Niraj Singh Murder Case Dhanbad: संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली बेल, आठ साल चार महीने बाद जेल से होंगे रिहा

धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह समेत चार लोगों के मर्डर केस में बड़ा फैसला, झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत। आठ साल चारमहीने बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ।

Niraj Singh Murder Case Dhanbad: संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली बेल, आठ साल चार महीने बाद जेल से होंगे रिहा
ट्रायल पूरी होने तक संजीव नहीं आयेंगे धनबाद।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में जेल में बंद झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह सिंह को  सुप्रीम कोर्ट से आठ जुलाई 2025 शुक्रवार को बेल मिल गयी है। सुप्रीम में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने संजीव सिंह को बेल देने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने केस के ट्रायल होने तक संजीव सिंह को धनबाद आने पर रोक लगा दी है। 
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ट्रायल की कार्यवाही के अलावा धनबाद नहीं आ सकेंगे संजीव
चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विनोद चंद्रन और जस्टिस एनबी अंजारिया की बेंच ने वरीय अधिवक्ता सन्नी चौधरी की दलीलें सुनने के बाद संजीव सिंह को जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया है। झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने सत्र ट्रायल नंबर 276/2017 से जुड़े मामले में सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि मुकदमा अपने अंतिम चरण में है। सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है।र अब गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है।कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह उचित शर्तें और नियम तय करे। विशेष शर्त के तहत आरोपी ट्रायल की कार्यवाही के अलावा धनबाद जिले में प्रवेश नहीं कर सकेगा। कोर्ट ने यह भी दोहराया कि लंबे समय से जेल में बंद व्यक्ति को बिना ट्रायल पूरा किए कैद में रखना न्यायसंगत नहीं है। इसके साथ ही लंबित सभी अधीनस्थ याचिकाओं को निस्तारित मान लिया गया है।
संजीव के एडवोकेट मो जावेद ने बताया कि कोर्ट ने प्रार्थी तथा प्रतिवादी, सूचक व राज्य सरकार का पक्ष सुना। कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुनाया। अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि उनकी ओर से यह तर्क दिया गया कि इस मामले के आरोपित पिंटू सिंह, संजय सिंह, धनजी सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान की बेल सुप्रीम कोर्ट से एवं रिंकू सिंह तथा डबलू मिश्रा की बेल हाईकोर्ट से हो चुकी है। 
सात बीमारियों से हैं ग्रसित
अधिवक्ता की दलील थी कि संजीव सिंह सात विभिन्न प्रकार की बीमारियों से गसित हैं। अभी तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो पायी है। यह उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। जेल में संजीव की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने बताया कि संजीव के विरुद्ध पुलिस ने 28 जून 2017 को आरोपपत्र दायर किया था। तीन जनवरी 19 को अदालत ने संजीव समेत छह के विरूद्ध आरोप का गठन कर दिया था। वर्तमान समय में मुकदमे में बचाव पक्ष की ओर से बहस चल रही है।झारखंड हाईकोर्ट से नहीं मिली थी बेल
सुप्रीम कोर्ट का आदेश ट्रायल कोर्ट पहुंचते ही संजीव सिंह बेल पर मुक्त हो जायेंगे। धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस में आरोपी झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह  11 अप्रैल 2017 से ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल में हैं। इसके पूर्व संजीव सिंह की जमानत अर्जी तीन बार लोअर कोर्ट से व तीन बार हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी थी। इसके बाद वे बेल के लिए सुप्रीम कोर्ट गये थे। अंतत: कुछ शर्तों के साथ उन्हें राहत मिल गयी है। संजीव को बेल मिलने से सिंह मैंशन समर्थकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।
11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में हैं झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह
झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से न्यायिक हिरासत में है। संजीव सिंह बीते कई माह से बीमार चल रहे है। संजीव सिंह फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा रांची के मेंटल हॉस्पिटल में इलाजरत हैं। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में जेल में बंद दर्जन भर आरोपितों में अब तक अधिकांश को बेल मिल चुकी है। मामले के आरोपी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, संजय सिंह, धनजी सिंह उर्फ धनजय सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान अली को सुप्रीम कोर्ट से बले मिल चुकी है।आरोपी राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि उर्फ मृत्युंजय गिरी, धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह व पंकज सिंह को हाईकोर्ट से बेल मिल गयी है।
21 मार्च 2017 की शाम हुई थी चार लोगों की मर्डर
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया था। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 70 से अधिक राउंड फायरिंग की गयी। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गयी थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे। 
एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत सभी आरोपित जेल में थे बंद
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद थे। धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। अभी संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत हैं। 
केस के अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस
पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहींलगा पायी है। पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पायी है।