Dhanbad: धनबाद की मिठास फीकी: 44 साल पुरानी मधुलिका स्वीट्स ने बंद किये सभी पांच आउटलेट

धनबाद की मशहूर 44 साल पुरानी मधुलिका स्वीट्स ने अपने सभी पांच आउटलेट अचानक बंद कर दिए। मालिक ने फूड सेफ्टी की कार्रवाई और अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया। जिला प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी।

Dhanbad: धनबाद की मिठास फीकी: 44 साल पुरानी मधुलिका स्वीट्स ने बंद किये सभी पांच आउटलेट
मधुलिका स्वीट्स (फाइल फोटो)।
  • मधुलिका के मालिक बोले- धनबाद में बिजनेस करना मुश्किल
  • 44 साल पुरानी दुकान पर लग गया ताला

धनबाद। कोयला नगरी धनबाद की मिठास अब फीकी पड़ गई है। शहर की मशहूर 44 साल पुरानी मधुलिका स्वीट्स ने अपने सभी पांचों आउटलेट एक साथ बंद कर दिए हैं। बैंक मोड़, सरायढेला, हीरापुर, मेमको मोड़ और हाउसिंग कॉलोनी स्थित सभी स्टोरों पर ताले लटक गए हैं। इस कदम से 65 से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो गये।
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मधुलिका स्वीट्स के मालिक जयप्रकाश चौरसिया ने कहा कि धनबाद में फूड बिजनेस करना अब बेहद कठिन हो गया है। कभी खाने में कीड़ा मिलने की शिकायत तो कभी मिठाई में खट्टापन कहकर उन्हें टारगेट किया जाता रहा। ऊपर से ब्यूरोक्रेसी का दबाव और फूड सेफ्टी की कार्रवाई ने स्थिति और खराब कर दी। उन्होंने कहा, “फुटपाथ पर बिना नियम-कानून के फूड बिजनेस चलता है, जबकि प्रतिष्ठित दुकानों पर कार्रवाई होती है।”
सोर्सेज के अनुसार, हीरापुर और हाउसिंग कॉलोनी आउटलेट की दैनिक आमदनी करीब 50 हजार रुपये थी, जो त्योहारों में 70 हजार तक पहुंच जाती थी। प्रत्येक आउटलेट में पांच स्टाफ यानी पांचों मिलाकर 25 स्टाफ कार्यरत थे। इसी तरह मिठाई की फैक्ट्री में 40 कर्मी कार्यरत थे। अब सभी बेरोजगार हो गये।
धनबाद डीसी आदित्य रंजन ने मामले पर संज्ञान लेते हुए श्रम अधीक्षक और फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि जिले में किसी भी प्रतिष्ठान को अफसरशाही की वजह से बंद नहीं होने दिया जायेगा। कारोबारियों को हर संभव सुरक्षा दी जायेगी। प्रशासन मधुलिका स्वीट्स के प्रोपराइटर से भी पक्ष जाने की तैयारी कर रहा है।
1984 में मात्र 1000 रुपये से शुरू हुई मधुलिका स्वीट्स
1984 में मात्र 1000 रुपये से शुरू हुई मधुलिका स्वीट्स आज धनबाद का नाम बन चुकी थी। इसके बंद होने से शहरवासियों के बीच निराशा है। 
नगर निगम का एक लाख वाटर टैक्स बकाया
मधुलिका स्वीट्स के बंद होते ही नगर निगम का एक लाख रुपये वाटर टैक्स भी डूब गया। नगर निगम का मधुलिका स्वीट्स के हीरापुर प्रतिष्ठान पर 2019 से लेकर अभी तक लगभग एक लाख रुपये वाटर टैक्स बाकी था। इसके बंद होने से इस राशि के मिलने की संभावना भी कम हो गई है।
चर्चा में जमीन विवाद भी
सोर्सेज के अनुसार मधुलिका स्वीट्स के मालिका जयप्रकाश चौरसिया और उनके भाई अशोक चौरसिया के बीच प्रापर्टी विवाद भी सामने आ रहा है। चर्चा है कि हाल ही में कुछ जमीन भी बेची गयी है। इसके लेनदेन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था।
 एक हजार रुपये से 1984 में हुई थी शुरुआत
मधुलिका स्वीट की स्थापना 1984 में हुई थी। मात्र एक हजार रुपये से शुरुआत हुई थी। समय के साथ यह पूरे धनबाद क्षेत्र की सबसे बेहतरीन मिठाई की दुकान बन गयी है। लोग अपनी सुविधानुसार मिठाइयां, नमकीन, लस्सी और सूखे मेवे लेते थे। होम डिलीवरी और टेकअवे विकल्प के तौर पर उपलब्ध था। धनबाद में मिठाई दुकान की पहचान बन चुके मधुलिका स्वीट्स ने एकाएक धनबाद के हाउसिंग कालोनी, सरायढेला, मेमको मोड, चास समेत अपने सभी पांचों प्रतिष्ठान बंद कर दिए हैं।