से ही इसका व्यापक असर दृष्टिगोचर होने लगा है। विपदा की इस घड़ी में शिक्षा व्यवस्था पर कोरोना के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए हमारी सरकार सतत प्रयत्नशील है राज्य में अप्रैल 2020 से "डीजी-साथ कार्यक्रम" के अंतर्गत ऑनलाइन शिक्षा संचालित की जा रही है। जिससे राज्य के लगभग 14 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें संताल परगना क्षेत्र के 4.50 लाख विद्यार्थी भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन के माध्यम से भी पठन-पाठन का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। संथाली भाषा का विकास एवं शिक्षण के लिए आवश्यक पहल किए जा रहे हैं। संथाल परगना प्रमंडल में विशेष रुप से संथाली भाषा का विकास एवं शिक्षण हेतु आवश्यक पहल किए जा रहे हैं। संथाली भाषा हेतु साहिबगंज जिला में 130 अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है ताकि इन के माध्यम से विद्यार्थियों को भाषा विशेष की जानकारी प्रदान की जा सके।

 

उन्होंने कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों की आधारभूत संरचनाओं के इष्टतम उपयोग के उद्देश्य से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों /तकनीकी शिक्षण संस्थानों में भी कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षा संचालन की व्यवस्था की गई है। साथ ही डिजिटल माध्यम से अध्ययन अध्यापन कार्य को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से झारखंड एजुकेशन ग्रिड के अंतर्गत झारखंड सेंटर फॉर डिजिटल लर्निंग की स्थापना की जा रही है। तकनीकी शिक्षण संस्थानों में छात्रों के नामांकन हेतु ऑनलाइन के साथ-साथ स्पॉट राउंड की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में पॉलिटेक्निक/ महिला पॉलिटेक्निक संस्थानों में नामांकन का कार्य, दसवीं में प्राप्त अंकों के आधार पर करने की व्यवस्था की जा रही है। विपदा के इस दौर में भी सरकार राज्य के अंतिम व्यक्ति के कल्याणार्थ हर समुचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में शहीद ग्राम विकास योजना अंतर्गत जनजातीय शहीदों के 10 चयनित गांव के समग्र विकास हेतु विभिन्न योजनाओं यथा आवास, पेयजल आपूर्ति ,सोलर विद्युतीकरण एवं अन्य बुनियादी संरचना आदि का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना की सफलता एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शहीद ग्राम विकास योजना को अगले तीन वर्षों के लिए विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है। अनुसूचित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की सुविधा मुहैया कराने हेतु कुल 13.30 करोड़ की लागत से दुमका एवं सिमडेगा जिला में 02 ग्रामीण पाइप आधारित जलापूर्ति योजना स्वीकृति की गई है। राज्य की समस्त जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस वर्ष राज्य के 25 प्रतिशत घरों अर्थात् लगभग 13 लाख घरों में नल से जल के आच्छादन का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष कुल 25 वृहद जलापूर्ति योजनाओं को चयनित किया गया है, जिससे 1.27 लाख गृह संयोजन एवं 7.3 लाख आबादी को लाभान्वित कराया जायेगा।  ‘स्वच्छता’ हम सभी की जिम्मेदारी है और हमें, अपने और अपने आस-पास की स्वच्छता को बनाये रखने की नितान्त आवष्यकता है। क्योंकि यह केवल स्वच्छता ही है, जो बाहरी और आंतरिक रूप से स्वच्छ रहकर हमारे व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करती है। कोरोना महामारी के वर्तमान परिदृष्य में स्वच्छता का महत्व और भी बढ़ गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत राज्य के प्रत्येक गांव में सामुदायिक स्वच्छता परिसर (सामुदायिक शौचालय) का निर्माण किया जाना है। वर्तमान में दुमका प्रक्षेत्र में अब तक 193 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

 

उन्होंने कहा कि स्टेट में कोरोना महामारी से निबटने एवं गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य की सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना की शुरूआत की गई। दीदी किचन के संचालन की जिम्मेवारी पंचायत स्तर पर निबंधित सखी मंडलों को दी गई। इन सभी केन्द्रों पर भोजन वितरण के साथ भोजन की गुणवत्ता और सामाजिक दूरी का सख्ती से अनुपालन किया गया। सखी मंडल की महिलाओं के द्वारा मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना के सफल संचालन के साथ-साथ गांवों में कोरोना के प्रति जागरूकता, मास्क एवं सैनिटइजर निर्माण, बैंकिंग सेवाएं, किसानों के उत्पादों की बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा रही हैं। गवर्नर ने लोगों से अपील किया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निदेशों का पुर्णतः अनुपालन करें। स्वयं और अपने परिवार विशेषकर बच्चों एवं वृद्धजनों का ख्याल रखें। मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार के सद्प्रयासों और आप सबों के सहयोग से कोरोना महामारी के विरूद्ध इस लड़ाई में हम जरूर विजयी होंगे।