बिहार: CM नीतीश कुमार ने स्वीकार किया सुधाकर सिंह का इस्तीफा, कुमार सर्वजीत बने नये कृषि मंत्री

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सीएम ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए अपनी अनुशंसा गवर्नर फागू चौहान को भेज दी। सुधाकर के स्थान पर पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत को कृषि विभाग का मंत्री बनाया गया है। पर्यटन मंत्री का प्रभार अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास रहेगा। 

बिहार: CM नीतीश कुमार ने स्वीकार किया सुधाकर सिंह का इस्तीफा, कुमार सर्वजीत बने नये कृषि मंत्री
  • डिप्टी सीएम तेजस्वी को पर्यटन विभाग का भी जिम्मा
  • नीतीश कैबिनेट में आरजेडी कोटे से अब कोई स्वर्ण मिनिस्टर नहीं

पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सीएम ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए अपनी अनुशंसा गवर्नर फागू चौहान को भेज दी। सुधाकर के स्थान पर पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत को कृषि विभाग का मंत्री बनाया गया है। पर्यटन मंत्री का प्रभार अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास रहेगा। 

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कृषि मंत्री पद से इस्तीफे के बाद सुधाकर सिंह स्वयं अपना पक्ष रखने सामने नहीं आए, लेकिन उनके पिता और आरजेडी के  प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सुधाकर के इस्तीफे की पुष्टि की। हाल में आरजेडी ने फैसला किया था कि गठबंधन और सरकार के खिलाफ कोई पार्टी लीडर बयान नहीं देगा। गठबंधन के बारे में सिर्फ तेजस्वी बयान देंगे, लेकिन सुधाकर लगातार अपनी सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे। माना जा रहा है कि जेडीयू के साथ संबंधों को ठीक बनाये रखने के लिए लालू के निर्देश पर सुधाकर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा है। 
मीडिया के नाम जगदानंद ने जारी किया वीडियो
इस्तीफे के बाद सुधाकर के पिता व प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मीडिया के नाम वीडियो बयान जारी किए, जिसमें उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने अपना त्यागपत्र दिया है। किसान और जवानों की भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता। हम नहीं चाहते हैं कि कोई लड़ाई आगे बढ़े। कृषि मंत्री ने त्यागपत्र दिया है, ताकि सरकार अच्छी तरह से चलती रहे। जगदानंद ने कहा कि सुधाकर ने किसानों के हित के लिए इस्तीफा दिया है। 

बिहार के दूसरे मिनिस्टर जिन्हें देना पड़ा इस्तीफा 
प्रदेश में महागठबंधन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद रामगढ़ से आरजेडी एमएलए सुधाकर सिंह को नीतीश सरकार में कृषि मंत्री का पद सौंपा गया था। नीतीश सरकार में सुधाकर दूसरे मंत्री हैं, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इसके पूर्व राजद कोटे से लॉ मिनिस्टर कार्तिक सिंह ने 31 अगस्त को अपने पद से त्यागपत्र सौंपा था। कार्तिक सिंह व सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद अब नीतीश कुमार के कैबिनेट में आरजेडी कोटे से कोई स्वर्ण मिनिस्टर नहीं है।
सरकार पर लगातार हमलावर थे सुधाकर 
कृषि मंत्री बनने के बाद से सुधाकर सिंह लगातार सरकार पर हमलावर थे। समय-समय पर उनके बयान और मांगें सरकार के सामने मुश्किलें पैदा कर रही थीं। आरजेडी विधायक दल की बैठक में यह तय हुआ था कि सरकार और गठबंधन के खिलाफ तेजस्वी यादव के अलावा कोई अन्य नेता या फिर मंत्री कोई टिप्पणी नहीं करेगा। बावजूद कृषि मंत्री लगातार अपने बयानों से  सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे थे। पहली बार सुधाकर सिंह उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अपने क्षेत्र की सार्वजनिक सभा में कहा था कि कृषि विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सब चोर हैं और मंत्री के रूप में मैं चोरों का सरदार हुआ। इस बयान के बाद सीएम से उनकी मुलाकात कैबिनेट की बैठक में हुई थी। सीएम ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की थी, पर कैबिनेट की बीच में ही वह वहां से निकल गये। इसके बाद भी सुधाकर सिंह लगातार कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों को अपने निशाने पर लेते रहे। जिस वजह से सरकार की किरकिरी हो रही थी। उन्होंने राज्य के कृषि रोडमैप पर भी सवाल उठाये थे। 
नहीं कर रहे थे सरकारी आवास व गाडी़ का इस्तेमाल
सुधाकर सिंह ने गत 16 अगस्त को नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी। मात्र 48 दिनों तक ही मंत्री रहने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया हैसुधाकर सिंह कृषि मंत्री बनने के बाद भी सरकारी कार का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। न ही सरकारी आवास में रह रहे थे। वे अपने भाई के साथ रह रहे थे । अपने निजी कार का प्रयोग करते थे। उनकी गाड़ी पर मंत्री का बोर्ड भी नहीं लगा था। 
धान घोटाले में भी आया नाम
सुधाकर सिंह का नाम धान के बदले चावल की आपूर्ति से जुड़े घोटाले में भी आया। इस मामले में वह कानूनी फेर में भी पड़ चुके हैं। प्रमादी मिलर से जुड़े रामगढ़ पुलिस स्टेशन के एक केस में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। बाद में उन्हें बेल मिल गई। ये घोटाले वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के दौरान हुई थी।