SDPO नूर मुस्‍तफा के खिलाफ होम मिनिस्टरी में किया था कंपलेन, तीन माह से जेल में है आदिवासी युवक

दुमका जिले के शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन एरिया केनिवासी आदिवासी चुनका टुडू पिछले तीन महीने से जेल में है। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल क नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि दुमका के नाबालिग मर्डर केस में एक्युज्ड के मदद करने के आरोपी डीएसपी नूर मुस्तफा की इलिगल माइनिंग में शामिल होने की कंपलेन चुनका टुडू ने सेंट्रल  होम मिनिस्टरी से की थी।

 SDPO नूर मुस्‍तफा के खिलाफ होम मिनिस्टरी में किया था कंपलेन, तीन माह से जेल में  है आदिवासी युवक
रांची। दुमका जिले के शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन एरिया केनिवासी आदिवासी चुनका टुडू पिछले तीन महीने से जेल में है। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल क नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि दुमका के नाबालिग मर्डर केस में एक्युज्ड के मदद करने के आरोपी डीएसपी नूर मुस्तफा की इलिगल माइनिंग में शामिल होने की कंपलेन चुनका टुडू ने सेंट्रल  होम मिनिस्टरी से की थी।
दुमका में अंकिता और नाबालिग आदिवासी लड़की के जिहादी हत्यारों को बचाने की संदिग्ध भूमिका में एसडीपीओ नूर मुस्तफा राज्य में अवैध खनन के भी प्रमुख हिस्सेदार हैं।

इनके कारनामों में राजनैतिक संरक्षण भी ऐसा कि, इनके अवैध धंधों की शिकायत करने वाले चुनका टुडू को ही झूठे मामले में
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— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 11, 2022

चुनका टुडू के कंपलेन के बाद होम मिनिस्टरी ने इस पर झारखंड गवर्नमेंट से जवाब मांगा था। पिछले दो महीने में इसकी जांच तो नहीं ही हुई, जबकि ऐसे भ्रष्ट अ़फसर को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है। एवीडेंस के साथ कंपलेन करने वाले संताल आदिवासी चुनका टु़डू को तीन महीने से जेल में बंद रखा गया है। बाबूलाल मरांडी ने पूछा है कि यह झारखंड का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है।
 बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा- दुमका में छात्रा और नाबालिग आदिवासी लड़की के जिहादी हत्यारों को बचाने की संदिग्ध भूमिका में रहे एसडीपीओ नूर मुस्तफा राज्य में अवैध खनन के भी प्रमुख हिस्सेदार हैं। इनके कारनामों में राजनैतिक संरक्षण भी ऐसा कि इनके अवैध धंधों की शिकायत करने वाले चुनका टुडू को ही झूठे मामले में फंसाकर जेल भेज दिया।
एएक्स सीएम ने लिखा है कि चुनका टुडू ने साक्ष्यों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री को इस अवैध खनन के खेल में एसडीपीओ की भूमिका के संदर्भ में शिकायत की थी, इसके आलोक में केंद्र ने राज्य सरकार भूतत्व व पर्यावरण विभाग व जिले के डीसी और एसपी से इसपर जवाब मांगा था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से दो महीने से जांच ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। अपराधियों का खुलकर बचाव करने वाले ऐसे पदाधिकारी सत्ता के शीर्षस्थ लोगों के संरक्षण में राज्य की नींव खोद रहे हैं। शिकायतकर्ता संताल आदिवासी तीन महीनों से जेल में बंद है। हेमंत सोरेन जी, यह झारखंड का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है?