तमिलनाडु: मदुरै की विजुअली चैलेंज्ड पूर्णा सुंदरी ने यूपीएससी एग्जाम में 286 वीं रैंक लाया

। तमिलनाडु की विजुअली चैलेंज्ड पूर्णा सुंदरी यूपीएससी एग्जाम-2019 में 286 वीं रैंक लायी है। मदुरै की पूर्णा का यह उनका चौथा प्रयास था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

तमिलनाडु: मदुरै की विजुअली चैलेंज्ड पूर्णा सुंदरी ने यूपीएससी एग्जाम में 286 वीं रैंक लाया
विजुअली चैलेंज्ड पूर्णा सुंदरी ने UPSC क्रैक की।

नई दिल्ली। तमिलनाडु की विजुअली चैलेंज्ड पूर्णा सुंदरी यूपीएससी एग्जाम-2019 में 286 वीं रैंक लायी है। मदुरै की पूर्णा का यह उनका चौथा प्रयास था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। पूर्णा का जुनून, लगन और मेहनत उसे कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया है।

पूर्णा को एग्जाम की तैयारी के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में 25 वर्षीय पूर्णा सुंदरी ने कहा कि मेरे माता-पिता ने मेरा काफी साथ दिया। इस कामयाबी का श्रेय मैं उन्हें देना चाहूंगी। यह मेरा चौथा प्रयास था। इस एग्जाम की तैयारी में मैंने पांच साल लगाए।पूर्णा को एग्जाम की तैयारी के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि तैयारी में मैंने ऑडियो फॉर्मेट में उपलब्ध अध्ययन सामग्री की मदद ली। इसके अलावा लैपटॉप में स्पीकिंग सॉफ्टवेयर की भी सहायता ली। मेरे माता-पिता ने मुझे किताबें पढ़-पढ़कर सुनाई। इसके अलावा मेरे दोस्त और सीनियर ने मुझे काफी सपोर्ट किया।

पूर्णा जन्म से ही नहीं थी विजुअली चैलेंज्ड 

पूर्णा जन्म से ही विजुअली चैलेंज्ड नहीं थीं। उन्होंने पांच साल तक एक सामान्य बच्चे की तरह पढ़ाई की। उनकी आंखों की रोशनी लगातार कमजोर होती चली गई। कुछ समय बाद उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई। लेकिन उन्होंने अंधेरी जिंदगी में सपने लेना जारी रखा। सपना पूरा करने के लिए वह पूरी लगन के साथ मेहनत करती रहीं। पूर्णा का कहना है कि वह स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर काम करना चाहती हैं।