नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी हटाने के मामले में सेंट्रल, झारखंड गवर्नमेंट व UPSC को नोटिस जारी किया

झारखंड में प्रभारी डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल, स्टेट गवर्नमेंट,और UPSC को नोटिस जारी किया है।  कोर्ट ने एक्स डीजीपी कमल नयन चौबे को भी प्रतिवादी बनाये जाने का निर्देश दिया है। 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी हटाने के मामले में सेंट्रल, झारखंड गवर्नमेंट व UPSC को नोटिस जारी किया
  • कोर्ट ने एक्स डीजीपी कमल नयन चौबे को भी प्रतिवादी बनाए जाने का निर्देश दिया

नई दिल्ली। झारखंड में प्रभारी डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल, स्टेट गवर्नमेंट,और UPSC को नोटिस जारी किया है।  कोर्ट ने एक्स डीजीपी कमल नयन चौबे को भी प्रतिवादी बनाये जाने का निर्देश दिया है। 

चीफ जस्टिस समेत तीन जजों के बेंच ने मामले की सुनवाई की
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को चीफ जस्टिस समेत तीन जजों के बेंच ने मामले की सुनवाई की। सेंट्रल, स्टेट यूपीएससी, और प्रभारी डीजीपी को एमवी राव को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि इस मामले में एक्स डीजीपी कमल नयन चौबे को भी पार्टी बनायें। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पीटिशनर को याचिका से संबंधित कुछ दस्तावेज संलग्न करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में एडवोकेट वेंकटेश रमन उपस्थित हुए। वहीं स्टेट गवर्नमेंट की ओर से सीनीयर एडवोकेट हरीश साल्वे एवं महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष रखा।

गिरिडीह निवासी प्रहलाद नारायण सिंह ने दायर की है याचिका
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में गिरिडीह निवासी प्रहलाद नारायण सिंह ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन कर दो साल के लिए डीजीपी के पद पर नियुक्त किये गये कमल नयन चौबे को नौ महीने के भीतर पद से हटा दिया गया। प्रभारी डीजीपी का पद नहीं होने के बावजूद एमवी राव को झारखंड राज्य का प्रभारी डीजीपी बनाया गया। डीजीपी के तय कार्यकाल और वरिष्ठता के संबंध में शीर्ष न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हुआ है।