Dhanbad : कौन बनेगा गोविंदपुर व बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन का ऑफिसर इंचार्ज? जीटी रोड का थाना बना हॉटकेक
एसएसपी प्रभात कुमार जिला पुलिस महकमा में हाल के कुछ वर्षों से लगे जंग को छुड़ाने में लगे हैं। पुलिस कप्तान डिपार्टमेंट में अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। इसका परिणाम है कि 20 दिनों धनबाद पुलिस की कार्यशैली पूरी तरह बदल गयी है। कप्तान ने अब तक चार थानेदारों को पुलिस लाइन पहुंचा दिया है।

धनबाद। एसएसपी प्रभात कुमार जिला पुलिस महकमा में हाल के कुछ वर्षों से लगे जंग को छुड़ाने में लगे हैं। पुलिस कप्तान डिपार्टमेंट में अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। इसका परिणाम है कि 20 दिनों धनबाद पुलिस की कार्यशैली पूरी तरह बदल गयी है। कप्तान ने अब तक चार थानेदारों को पुलिस लाइन पहुंचा दिया है।
यह भी पढ़ें :Dhanbad : मजदूर लीडर एसके राय की 25वीं पुण्यतिथि मनी
एसएसपी प्रभात कुमार ने कार्रवाई के पहले फेज में धनसार व ट्रैफिक पुलिस स्टेशन इंचार्ज को क्लोज किया था। दोनों जगह तत्काल नये थानेदारों की पोस्टिंग कर दी गयी। दूसर फेज में सोमवार को गोविंदपुर व बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन ऑफिसर इंचार्ज लाइन क्लोज कर दिया गया है। दोनों जगह तत्काल पोस्टिंग नहीं की गयी है। नियमानुसार अप्रगेड पुलिस स्टेशन होने के कारण गोविंदपुर थानेदार पुलिस इंस्पेक्टर होते हैं। बरवाअड्डा थानेदार की कमान सब इंस्पेक्टर लेवल का पुलिस अफसर संभालते हैं।
बरवाअड्डा व गोविंदपुर का थानेदार कौन बनेगा?
अब सवाल उठ रहा है कि जीटी रोड के क्रीम थाने बरवाअड्डा व गोविंदपुर का थानेदार कौन बनेगा। नये पुलिस कप्तान की कार्यशैली से पुलिस इंस्पेक्टर व दारोगाओं में हड़कंप है।पूर्व की तरह कोई संभावना व्यक्त नहीं की जा रही है। कप्तान के सख्ती के कारण इंस्पेक्टर व दारोगा किसी तरह की पैरवी नहीं करवा पा रहे हैं। कप्तान इस संबंध में पहले ही हिदायत दे चुके हैं। एसएसपी पुलिस अफसरों की कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। कई पैमाने पर उन्हें तुलनात्मक दृष्टिकोण से मापा जा रहा है।
कुर्सी से हटे ट्रक वाला थानेदार गोविंदपुर के लिए कर रहे हैं लॉबिंग
जानकार सोर्सेज का कहना है कि जीटी रोड के एक थाना की थानेदारी से हटाये गये एक पुलिस इंस्पेक्टर गोविंदपुर की थानेदारी के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। संबंधित इंस्पेक्टर का बीजेपी नेताओं से बेहतर संबंध है। पूर्व कप्तान के लिए दलाली करने वाले एक स्वजातीय नेता ने ही उन्हें थानेदारी दिलवायी थी। संबंधित इंस्पेक्टर को दर्जन भर ट्रक है। वह जीटी रोड के लिए एक अन्य जिला में भी थानेदारी कर चुके हैं। जीटी रोड में रहकर वह अपनी ट्रक से कोयला व जानवर की तस्करी कराते रहते हैं।
एक सप्ताह तक रांची में चक्कर काटते लौटे हैं युवा इंस्पेक्टर
करोड़ों रुपये काली कमाई कर ट्रक वाला युवा इंस्पेक्टर अभी एक सप्ताह तक रांची में चक्कर काटते रहा है। ऑफिस के चंद पुलिसकर्मियों से भी इस इंस्पेक्टर का दांत-काटी चलती है। हालांकि यह भी तय है कि नये कप्तान विभागीय कार्य में लॉबिंग, भ्रष्टाचार व अनुशासनहीनता को नापसंद करते हैं। ऐसे में इस तरह के अफसरों को जीटी रोड की कमान मिलने की संभावना क्षीण है। आरोप है कि संबंधित इंस्पेक्टर दूसरे इंस्पेक्टर को थानेदार बनाये जाने की संभावना बता मामला सार्वजनिक करवा रहे हैं ताकि उनकी बारी आ सके।
पूर्व में थानेदारों की पोस्टिंग में लगती रही है बोली !
यह सर्विविदत है कि हाल के कुछ वर्षों में जिले में थानेदारों की पोस्टिंग में बोली लगती रही है। जीटी रोड का आधा दर्जन थानों को लेकर रांची तक आवाज सुनी जाती थी। जिले में थानेदारों की पोस्टिंग का कई आधार व पैमाना भी नहीं था। बोकारो ऑफिस से भी अनुमोदन प्राप्त हो जाता रहा है। जिले में पिछले 17 माह के दौरान 55 थानों में दर्जन भर थाना छोड़ अधिकांश में कम से कम दो बार थानेदारों की पोस्टिंग हो चुकी है।
जिले में चार दिन व चार माह बदले गये थानेदार
जिले में चार दिन व चार माह में भी थानेदारों को हटाया जाता रहा है। थानेदार से लिखवाया जाता था कि वह पद से हटना चाहते हैं। जिले के धनबाद, बैंक मोड़, केंदुआडीह, जोगता, तेतुलमारी, पूर्वी टुंडी, बरोरा, बाघमारा, पाथरडीह, गौशाला, गलफरबाड़ी, घुनीडीह में 17 माह में तीन से चार बार थानेदारों की पोस्टिंग की जा चुकी है। रिकार्ड के अनुसार स्टेट में इस दौरान धनबाद जिला में ही सबसे अधिक थानेदारों की ट्रांसफर पोस्टिंग होती रही है।
नये कप्तान आते ही पुराने फार्मूला बदला, नाम नहीं काम जरूरी
नये कप्तान के आने के बाद पुलिस अफसर पुराने फार्मूले को भूल गये हैं। ऐसे में बेबजह पूर्व में ट्रैक से आउट रहे पुलिस अफसरों के लॉटरी लगने की संभावना बढ़ गयी है। अभी तक जिले में अनुसूचित जाति के अफसरों की थानेदारी में सख्या न के बराबर है। 55 थानों में पांच थानेदार भी एसटी नहीं थे। हालांकि नये कप्तान ने पोस्टिंग की शुरुआत ही पुलिस इंस्पेक्टर मनोहर करमाली को धनसार थानेदार की कमान देकर की है। श्री करमाली बेवजह पुटकी से हटा दिये थे। वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं।