झारखंड हाई कोर्ट से आउटसोर्सिंग कंपनी को बड़ा झटका, BCCL में 790 करोड़ की कोल माइनिंग का टेंडर पर रोक

कोयलांचल की श्रमिक राजनीति में शुक्रवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। कुसुंडा क्षेत्र संख्या 10 के कई वरिष्ठ मजदूर नेताओं ने जनता मजदूर संघ का दामन छोड़कर राष्ट्रीय जनता कामगार संघ का हाथ थाम लिया। इस मौके पर हजारों की संख्या में समर्थक भी उनके साथ मौजूद रहे, जिससे यह बदलाव चर्चा का विषय बन गया है।

झारखंड हाई कोर्ट से आउटसोर्सिंग कंपनी को बड़ा झटका, BCCL में 790 करोड़ की कोल माइनिंग का टेंडर पर रोक
मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को

धनबाद। झारखंड हाई कोर्ट ने बीसीसीएल कुसुंडा एरिया के केंदुआडीह कोलियरी पैच से कोल माइनिगं का 790 करोड़ रुपये का टेंडर अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस एम एस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर शामिल थे। बेंच ने राजस्थान की  माइनिंग कंपनी एसएमसीसी एसएससी (जेवी), के पेटीशन की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है।
यह भी पढ़ें:Dhanbad : मारवाड़ी युवा मंच झरिया शाखा का रूबी जयंती समारोह संपन्न
कोर्ट ने बीसीसीएल के सीएमडी सहित अन्य अफसरों और ट्रायलब्लेजर एडुसोल प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिंग कंपनी को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होना है। कोर्ट के आदेश से टेंडर हासिल करने की कंपनी की योजना पर पानी फिरता दिख रहा है। बीसीसीएल के अफसरों पर इस कंपनी पर विशेस मेहरबानी दिखाये जाने का आरोप लग रहा है। 
केंदुआडीह कोलियरी पैच से 20.20 लाख मीट्रिक टन कोल माइनिंग का टेंडर
केंदुआडीह कोलियरी पैच से अगले छह वर्ष में 20.20 लाख मीट्रिक टन कोल माइनिंग के लिए टेंडर जारी किया गया है।  इस टेंडर के नौ माह तक इसका फाइनल नहीं किया गया था। जब टेंडर खुली तो कथित रूप से बीसीसीएल ने टेंडर के कलौज 19- और क्लाउज 22.1 ए का उल्लंघन कर ट्रायलब्लेजर एडुसोल प्राइवेट लिमिटेड को एल-वन घोषित कर दिया।  हाई कोर्ट में पेटीशनर की ओर से कहा गया है कि बीसीसीएल अधिकारियों ने जान बूझ कर उक्त क्लाउजो का उल्लंघन किया। कंपनी द्वारा तय टेंडर के आधिक की बोली लगाये जाने के बाद भी ट्रायलब्लेजर एडुसोल प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर देने का निर्णय किया। कोल माइनिंग व ओबी हटाने के लिए बीसीसीएल ने टेंडर में 790 करोड़ के स्टीमटेडेट अमाउंट रखा था। यह काम आठ परसेंट ज्यादा 849 करोड़ पर होगा। टेंडर में कोलकाता की कंपनी TRAILBLAZER EDUSOL Private Limited एल-वन हुई है।
टेंडर डालनेनाली 14 से 10 कंपनियों को किया किया गया था डिसक्वालीफाई
आरोप है बीसीसीएल अफसरों ने उक्त कंपनी के पक्ष में पहले टेंडर डालने वाली 14 में से 10 पार्टियों के टेंडर को डिसक्वालीफाई कर दिया था। बाद में चार टेंडर डालने वाले में से एक को 790 करोड़ रुपये से आठ परसेंट अधिक की बोली लगाने वाले कंपनी को टेंडर अलॉट कर दिया। जब कि अन्य कुछ पार्टियों ने 50 से 60 करोड़ रुपये कम की बोली लगायी थी।
डिसक्वालीफाईड़ टेंडरकर्ताओं का आरोप , निविदा वापस लेने का बनाया गया था दवाब
डिसक्वालीफाईड़ टेंडरकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कंपनी के अफसरों द्वारा कुछ बड़े कंट्रेक्टरों की कथित मिलीभगत से टेंडर डालने वाले ठीकेदारों को निविदा वापस लेने के लिये दबाव डाला गया था। जब उन्होंने नहीं माना तो कुछ ना कुछ कारण दिखा कर 10 लोगों को डिसक्वालीफाई करवा दिया गया। आरोप है कि  टेंडर डालने वालों कुछ लोगों को एक कथित बड़े कंट्रेक्टर द्वारा टेंडर डालने वाले को पेपर वापस लेने की रेफन सीधी धमकी और गंभीर परिणाम भुगतने के धमक भी मिली थी।
यह है मामला
उक्त वर्क के लिए 14 आउटसोर्सिंग कंपनियों ने टेंडर डाला था। इसमें कई कंपनियां बीसीसीएल द्वारा फिक्स 790 करोड़ के स्टीमटेडेट अमाउंट से लो प्राइस (माइनस) पर बिड किया था। बीसीसीएल ने टेंडर डालने वाली 14 कंपनियों में से 10 को डिस्क्वालीफाई कर दिया है। बीसीसीएल चार कंपनी को क्वालीवाई किया है। क्वालीवाई कंपनी में TRAILBLAZER EDUSOL Private Limited एल-वन हुई है। इस कंपनी को लगभग स्टीमडेट कॉस्ट से आठ परसेंट ज्यादा 849 करोड़ पर काम मिल सकता है।
बीसीसएल द्वारा टेंडर डालने वाले खेमका कैरियर को एल-2 के रुप में  क्वालीवाई  किया गया है। इस कंपनी ने लगभग 854 करोड़ पर काम करने के लिए बिड किया था। क्वालीवाई हुई तीसरी कंपनी में देवप्रभा माइनिंग एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड है। एल-3 हुई इस कंपनी ने लगभग 871 करोड़ का प्राइस देकर बिड किया था। एल-4 होनेवाली कंपनी मेसर्स यूनाईटेड कोल कंपनी है। इस कपनी ने 873 करोड़ राशि पर वर्क के लिए टेंडर डाला था। बीसीसएल द्वारा क्वालीवाई की गयी चारो में तीन कंपनी MSME रजिस्टर्ड है। बीसीसीएल की कार्यप्रणाली से कंपनी को प्रारंभ में ही 60 करोड़ का चूना लग गया है। बीसीसीएल अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।बीसीसीएल द्वारा 790 करोड़ के स्टीमटेडेट अमाउंट से आठ परसेंट ज्यादा 849 करोड़ पर बिड करने वाली कंपनी को एल-वन बनाये जाने पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि धनबाद का एक विवादास्पद घराना इस कंपनी के लिए लॉबिंग कर रहा है। संबंधित घराने से जुड़े लोग विगत 24 घंटे से फोन पर रायशुमारी कर रहे हैं। मामले को मिनिस्टरी तक पहुंचने से रोकने में लगे हैं। 
सोर्सेज का कहना है कि मामले की मौखिक कंपलेन कोल मिनिस्टर जी किशन रेड्डी तक पहुंच गयी है। मिनिस्टर इस मामले को लेकर काफी गंभीर है। एक बड़े जनप्रतिनिधि ने मामले में मिनिस्टर से कंपलेन किया है। अब मामले की कंपलेन पीएमओ व सीबीआई तक करने की तैयारी की जा रही है।