Jharkhand: कोडरमा में सस्पेंड पुलिस ड्राइवर सुसाइड मामले में बड़ा एक्शन, चार पुलिस अफसरों पर FIR दर्ज

झारखंड के कोडरमा में निलंबित पुलिस चालक मंसूर आलम की आत्महत्या के मामले ने पुलिस विभाग को झकझोर दिया है। आत्महत्या से पहले जारी वीडियो में चार पुलिस अधिकारियों पर प्रताड़ना और झूठा फंसाने का आरोप लगाया गया था। अब चारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है।

Jharkhand: कोडरमा में सस्पेंड पुलिस ड्राइवर सुसाइड मामले में बड़ा एक्शन, चार पुलिस अफसरों पर FIR दर्ज
पुलिस चालक मंसूर आलम (फाइल फोटो)।
  • पुलिसकर्मी ने वीडियो में लगाये थे गंभीर आरोप

कोडरमा। कोडरमा जिले में सस्पेंड पुलिस ड्राइवर मंसूर आलम की सुसाइड मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें जयनगर थाना प्रभारी बबलू सिंह, डोमचांच थाना प्रभारी ओमप्रकाश यादव, सपही पिकेट प्रभारी रमेश मरांडी और एएसआई अरविंद हांसदा शामिल हैं।
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यह मामला रविवार को चंदवारा थाना में कांड संख्या 76/25 के तहत दर्ज किया गया। मंसूर आलम पिछले तीन महीनों से निलंबित थे। बताया गया कि ड्यूटी के दौरान लापरवाही और शराब सेवन के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया गया था। मृतक मंसूर ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी उन्हें झूठे केस में फंसाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस मेन्स एसोसिएशन और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खुलकर विरोध में उतर आए और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे।
इधर, मृतक की पत्नी ने कहा कि निलंबन के बाद वेतन रोक दिए जाने से परिवार आर्थिक संकट में था, जिससे मंसूर गहरे तनाव में चले गए। उन्होंने भी रांची के बरियातू थाने में दिए बयान में संबंधित अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। कोडरमा एसपी अनुदीप सिंह ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मंसूर आलम ने 30 सितंबर को सल्फास खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था और इलाज के दौरान एक अक्टूबर को रिम्स, रांची में उनकी मौत हो गई। वीडियो वायरल होते ही पुलिस मेन्स एसोसिएशन और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने घटना को साजिश करार देते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। इधर, मृतक की पत्नी ने भी निलंबन के बाद वेतन रोके जाने से उत्पन्न आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव को आत्महत्या का प्रमुख कारण बताया था। उन्होंने भी रांची के बरियातू थाने में दिए बयान में संबंधित अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

कोई मामले पर एसपी अनुदीप सिंह ने कहा था कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

ज्ञात हो कि मंसूर आलम ने गत मंगलवार (30 सितंबर) को सल्फास खाकर जान देने का प्रयास किया था। इलाज के दौरान बुधवार (1अक्टूबर)को रिम्स, रांची में उसकी मौत हो गई थी।