Dhanbad : बीसीसीएल की घनुडीह ओसी पैच A के 2127 करोड़ के टेंडर कब्जा करने की कोशिश ! 

बीसीसीएल बस्ताकोला एरिया के  घनुडीह ओसी पैच A के वर्क पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है। आरोप है कि 2127 करोड़ के टेंडर कब्जा करने के लिए प्रक्रिया में भाग लेने वाले कंपनियों को प्रलोभव व धमकी जा रही है। मामले में बीसीसीएल मैनेजमेंट की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

Dhanbad : बीसीसीएल की घनुडीह ओसी पैच A के 2127 करोड़ के टेंडर कब्जा करने की कोशिश ! 
बीसीसीएल हेडक्वार्टर (फाइल फोटो)।
  • प्रक्रिया पूरी करने में बीसीसीएल पर शिथिलता बरतने का लग रहा आरोप
  • फरवरी के पहले सप्ताह में डाला गया टेंडर अब तक नहीं हुआ फाइनल
  • दबंग द्वारा बनाया जा रहा है टेंडर वापस लेने का बना रहे दबाव

धनबाद। बीसीसीएल बस्ताकोला एरिया के  घनुडीह ओसी पैच A के वर्क पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है। आरोप है कि 2127 करोड़ के टेंडर कब्जा करने के लिए प्रक्रिया में भाग लेने वाले कंपनियों को प्रलोभव व धमकी जा रही है। मामले में बीसीसीएल मैनेजमेंट की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। 
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बीसीसीएल बस्ताकोला एरिया के घनुडीह ओसी पैच A कोयला और ओबी निकासी व ट्रांसपोटिंग के लिए फरवरी माह में टेंडर हुआ था। 2127 करोड़ के वर्क के लिए 24 फरवरी तक टेंडर डालना था। इस कार्य को हासिल करने के लिए कुल 10 कंपनियों ने टेंडर डाला है। नियमानुसार 90 दिनों के अंदर टेंडर डालने वाली कंपनियों को क्वालीफाई व ननक्वालीफाई करना होता है। क्वालीफाई में से ही किसी एक कंपनी को जिका रेट लो रहता है एल-वन घोषित कर वर्क ऑर्डर ईसू कर दिया जाता है। 

विवाद खुलकर सामने आया
2127 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में भी कंपनी द्वारा कुछ बड़े कंट्रेक्टरों की कथित मिलीभगत से टेंडर डालने वाले कंट्रेक्टरों को टेंडर वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कुछ के टेंडर पेपर को मिसमैच कराने की कोशिश की जा रही है। ऐसा कर चेहते कंट्रेक्टर की कंपनी को एल-वन घोषित कर कार्य आवंटित किया जा सकता है। इसका विवाद खुलकर सामने आ गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ टेंडर डालने वालों को एक कथित बड़े कंट्रेक्टर द्वारा टेंडर पेपर वापस लेने की सीधी धमकी दी जा रही है।

बीड एक्सटेंशन के लिए लेटर का जबाव देने का प्रेशर
बीसीसीएल की ओर से टेंडर डालनेवाले कंपनियों को बीड एक्सटेंशन के लिए लेटर दिया गया है। आरोप है कि किसी खास को लाभ पहुंचने के लिए अधिकतर कंपनियों से बेवजह क्वायरी कराया जा रहा है। कुछ जबाव नहीं देने के लिए प्रेशर दिया जा रहा है। बार-बार लेटर व क्वायरी के माध्यम से परेशान कर चेहते कंपनियों को कार्य देने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। आरोप है कि दंबग कंट्रेक्टर ओर से लिखित दिलवाने टेंडर डालने पर गंभीर परिणाम भुगतने के धमकी दी गयी है।

टेंडर खोलने में देरी से उठ रहे हैं सवाल
वर्ष 2025 के फरवरी के प्रथम सप्ताह में जारी इस टेंडर की बिडिंग मार्च के प्रथम सप्ताह में हुआ है। लगभग चार महीना होने को है लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। इससे कोलियरी लेवल पर ही नहीं बल्कि बल्कि उद्यमियों और टेंडरकर्ताओं के बीच भी चर्चा का बाजार गर्म है। टेंडर खोलने में बीसीसीएल टेंडर कमेटी विलंब क्यों कर रही है, इसको लेकर कोयला उद्यमियों में कई तरह की चर्चा है चर्चा है कि किसी खास को ही टेंडर के उद्देश्य से अन्य टेंडरकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है।

टेंडर के अनुसार यह है वर्क
बीसीसीएल द्वारा निकले गये टेंडर के मुताबिक घनूडीह ओसी पैच से टेंडर निर्गत करने के दिन से 2190 दिनों यानी छह वर्षों में 458.20 लाख क्यूबिक मीटर इन सीटू ओबी और 478.40 लाख मीट्रिक टन डंप किए हुए लूज डंप ओवर बर्डन को हटाने तथा 145.62 लाख मीट्रिक टन कोयला का उत्पादन कर ट्रांसपोर्टिंग करनी है। कोयल जो कि सोम IV(T), IV(B), III(T), III (B), II (MB) और I (MB) सीम से उत्पादित होगा, को घनुडीह ओसी पैच-ए को ट्रांसपोर्ट कर निर्देशित लोडिंग पॉइंट पर डंप करना है।

टेंडरों में पहले भी होता रहा है ऐसा ही खेला
ऐसे ही घटना बीसीसीएल की कुसुंडा एरिया के केंदुआडीह कोलियरी पैच के मामले में भी देखने को मिला था। यह टेंडर 790 करोड़ रुपये का था। छह साल में 20.20 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होना था। लेकिन टेंडर के नौ माह बाद तक इसको फाइनल नहीं किया गया था, जबकि नियमतः टेंडर पेपर 120 दिनों में खुल जाना चाहिए था। फाइनल होने पर सभी आर्हता पूरी करने वाली कंपनियों को डिसक्वालीफाई कर हाई रेट डालने वाली कंपनी को क्वालीफाई किया गया है। ऐसा कर सिंडिकेट को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गयी है। इस मामले की कंपलेन मिनिस्ट्री व सेंट्रल जांच एजेंसी तक पहुंचाने की बात कही जा रही है।