Raja Raghuvanshi Murder Case : रिलेशनशिप में थे सोनम और राज , पुलिस पूछताछ में किया स्वीकार
मेघायल पुलिस इंदौर के बिजनसमैन राजा रघुवंशी मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली है। इस मामले में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी और उसके कथित प्रेमी को पुलिस ने अरेस्ट किया है। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भे दिया है।

- राजा रघुवंशी हत्याकांड की सुलझी गुत्थी!
नई दिल्ली। मेघायल पुलिस इंदौर के बिजनसमैन राजा रघुवंशी मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली है। इस मामले में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी और उसके कथित प्रेमी को पुलिस ने अरेस्ट किया है। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भे दिया है।
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सोनम और राज ने स्वीकारी अपने रिश्ते की बात
मामले की जांच कर रही मेघालय पुलिस के अनुसार, सोनम रघुवंशी और उसका कथित प्रेमी राज रिलेशनशिप में थे। इस बात को दोनों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है। ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम ने बताया कि सोनम और राज ने पहले ही अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि हम फिर से पुनर्निमाण किया है। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। मुझे नहीं लगता है कि इस मामले में नार्को टेस्ट की जरूरत पड़ेगी।
हनीमून मर्डर केस की जांच कर रही पुलिस का कहना आरोपियों को गुरुवार कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि जब सोनम के परिवार को इस रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने इसको स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सोनम में राज के साथ शादी की इच्छा जतायी थी, जिसको परिवार ने नहीं स्वीकार किया। सोनम ने सीधे तौर पर कहा था कि अगर उसकी शादी राजा से करायी जाती है तो वह कुछ ऐसा करेगी, जिसका असर उसके परिवार पर भी होगा।
अभी कई पहलुओं पर की जा रही हैं जांच
मेघलय पुलिस का कहना है कि राजा रघुवंशी मर्डर केस की जांच महत्वपूर्ण चरण पर है। पुलिस इस मामले में प्रेम प्रसंग के अलावा अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है। कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है।
कंट्रेक्टर लोकेंद्र तोमर पकड़ा गया
राजा रघुवंशी मर्डर केस में शिलांग पुलिस ने कंट्रेक्टर लोकेंद्र तोमर को भी दबोच लिया है। मूलत: ग्वालियर निवासी लोकेंद्र की हीराबाग स्थित बिल्डिंग में सोनम रुकी थी। उसमें ही पिस्टल और पांच लाख रुपये का कैश से भरा बैग छुपाया था। इससे पहले पुलिस ब्रोकर सिलोम जेम्स और चौकीदार बलवीर अहिरवार की गिरफ्तारी ले चुकी है। विशेष जांच दल (SIT) के अनुसार, महालक्ष्मीगनर (एमआर-3) निवासी सिलोम जेम्स ने लोकेंद्र तोमर से हीराबाग कॉलोनी स्थित बिल्डिंग लीज पर ली थी। इसी इमारत के फ्लैट (जी-1) में सोनम और राज रुके थे।
गाजीपुर जाने के पूर्व सोनम बैग और कपड़े फ्लैट में छुपा गयी थी। लोकेंद्र और सिलोम ने बैग निकाल कर आग लगा दी। एक बैग की अभी भी तलाश है जिसमें देशी पिस्टल और पांच लाख रुपये कैश रखे थे। सिलोम का दावा है कि सामान लोकेंद्र ने निकाला है। उसके पास फ्लैट की चाबियां थी। उसने 10 जून को फ्लैट खाली कर चौकीदार बलवीर से पोछा लगवाया था। सिलोम का नाम सामने आते ही लोकेंद्र मोबाइल बंद कर फरार हो गया।
एसआईटी ने उसकी वाइफ के मोबाइल की जानकारी निकाली तो पता चला वह केके प्लाजा के फ्लैट नंबर-105 गांधीनगर (ग्वालियर) में छुपा है। क्राइम ब्रांच के माध्यम से ग्वालियर साइबर सेल से जानकारी साझा की और लोकेंद्र को सोमवार दोपहर हिरासत में ले लिया। मूलत: सागरतला निवासी लोकेंद्र के पिता रिटायर फौजी है। लोकेंद्र डेलटाप इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का प्रोजेक्ट डायरेक्टर है। एसपी धर्मवीरसिंह के मुताबिक, धर्मवीर सिंह लोकेंद्र को पकड़ कर शिलांग पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। मंगलवार को कोर्ट पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगा जायेगा।
चैटिंग और कॉल रिकॉर्डिंग से फंस गया कंट्रेक्टर
लोकेंद्र ने सफाई से सामान निकाला था। उसने पहले दूसरी चाबी से रूम खोला और बैग खंगाले। कीमती सामान निकालने के बाद सिलोम को कॉल लगाया। उससे कहा कि मैंने बैग देख लिए हैं। इनको यहां से हटा दो। वरना मेरी बिल्डिंग सील हो जायेगी। सिलोम ने आनाकानी की, तो उससे कहा कि बयाने के तीन लाख रुपये नहीं दूंगा। इसकी सिलोम के मोबाइल में चैटिंग और कॉल रिकार्डिंग भी है। इसके बाद सिलोम ने चौकीदार बलवीर के साथ मिलकर बैग कार में रखे। पत्नी के साथ सुनसान जगह गया और लैपटॉप फेंका। इसके बाद उसने खाली प्लॉट में बैग में आग लगाई। पुलिस को जले हुए अवशेष मिले, पर पिस्टल और नोट नहीं मिलें। मंगलवार को पुलिस अब दोनों से आमने सामने पूछताछ करेगी। लोकेंद्र ने कार शोरूम के फुटेज डिलीट करवाने का प्रयास भी किया था। उसने सिलोम से कहा था कि था कि बैग पर फिंगर प्रिंट छप गये है। जला दो वरना फंस जायेंगे।