Puri Jagannath Yatra Stampede:पुरी में रथ यात्रा के दौरान गुडिंचा मंदिर के पास भगदड़, तीन की मौत, 50 से ज्यादा घायल
ओड़िसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ यात्रा के दर्शन के दौरान भीड़ में रविवार की सुबह लगभग चार बजे अफरा-तफरी के बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गयी। गुंडिचा मंदिर के सामने हुए इस हादसे में 50 से ज्यादा घायल हो गये हैं। भगदड़ जैसी स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में दो महिला और एक पुरुष है। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है। घायलों में छह की हालत गंभीर है। घायलों की संख्या में वृद्धि की आशंका है।

पुरी। ओड़िसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ यात्रा के दर्शन के दौरान भीड़ में रविवार की सुबह लगभग चार बजे अफरा-तफरी के बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गयी। गुंडिचा मंदिर के सामने हुए इस हादसे में 50 से ज्यादा घायल हो गये हैं। भगदड़ जैसी स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में दो महिला और एक पुरुष है। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है। घायलों में छह की हालत गंभीर है। घायलों की संख्या में वृद्धि की आशंका है।
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#WATCH | पुरी: ओडिशा के DGP वाई.बी. खुरानिया रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए गुडिचा मंदिर पहुंचे, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 6-7 लोग घायल हो गए। pic.twitter.com/tRxIEPJagM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2025
पुरी की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को उनकी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर के सामने नौ दिन के लिए खड़ा कर दिया जाता है। यहां बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लोगों में उसके दर्शन करने की होड़ लग गयी। इसी दौरान भगदड़ मची, जिसमें गिरने से कई लोग कुचल गये। बताया जा रहा है कि घटना के समय वहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था। हादसे में मारे गये लोगों के नाम बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास हैं। तीनों बॉडी पुरी मेडिकल कॉलेज में रखे गये हैं।
STORY | 3 killed, 50 injured in stampede near Shree Gundicha Temple in Odisha's Puri
— Press Trust of India (@PTI_News) June 29, 2025
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VIDEO | Visuals from Puri district hospital where injured are being admitted. pic.twitter.com/0b9TLnBZUB
भारी बारिश के कारण श्रद्धालु अपने साथ प्लास्टिक की चादरें लेकर आये थे। भगदड़ मचने के बाद जब लोग इधर-उधर भागने लगे तो उनके पैर प्लास्टिक की चादरों से फिसल गये और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। पुरी के गुंडिचा मंदिर के सामने भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के पास सुबह चार बजे भारी भीड़ जमा हो गयी थी। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, लोगों में दर्शन की होड़ लग गयी। नंदीघोष रथ के पास पहुंचने के दौरान भगदड़ मच गयी। बीते कुछ दिनों से जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा का आयोजन चल रहा है। घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है।
सैकड़ों श्रद्धालुओं की शुक्रवार को बिगड़ी थी तबीयत
इससे पहले शुक्रवार (27 जून) को देवी सुभद्रा के रथ के आसपास भीड़ का दबाव बढ़ने से 625 से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी। प्रशासन के अनुसार 70 लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। इनमें से नौ की हालत गंभीर बतायी जा रही है।
#WATCH | मयूरभंज, ओडिशा | जगन्नाथ पुरी की गुंडिचा यात्रा के एक दिन बाद मनाई जाने वाली बारीपदा रथ यात्रा में एक अनूठी परंपरा के रूप में महिलाएं विशेष रूप से देवी सुभद्रा का रथ खींचती हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2025
इस साल, तीनों भाई-बहनों के रथ 28 जून को खींचे गए और टाउन पुलिस स्टेशन में रुके। 29 जून को… pic.twitter.com/M5bxAnKxuK
रथयात्रा शुक्रवार को शुरू, रविवार को पूरी हुई
पुरी में शुक्रवार (27 जून) को शाम चार बजे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हुई थी। सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ खींचा गया। इसके बाद सुभद्रा और जगन्नाथ के रथ खींचे गये। पहले दिन बलभद्र का रथ 200 मीटर तक खींचा गया, सुभद्रा-भगवान जगन्नाथ के रथ भी कुछ दूरी तक खींचे गये। शनिवार को फिर 10 बजे फिर रथयात्रा शुरू हुई। भक्तों ने तीनों रथों को खींचना शुरू किया। सुबह 11.20 बजे भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज और दोपहर 12.20 बजे देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ और इनके बाद भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ 1.11 बजे गुंडिचा मंदिर पहुंच गया।
खबर के अनुसार, रविवार होने की वजह से आज सुबह लगभग चार बजे श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने खड़े तीनों रथों पर चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। भारी भीड़ के कारण श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गयी और रथ के पास भगदड़ जैसी स्थिति बन गयी। उल्लेखनीय है कि शनिवार दूसरे दिन तीनों रथों को खींचकर भक्त शरधाबाली के पास पहुंचाये। ऐसे में गुंडिचा मंदिर के सामने-खड़े तीनों रथ पर विराजमान चतुर्था विग्रह का दर्शन पूरी रात चला। निर्धारित रीति के मुताबिक आज अपराह्न चार बजे चतुर्धा विग्रहों को गुंडिचा मंदिर में लिया जायेगा।
सीएम मोहन चरण माझी ने भक्तों से माफी मांगी
पुरी मंदिर में भगदड़ से मची अफरातफरी के बाद ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने बयान जारी कर भगवान जगन्नाथ के भक्तों से इस दुखद घटना के लिए माफी मांगी है। इस मामले में सफाई देते हुए पुलिस महानिदेशक वाई बी खुरानिया ने कहा है कि भगदड़ के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है। वहीं, खुरानिया ने घटना की जांच के निर्देश दिये। पुलिस डीजी वाईबी खुरानिया ने कहा है कि भगदड़ किस वजह से हुई, इसकी जांच चल रही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज
भगदड़ में तीन लोगों की मौत की घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज किया गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता जयंत दास ने यह मामला दर्ज कराया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा है कि पुलिस डीजी और जिला कलेक्टर को तुरंत हटाया जाना चाहिए। खास तौर पर पुरी का ऐसा जिला कलेक्टर जो ठीक से चल भी नहीं सकता, ऐसे व्यक्ति को पुरी कलेक्टर की जिम्मेदारी देना ठीक नहीं है।
पुलिस के लापरवाह रवैये से भक्तों ने जान गंवाई
विश्वसनीय सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक भीड़ को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी सीनीयर आईपीएस अफसर सौमेंद्र प्रियदर्शी एवं पिनाक मिश्रा के पास थी। हालांकि वह रात एक बजे के बाद अपने गेस्ट रूम में विश्राम करने चले गये।इससे भारी भीड़ को कंट्रोल कर रही पुलिस के लापरवाह रवैये का खामियाजा आम भक्तों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा है। कुछ भक्तों ने लिखा है कि ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल में लगी हुई थी परंतु गुंडिचा मंदिर के सामने उमड़ी भीड़ को जगन्नाथ भरोसे छोड़ दिया गया था। प्रशासन को पहले से पता था कि रथ यात्रा के दिन अधिकांश भक्त महाप्रभु का दर्शन नहीं कर पाए हैं। ऐसे में गुंडिचा मंदिर के सामने रथ पर विराजमान महाप्रभु का दर्शन करने के लिए भक्ति आतुर हैं। बावजूद इसके भीड़ को नियंत्रित करने को प्रशासन की तरफ से वह व्यवस्था नहीं की गई जो करनी चाहिए थी।