बिहार: 11 जिलों के 80 ब्लॉक के 600 पंचायतों में 13 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित, अब तक 15 की मौत

बिहार में 11 जिलों के 80 ब्लॉक के 600 पंचायतों में 12 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं। अब तक लगभग 15 लोगों की बाढ़ के कारण मौत भी हो गई है। स्टेट गवर्नमेंट ओर से प्रभावितों के लिए राहत और बचाव कार्य चलाये रहे हैं जो नाकाफी हैं।

बिहार: 11 जिलों के 80 ब्लॉक के 600 पंचायतों में 13 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित, अब तक 15 की मौत
  • चंपारण और मिथिलांचल में फिर बांध टूटे
  • सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर में बाढ़ पीड़ित इलाकों ने के लोगों ने एनएच किनारे पर डारा जमाया

पटना। बिहार में 11 जिलों के 80 ब्लॉक के 600 पंचायतों में 12 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं। अब तक लगभग 15 लोगों की बाढ़ के कारण मौत भी हो गई है। स्टेट गवर्नमेंट ओर से प्रभावितों के लिए राहत और बचाव कार्य चलाये रहे हैं जो नाकाफी हैं। बाढ प्रभावित एरिया में हेलीकॉप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स पहुंचाए जा रहे हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सभी प्रभावित इलाकों में तैनात है। लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा रही है। राज्य के विभिन्न जिलों में 422 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें एक लाख 75 हजार लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं। 

उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश से तबाही
उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश का दौर रविवार को थमने के बावजूद चंपारण और मिथिलांचल में बाढ़ से तबाही मची हुई है। मुजफ्फरपुर के आसपास एरिया में भी संकट बरकरार है। पूवी चंपारण में तेतरिया के लहलादपुर में गंडक नदी का बांध टूट गया। दरभंगा के केवटी में डुमरी गुठली बांध करीब दस फीट में टूट गया। पिछले एक हफ्ते टूटे बांधों की अभी मुकम्मल मरम्मत नहीं हो सकी है। ऐसे में पानी का प्रेशर बढ़ने पर इन बांधों के आगे के भी हिस्से में टूट की आशंका बनी हुई है। दूसरी तरफ घरों में बाढ़ का पानी घुसने से हजारों पीड़ित एनएच, बांध और अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं।गंडक में कटाव तेज होने से मुजफ्फरपुर के मीनापुर में बीस से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मुजफ्फरपुर-शिवहर एनएच पर भी पानी चढ़ गया है। पानी के बहाव में और तेजी आने से आवागमन प्रभावित है। शहर के अहियापुर, शहबाजपुर, चंदवारा समेत कई निचले इलाकों में पानी घुसा हुआ है। औराई, कटरा, गायघाट, पारू, साहेबगंज आदि बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर है। केवटी में डुमरी गुठली बांध करीब दस फीट में टूट गया। इससे दिघियार,लालगंज तथा पैगम्बरपुर पंचायत के कई गांवों में पानी फैल रहा है। दरभंगा-जयनगर एनएच और दरभंगा-समस्तीपुर सड़क पर अब भी पानी चढ़ा है। 

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बागमती नदी हायाघाट में 14 सेंटीमीटर बढ़कर खतरे के निशान से 1.72 मीटर ऊपर बह रही है। अधवारा नदी कमतौल में खतरे के निशान से 1.74 मीटर ऊपर  है। एकमी घाट पर भी जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। यहां नदी खतरे के निशान से 1.64 मीटर ऊपर है। दरभंगा-जयनगर एनएच पर अब भी बाढ़ का पानी है। सीतामढ़ी में बागमती सहित अधवारा समूह की नदियां लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। डायवर्सन बहने से बेलसंड-शिवहर-मोतिहारी-मुजफ्फरपुर मार्ग बाधित  हो गया है।

जलस्तर घटने के बाद भी चंपारण तबाह
चंपारण में गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती के साथ साथ दर्जन भर पहाड़ी नदियों की मार से बाढ़ का संकट नहीं घट रहा है। मोतिहारी के तेतरिया के लहलादपुर में गंडक का बांध टूटने से  लहलादपुर पंचायत के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के सरोत्तर से बझिया मननपुर गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पुरैना गांव के समीप बना पुल ध्वस्त हो गया। पुल टूटने से कई गांव का संपर्क भंग हो गया है। तुरकौलिया की सपही पंचायत के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बिजुलपुर पंचायत के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैल रहा है। सुगौली के गैस गोदाम के पास सड़क में बाढ़ के पानी से कटाव होने लगा है।

पाल से बिहार में प्रवेश करने वाली नदियों का रुख बदला तो पुल और उसके एप्रोच रोड धवस्त

पश्चिम चंपारण में कुछ जगहों पर सिकरहना और गंडक में जलस्तर में कमी आने लगा है। लौरिया-रामनगर पथ से पानी उत्तर गया है और आवागमन चालू हो गया है। लौरिया-नरकाटियागंज, बेतिया-नरकटियागंज, बेतिया-सिकटा-मैनाटांड़ पथ पर पांच-सात दिनों से आवागमन ठप है। लौरिया-चनपटिया और माझौलिया में दर्जनों घरों में अब भी पानी लगा है। नेपाल से बिहार में प्रवेश करने वाली नदियों का रुख बदला तो पुल और उसके एप्रोच रोड निशाना बन गये हैं। रेत जमने से नदियां उथली हो गई हैं। पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी एवं मधुबनी जिलों में सैकड़ों जगह छोटी-बड़ी सड़कों के ध्वस्त होने के साथ-साथ पुल-पुलिया और एप्रोच रोड टूटने से लाखों की आबादी प्रभावित हुई है।
छपरा-सत्तर घाट मुख्य पथ की पुलिया का एप्रोच रोड ध्वस्त हो गया। मुजफ्फरपुर के औराई ब्लॉक में और बागमती नदी ने गायघाट प्रखंड में कई पुल-पुलिया एवं एप्रोच रोड को ध्वस्त कर दिया है। बागमती के अधूरे तटबंध और लखनदेई- मनुषमारा नदियों के स्लुइस गेट बेकार होने से बड़ी तबाही हो रही है।

सीतामढ़ी में  आठ जगहों पर डायवर्सन ध्वस्त
सीतामढ़ी में एक साथ कई नदियों में आयी बाढ़ से आठ जगहों पर पुलों के डायवर्सन ध्वस्त हो गए हैं। सीतामढ़ी-शिवहर एचएच-104 पर परसौनी का पमरा डायवर्सन ध्वस्त हो गया है। सीतामढ़ी-सुरसंड पथ में पांच जगहों पर डायवर्सन ध्वस्त होने से आवागमन ठप है। बाजपट्टी में पुल व एप्रोच रोड टूट गया है।  ईटवा पुल का डायवर्सन, सुरसंड-पुपरी एसएच-87 में कोआरी डायवर्सन और डुमरा-लगमा रो का डायवर्सन ध्वस्त हो गया है।