Jharkhand: हजारीबाग वन भूमि घोटाले में नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह गिरफ्तार, IAS विनय चौबे के हैं करीबी
Jharkhand हजारीबाग वन भूमि घोटाले में ACB ने नेक्सजेन संचालक विनय सिंह को रांची से गिरफ्तार किया। वे निलंबित IAS विनय चौबे के करीबी बताये जाते हैं।

रांची। झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) हजारीबाग की टीम ने गुरुवार को वन भूमि घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने ऑटोमोबाइल कंपनी नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह को रांची से गिरफ्तार कर लिया है। विनय सिंह की गिरफ्तारी उसी दिन की गई, जिस दिन एफआइआर दर्ज की गयी।
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विनय सिंह, सस्पेंड और जेल में बंद IAS अफसर विनय कुमार चौबे के करीबी बताये जाते हैं। विनय कुमार सिंह पर सरकारी अफसरों के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचकर गैर-मजरूआ खास और जंगल-झाड़ी किस्म की भूमि की अवैध जमाबंदी कराने का आरोप है। इस मामले में एसीबी हजारीबाग पुलिस स्टेशन में 25 सितंबर को कांड संख्या- 11/25 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें विनय कुमार सिंह पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) की धारा 13(2) R/W 13(1)(d) के तहत आरोप लगाये गये हैं।
यह है मामला
मामला 2013 का है, जब डीसी कार्यालय, हजारीबाग ने पांच प्लॉटों की अवैध जमाबंदी को रद्द कर दिया था. इस फैसले को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, झारखंड सरकार ने भी उसी साल सही ठहराया था। वन प्रमंडल पदाधिकारी, हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के पत्र संख्या 2612, पांच दिसंबर 2012 के अनुसार, यह स्पष्ट किया गया था कि अधिसूचित वन भूमि पर किसी भी तरह का गैर-वानिकी कार्य या अतिक्रमण भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है। इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट के टी गोदावरमन बनाम भारत सरकार मामले में 12 दिसंबर 1996 के आदेश का भी हवाला दिया गया था। जिसमें जंगल-झाड़ी दर्ज भूमि का गैर-वानिकी उपयोग के लिए भारत सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक बतायी गयी थी।
गैर-मजरूआ खास और जंगल खाते की भूमि की करायी अवैध जमाबंदी
जांच में यह पाया गया कि रद्द की गई जमाबंदियों के बावजूद, विनय कुमार सिंह ने अधिकारियों के साथ मिलकर इसी तरह की गैर-मजरूआ खास और जंगल खाते की भूमि की अवैध जमाबंदी करायी। उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र रचकर अनुचित लाभ प्राप्त किया और एक गंभीर संज्ञेय अपराध किया। इस मामले में विनय कुमार सिंह को लाभार्थी क्रेता के रूप में पाया गया है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। अबहजारीबाग में भूमि घोटाले से जुड़े अन्य मामलों के खुलासे की भी उम्मीद है।
विनय कुमार सिंह और उनकी वाइफ के नाम पर अवैध रूप से दाखिल-खारिज कर दिया गया था । हजारीबाग जिला में 'गैर मजरुआ खास किस्म जंगल' प्रकृति की जमीन, जिसे डीम्ड वन की श्रेणी में रखा गया है, उसमें हुए एक बड़े घोटाले का एसीबी की जांच में खुलासा हुआ था। यह जमीन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत संरक्षित वन क्षेत्र मानी जाती है. लेकिन इसे विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर अवैध रूप से दाखिल-खारिज कर दिया गया। यह काम तब हुआ, जब विनय चौबे हजारीबाग में डीसी के पद पर पदस्थापित थे। एसीबी की जांच में करोड़ों की इस सरकारी जमीन की बंदरबांट में कथित लाभार्थी विनय कुमार सिंह की मिलीभगत की पुष्टि हुई है।