झारखंड में तीन जून तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, वन थर्ड स्टाफ के साथ खुलेगा स्टेट सेकरेटेरियट

झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (लॉकडाउन) तीन जून की सुबह छह बजे तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान पहले से लागू सभी प्रतिबंध जारी रहेंगे। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया।

झारखंड में तीन जून तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, वन थर्ड स्टाफ के साथ खुलेगा स्टेट सेकरेटेरियट

रांची। झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (लॉकडाउन) तीन जून की सुबह छह बजे तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान पहले से लागू सभी प्रतिबंध जारी रहेंगे। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया।

खुलेगा सेकरेटेरियट
अब ई-पास सबके लिए अनिवार्य नहीं होगा। सरकार ने E-pass में ढील देने का निर्णय लिया है। सब्जी बिक्रेताओं के लिए अब पास अनिवार्य नहीं होगा।आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में स्टेट सेकरेटेरियट को दोपहर दो बजे तक खोलने का निर्णय़ लिया गया। इस दौरान संयुक्त सचिव से ऊपर स्तर के सभी अफसरों को अनिवार्य रूप से सचिवालय आना होगा, वहीं 33 परसेंट स्टाफ के साथ सेकरेटेरियट के विभिन्न विभाग कार्य करेंगे। ई-पास की अनिवार्यता जारी रहेगी। 
अब ई-पास व्यवस्था में ढील
अब किसानों को बाजार तक अपना उत्पाद लेकर जाने के लिए ई-पास की आवश्यकता नहीं होगी। सरकारी कर्मियों, मीडियाकर्मियों,बड़ी कंपनियों,फैक्ट्रियों व कोल माइंस में काम करने वालों का ड्यूटी पास मान्य होगा। इन्हें ई-पास की अनिवार्यता से छूट दी गई है।
स्टेट में 22 अप्रैल लागू है स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए झारखंड में 22 अप्रैल, 2021 की सुबह छह बजे से पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद एक-एक सप्ताह के लिए विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को झारखंड सरकार ने एक सप्ताह के लिए फिर से लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया है। पहले से जारी लॉकडाउन की अवधि 27 मई की सुबह छह बजे समाप्त हो रही थी। इससे पहले 27 मई तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। 
चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर तैयारियां पूरी 
सीएम द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। इसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। वहीं, पेड़, खंभे और पोल आदि के गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित नहीं हो, इस बाबत सभी जिलों के उपायुक्त को गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है। भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की काफी आशंका है। ऐसे में लोगों को रखने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है। 

भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है। अफसरों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है। वहीं तेज, हवा और बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। इस बाबत ऊर्जा विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा चक्रवातीय तूफान से होने वाले नुकसान और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।
झारखंड में कल से चक्रवातीय तूफान का दिख सकता असर 
बैठक में सीएम को आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ अमिताभ कौशल ने चक्रवातीय तूफान यास का झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव तथा राहत को लेकर की गई तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके मुताबिक यह तूफान कल ओडिसा के तटीय इलाके से टकरायेगा।इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है। तूफान से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। इन इलाकों में 90 किलोमीटर अथवा उससे ज्यादा रफ्तार से हवा चलने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है। यहां चक्रवातीय तूफान यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा होने की उम्मीद है।

बैठक में हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता, चीफ सेकरटेरी सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त-सह -अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, सीएमके प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय  कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल और सचिव अबुबकर सिद्दीकी उपस्थित थे।