देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर पूजा विवाद FIR मामला, गिरफ्तारी देने पहुंचे MP निशिकांत दूबे, पुलिस ने नहीं किया अरेस्ट
झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर पूजा विवाद में बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे थाने पहुंचे थे गिरफ्तारी देने, लेकिन पुलिस ने उन्हें अरेस्ट नहीं किया। जानें पूरी खबर।

- मैं भगोड़ा नहीं, यहां का सांसद हूं: निशिकांत
- गिरफ्तारी देने पुलिस स्टेशन पहुंचे निशिकांत
- एक्जिट गेट से प्रवेश करने का है मामला
देवघर। झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश कर पूजा करने के आरोप में बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी सहित अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करायी गयी है। बीजेपी के गोड्डा एमपी डॉ. निशिकांत दुबे अपने खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तारी देने शनिवार को बाबा मंदिर पुलिस स्टेशन पहुंचे। लेकिन पुलिस ने एमपी को अरेस्ट नहीं किया।
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माननीय मोदी जी @narendramodi के नेतृत्व भाजपा @BJP4Jharkhand का कार्यकर्ता हूँ ।देवघर एयरपोर्ट से सीधे बाबा मंदिर थाना गिरफ़्तारी देने पहुँचा। पुलिस ने गिरफ़्तारी करने से इनकार कर दिया । मैं मंदिर का ट्रस्टी,तीर्थ पुरोहित,देवघर में पैदा हुआ यहाँ का बेटा । केस करने वाले किस आधार… pic.twitter.com/9CdEgx7SsW
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 9, 2025
नई दिल्ली से देवघर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे एमपी सीधे बाबा मंदिर पुलिस स्टेशन के लिए निकले। सीता होटल चौक पर गाड़ी से उतरने के बाद वे पैदल बाबा मंदिर पुलिस स्टेशन पहुंचे।एमपी ने पुलिस स्टेशन में थाना प्रभारी से कहा कि वे गिरफ्तारी देने आये हैं। हालांकि, तकनीकी कारणों से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। एमपी डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया।
केस की जांच के बाद संभावना बनने पर होगी गिरफ्तारी
पुलिस का कहना है कि एफआईआर को एमपी एमएलए कोर्ट में भेजा गया है। वहां उसे स्वीकार किया जायेगा, उसके बाद सेक्शन 41 के तहत तीन बार नोटिस दिया जायेगा। नोटिस का जबाव मिलने के बाद अगर गिरफ्तारी की संभावना बनेगी तो गिरफ्तारी होगी। एमपी ने कहा कि वे भगोड़ा नहीं हैं बल्कि यहां के सांसद है। यहां की जनता ने चार बार उन्हें चुनाव जिताया है। जनता ने चुनाव इसलिए जिताया है कि मैं उनके लिए संघर्ष कर सकूं। ये संघर्ष तभी कर पाउंगा तब कानून का पालन करूंगा।
उन्होंने कहा कि उनके व परिवार वालों को मिलकर ये 51 वां केस दर्ज किया गया है। इस बार जो केस हुआ है उससे दुखी हो गया हूं। जितनी बार प्रशासन केस करेगा उतनी बात गिरफ्तारी देने आउंगा। कानून में अगर कोई प्रावधान है तो पुलिस मुझे गिरफ्तार करे। निशिकांत ने तंज कसते हुए कहा कि सभी को पता है कि किस तरह से गिरफ्तारी के डर से यहां के मुखिया भागे थे। उन्होंने कहा कि सांसद होने के नाते उन्हें भी कुछ सुरक्षा दी गयी है। संविधान की धारा 105 के तहत उन्हें विशेषाधिकार का जो अधिकार प्राप्त है उनके तहत यहां के मुख्य सचिव, यहां के डीजीपी, डीएसी, एसपी सह डीआईजी के उपर विशेषाधिकारी किया है।
एमपी का सवाल: किस आधार पर दर्ज हुआ एफआइआर
