झारखंड: हजारीबाग में मालिक की मौत पर रोया बछड़ा, दाह संस्कार में हुआ शामिल, चिता की परिक्रमा किया

झारखंड के हजारीबाग जिले के चौपारण के चैथी गांव में शनिवार को एक बछड़े ने अपने मालिक (कोई संतान नहीं) की मौत पर श्मशान घाट पहुंच कर रोया। बछड़ा ने चिता पर रखे बॉडी की अन्य लोगों के साथ परिक्रमा किया। पैर व हाथ को चूमा। बछड़ा तबतक वह वहां से नहीं हटा जबतक मालिक का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया। 

झारखंड: हजारीबाग में मालिक की मौत पर रोया बछड़ा, दाह संस्कार में हुआ शामिल, चिता की परिक्रमा  किया
मालिक की बॉडी के पास बछड़ा।
  • बॉडी की परिक्रमा कर मालिक के पैर और माथे को चूमा
हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिले के चौपारण के चैथी गांव में शनिवार को एक बछड़े ने अपने मालिक (कोई संतान नहीं) की मौत पर श्मशान घाट पहुंच कर रोया। बछड़ा ने चिता पर रखे बॉडी की अन्य लोगों के साथ परिक्रमा किया। पैर व हाथ को चूमा। बछड़ा तबतक वह वहां से नहीं हटा जबतक मालिक का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया। 
 
बताया जाता है कि अचानक एक बछड़े को बॉडी के पास आकर रंभाता देख लोगों ने पहले इसे हल्के में लिया। डंडे से मारकर बछड़ा को  भगाने की कोशिश की जब बछड़ा बार-बार बॉडी के पास आने लगा तो लोग देखते रह गये। मौके पर मौजूद बुजुर्गों के कहने पर जब उसे बॉडी के पास जाने दिया गया। इसके बाद बछड़ा ने को चूमा और फिररंभाने लगा। यह दृश्य देखकर हर एक की आंखें नम हो गई। बछड़ा को लोगों ने मृतक मेवालाल का पुत्र की संज्ञा देकर दाह संस्कार में शामिल भी कराया। कई  लोगों‍ ने इस पूरी घटना अपने कैमरे में कैद कर लिया। यह इंटरनेट मीडिया पर यह वायरल भी हो रहा है।
मेवालाल ने तीन माह पहले बेच दिया था बछड़ा
लोगों ने बताया कि मेवालाल का निधन शनिवार की सुबह हो गया था, उसके भाई भतीजे ने भव्य तरीके से उसकी अंतिम यात्रा निकाली। लोग गाजे-बाजे के साथ वे श्मशान घाट पहुंचे थे।  मेवालाल ने एक गाय पाल रखी थी, उससे वह बछड़ा हुआ था। बछड़े को वह बहुत प्यार करते थे। पैसे की तंगी के कारण तीन माह पूर्व बछड़ा को बगल के गांव पिपरा में बेच दिया था। लोग इसे चमत्कार बता रहे थे। लोगों का कहना है कि यह कैसे संभव है कि जिसे तीन माह पहले  दूसरे गांव में बेच दिया गया हो। उसे अपने मालिक की मौत हो जाने की जानकारी मिल जाए। वह उसे देखने श्मशान घाट आ जाए।  यह घटना दर्जनों लोगों के सामने हुई। लोग इसे ईश्वर की कृपा और पुत्र के रूप में बछड़ा का आगमन बता रहे थे।
लोगों ने बछडे़ को कराया स्नान
श्मशान घाट पर पहुंचे लोगों को बछड़े के बारे में जानकारी हुई तो फिर उसे पानी से स्नान कराया। शांतिपूर्वक स्नान के बाद बछड़ा दाह संस्कार में शामिल हुआ।फिर वह परिक्रमा के लिए चला गया।