साल 2021 का पहला Chandra Grahan बुधवार को, सूतककाल नहीं माना जायेगा

वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण बुधवार को वैशाख पूर्णिमा यानी 26 को लगेगा।यह पूर्ण चंद्रग्रहण वर्ल्ड के कई देशों में दिखाई देगा।  इंडिया में चंद्रग्रहण का अपना एक धार्मिक महत्व भी है। पूरे देश के साथ ही धनबाद और झारखंड के लोगों की भी नजर साल के पहले चंद्रग्रहण पर है। 

साल 2021 का पहला Chandra Grahan बुधवार को, सूतककाल नहीं माना जायेगा
  • वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में चंद्रमा पर लगेगा आंशिक ग्रहण
  • उपछाया चंद्रग्रहण दोपहर में दो बजकर 17 मिनट से शाम सात बजकर 19 मिनट तक रहेगा

धनबाद। वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण बुधवार को वैशाख पूर्णिमा यानी 26 को लगेगा।यह पूर्ण चंद्रग्रहण वर्ल्ड के कई देशों में दिखाई देगा। 
इंडिया में चंद्रग्रहण का अपना एक धार्मिक महत्व भी है। पूरे देश के साथ ही धनबाद और झारखंड के लोगों की भी नजर साल के पहले चंद्रग्रहण पर है। 
चंद्रग्रहण का टाइम
चंद्रग्रहण 26 मई  दिन बुधवार को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में दो बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा जो शाम सात बजकर 19 मिनट तक रहेगा। उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण इसका सूतककाल नहीं माना जायेगा।  इस दिन वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा भी पड़ रही हैं। उपछाया चंद्रग्रहण में चंद्रमा पर कुछ देर के लिए पृथ्वी की छाया पड़ती है इस से चंद्रमा मटमैला दिखाई देता है।
जहां देगा दिखाई देगा चंद्रग्रहण

पूर्ण चंद्रग्रहण  पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया से दिखाई देगा। इंडिया के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा। इसलिए देश के लोग पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पायेंगे। लेकिन इस्ट इंडिया के कुछ हिस्सों के लोग आंशिक चंद्र ग्रहण का आखिरी हिस्सा देख पायेंगे। वह भी पूर्वी आसमान से बहुत नजदीक जब चंद्रमा निकल ही रहा होगा।
सुपर ब्लड मून का नजारा दिखेगा आसमान में 
पूरब में 26 मई की शाम आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल व सुर्ख चंद्रमा (सुपर ब्लड मून) नजर आयेगा। 26 मई की रात को, सूर्य, धरती और चंद्रमा इस तरह से एक सीध में होंगे कि धरती से यह पूर्ण चंद्रमा के रूप में नजर आयेगा। कुछ समय के लिए इसपर ग्रहण भी लगा होगा। चंद्रमा धरती के आस-पास चक्कर लगाता हुआ कुछ पल के लिए धरती की छाया से गुजरेगा। पूरी तरह से इसपर ग्रहण लग जायेगा।