उन्होंने कहा कि इस पर सोमवार को संसद में सुनवाई होगी। उसके बाद इन लोगों से दिल्ली में ही पूछा जायेगा कि किस आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गौ तस्कर को पकड़ने पर मामला दर्ज हो जाता है। वे सड़क सुरक्षा कमेटी में शामिल हैं। आरएसएस के विभाग प्रचारक पकड़ाते हैं और उनके ऊपर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि वे मंदिर के ट्रस्टी हैं। उन्होंने अगर किसी पुलिस वाले को धक्का दिया तो पुलिस वाला एफआईआर नहीं करता है, दंडाधिकारी एफआईआर नहीं करता है। एक अवैध आदमी तो अंदर घुसा हुआ है, उसके आधार पर उनके उपर एफआईआर कर देता है। निशिकांत ने कहा कि वह अगर तीर्थ पुरोहित है तो वे भी पुरोहित हैं। वह ब्राह्मण है तो मैं भी हूं। गंवाली पूजा में तीन वर्ष जो चंदा दे देगा वह पंडा धर्मरक्षिणी के चुनाव में वोट दे सकता है। अगली बार जब चुनाव होगा तो वे भी वोट देने के अधिकारी होंगे। किस आधार पर मेरे व एफआईआर करने वाले में अंतर करते हैं।
मंदिर में किस तरह की है व्यवस्था
बीजेपी एमपी ने कहा कि बाबा मंदिर में इरफान अंसारी पूजा करें, इसाई एसपी पूजा करें तो कोई परेशानी नहीं है। वह धार्मिक भावना नहीं भड़कायेगा। लेकिन मनोज तिवारी अगर कांवड़ यात्रा लेकर आता है तो वह धार्मिक भावना भड़का देगा। ये किस तरह की व्यवस्था है। किस तरह का एफआईआर है।जब भी उन्हें थाना बुलाया जायेगा वे आएंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा भोले के सामने कह रहे हैं कि इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है उसे पूरा किया जायेगा।
यह है मामला
झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश करने के आरोप में बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी सहित अन्य के खिलाफ एक FIR दर्ज करायी गयी है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की कंपलेन पर बाबा मंदिर पुलिस स्टेशन में सात अगस्त को एफआईआर दर्ज की गयी है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के कार्तिकनाथ ठाकुर ने पुलिस को दिये गये कंपलेन में कहा है कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर में वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी। इसके बावजूद दो अगस्त को मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्ककांत दुबे, दोनों एमपी के पीए और देवघर के कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया।
पुलिस कंपलेन में है आरोप, एमपी के कारण अफरातफरी मच गयी
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री ने कंपलेन में आरोप लगाया है कि है कि निकास द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की गयी, जिससे मंदिर कैंपस में भगदड़ जैसी अफरातफरी मच गयी। श्रद्धालुओं के साथ कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी। सांसदों द्वारा जबरन प्रवेश कर पूजा करने से पूजा बाधित हुई और व्यवधान भी हुआ। कार्तिकनाथ ठाकुर ने कंपलेन में बताया है कि दो अगस्त की रात लगभग 8:45 बजे से नौ बजे के बीच सायंकालीन कांचा जल पूजा के दौरान यह घटना हुई है।
पुलिस कंपलेन में कहा गया है कि पुरोहितों ने सांसदों और उनके साथियों को गर्भगृह में प्रवेश से मना किया, लेकिन स्थानीय व्यक्ति अभयानंद झा ने मनोज तिवारी और उनके सचिव को जबरन अंदर पहुंचा दिया। मंदिर कैंपस में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी फैल गयी। पंडा धर्मरक्षिणी महासभा के पूर्व महासचिव ने निशिकांत दुबे पर मंदिर में अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया है। बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा के दौरान नियमों और व्यवस्थाओं को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में सांसद निशिकांत दूबे पर कथित रूप से नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है।