Dhanbad Police: पोस्टिंग से पहले पुलिस इंस्पेक्टर कर रहे थाने का सर्वे — कतरास या जीटी रोड की कुर्सी पर नजर!
धनबाद पुलिस महकमे में फेरबदल की तैयारी, पोस्टिंग से पहले एक इंस्पेक्टर कर रहे थाने का दौरा। जानिए कौन से थानेदार की कुर्सी पर नजर है और कौन सक्रिय है।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में दुर्गापूजा की शांतिपूर्ण समाप्ति के बाद अब जिला पुलिस महकमे में फेरबदल की चर्चा तेज हो गयी है। सूत्रों के अनुसार,जिले में दर्जनभर थाना प्रभारी बदले जा सकते हैं। खराब परफॉर्मेंस वाले थानेदारों की छुट्टी और एक्टिव अफसरों को नयी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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पुलिस इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के कई अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है। पुलिस कप्तान प्रभात कुमार की कार्यशैली के कारण ट्रांसफर-पोस्टिंग की सटीक तारीख का अंदाजा लगाना मुश्किल है। क्राइम कंट्रोल, केस और वारंट-कुर्की डिस्पोजल में शिथिलता बरतने वाले थानेदारों पर गाज गिर सकती है। धनबाद थानेदार रामनारायण ठाकुर 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इस खाली कुर्सी के लिए सक्रिय अफसरों की तलाश शुरू हो गयी है।
शिथिलता बरतने वाले थानेदारों पर गिरेगी गाज
धनबाद पुलिस महकमे में आने वाले ट्रांसफर-पोस्टिंग आदेश से कई अफसरों की किस्मत तय होगी।अगले कुछ हफ्तों में यह साफ होगा कि कौन थानेदार बचेगा और कौन जायेगा। हालांकि धनबाद में पुलिस कप्तान प्रभात कुमार की कार्यशैली से यह अनुमान लगाना संभव नहीं है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग कब हो सकता है या किस पर गाज गिरेगी और किसे कुर्सी मिलेगी। क्राइम कंट्रोल, केस व वारंट-कुर्की डिस्पोजल में शिथिलता बरतने वाले थानेदारों पर गाज गिर सकती है। बेहतर काम करने वाले अफसरों को नये जगह मौका दिया जा सकता है। धनबाद पुलिस स्टेशन के लिए एक्टिव अफसरों की खोज चल रही है। एसपी व डीएसपी लेवल के अफसरों से राय ली जा सकती है।
पोस्टिंग से पहले इलाके का दौरा!
धनबाद पुलिस इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर लेवल के अफसर अपनी कुर्सी बचाने और नयी कुर्सी पाने की जुगत में जुट गये हैं। एक इंस्पेक्टर तो कतरास और जीटी रोड के एक थाने का “इलाका सर्वे” कर रहे हैं। अपने “पॉलिटिकल कनेक्शन” आदि सोर्सेज के जरिए वे पोस्टिंग सुनिश्चित करने में लगे हैं। हालांकि वर्तमान पुलिस कप्तान के रहते ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है। एसएसपी प्रभात कुमार कार्यों व कार्य प्रणाली को प्राथमिकता देते हुए थानेदारों की पोस्टिंग करते हैं। ऐसे में जुगाड़ु अफसरों की मंशा पर इस बार भी पानी फिर सकता है।
जीटी रोड के पूर्व थानेदार सबसे आगे रेस में
जीटी रोड थाने से हटाये गये एक पुलिस इंस्पेक्टर कतरास थाने की कुर्सी पर नजर गड़ाये बैठे हैं। कथित तौर पर उन्होंने अपनी टीम के साथ बैठकी की है। लॉबिंग तेज कर दी है। कह रहे हैं कि कतरास या जीटी की थानेदारी ही लेंगे। नहीं मिलेगी दो-चार माह और वेट कर लेंगे।
डीएसपी की मदद से लॉबिंग – करोड़ों की संपत्ति वाला इंस्पेक्टर
सूत्रों का दावा है कि एक जख्मी डीएसपी अपने पुराने साथी इंस्पेक्टर को कुर्सी दिलाने में सक्रिय हैं। यह इंस्पेक्टर करोड़ों की संपत्ति व दर्जनों ट्रकों का मालिक बताया जा रहा है। दोनों का ठिकाना एक ही जिला है। दोनों का पुराना संबंध भी गहरा माना जा रहा है। दोनों में अन्य एक महत्वपूर्ण समानता भी है।
दारोगा भी रेस में – साइबर पुलिस स्टेशन से लेकर ओपी तक हलचल
साइबर पुलिस स्टेशन सहित कई थानों के दारोगा और जेएसआई भी बेहतर कुर्सी की तलाश में हैं। एसपी और डीएसपी स्तर पर अनुशंसा की जा रही है कि कौन अफसर किस थाने के लायक है।
“प्रेम रोग” में उलझा थानेदार – थाने में मचा बवाल
सिदरी अनुमंडल के एक थानेदार का प्रेम प्रसंग पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। रात में “काला शीशा लगी कार” से नयी-नयी आगंतुकों का आना-जाना थाने में चर्चा का कारण बना है। कहा जा रहा है कि इस थानेदार ने “चॉकलेट पॉलिसी” के दम पर थानेदारी पायी थी! यह अपनी प्रमोशन से ज्यादा थानेदारी बचाने व प्रेम रोग को लेकर खासे चर्चा में है।