विधानसभा में गूंजा धनबाद का दर्द: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की कमी पर भड़कीं रागिनी सिंह
धनबाद के सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस संकट, गंदगी, दवाओं की कमी और आपदा प्रबंधन की बदहाल स्थिति पर झरिया विधायक रागिनी सिंह ने विधानसभा में सरकार को घेरा। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सुधार का भरोसा दिलाया।
- एसएनएमसीएच की अव्यवस्था, डायलिसिस संकट, गंदगी, आयुष्मान कार्ड की अनदेखी का आरोप
- झरिया में आपदा राहत संसाधनों की कमी पर सरकार को घेरा
रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को झरिया विधायक श्रीमती रागिनी सिंह ने झरिया समेत पूरे धनबाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की बदहाल स्थिति को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की भारी कमी, गंदगी, डायलिसिस की अपर्याप्त व्यवस्था, दवाइयों की अनुपलब्धता और निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं होने का मुद्दा मजबूती से उठाया।
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विधायक रागिनी सिंह ने सदन में कहा कि झरिया, धनबाद और आसपास के कई जिलों से गंभीर मरीज एसएनएमसीएच धनबाद इलाज के लिए आते हैं, जिनमें किडनी, हार्ट और अन्य गंभीर बीमारियों के मरीज शामिल होते हैं। लेकिन डायलिसिस मशीनों की कमी के कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। कई मरीजों को जांच और दवाइयाँ बाहर से महंगे दाम पर खरीदनी पड़ती हैं, जिससे आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा, जिससे सरकारी योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। इसके साथ ही धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएनएमसीएच) के आईसीयू में गंदगी और स्वच्छता की कमी पर भी गंभीर सवाल उठाये गये।
आपदा प्रबंधन पर भी सरकार को घेरा
रागिनी सिंह ने झरिया विधानसभा क्षेत्र में अग्निकांड, भू-धंसान, बंद खदानों में डूबने और नदी में डूबने की घटनाओं के दौरान राहत एवं बचाव संसाधनों की भारी कमी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम और आधुनिक उपकरणों का अभाव है, जिसके कारण बाहर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बुलाना पड़ता है, जिससे कीमती समय बर्बाद होता है और जान-माल का नुकसान बढ़ जाता है। उन्होंने मांग की कि झरिया और धनबाद जिले में स्थायी रूप से सुसज्जित राहत एवं बचाव दल की व्यवस्था की जाए ताकि आपदा के समय तत्काल कार्रवाई संभव हो सके।
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का जवाब
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने विधायक की चिंताओं से सहमति जताते हुए कहा कि:
धनबाद जिले के सदर अस्पताल और एसएनएमसीएच में संसाधनों की कमी है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।
अस्पतालों में नई मशीनें, डायलिसिस यूनिट, जरूरी उपकरण और सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाएंगी।
अस्पताल परिसर में गंदगी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रबंधन को कड़े निर्देश देने की बात कही गई है।
बीसीसीएल और आपदा राहत पर सरकार का पक्ष
आपदा प्रबंधन पर जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि:
बीसीसीएल खनन क्षेत्र में होने वाली भू-धंसान और गैस रिसाव जैसी घटनाओं की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की है।
धनबाद में बीसीसीएल का माइंस रेस्क्यू सेंटर मौजूद है, लेकिन उसमें संसाधनों और मानव बल की कमी है।
डूबने की घटनाओं के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती की जाती है।
जिले में दो गोताखोरों को ‘डीप ड्राइवर’ के रूप में प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया एजेंसी के माध्यम से शुरू की जा रही है।
निष्कर्ष:
सरकारी अस्पतालों में सीमित मशीनें, लंबी प्रतीक्षा, गंदगी और बाहर से दवा खरीदने की मजबूरी, वहीं निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना की अनदेखी — ये सभी समस्याएं धनबाद की जनता पर भारी पड़ रही हैं। विधायक रागिनी सिंह द्वारा उठाए गए मुद्दों पर स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद अब जनता को ठोस कार्रवाई का इंतजार है।






