गुमला में पुलिस हिरासत कांड: हाई कोर्ट की सख्ती के बाद चैनपुर थाना प्रभारी निलंबित

गुमला के चैनपुर थाना में पुलिस हिरासत में पिटाई मामले पर झारखंड हाई कोर्ट की सख्ती के बाद थाना प्रभारी निलंबित और तीन दारोगा लाइन हाजिर। कोर्ट ने CCTV फुटेज और पूरा रिकॉर्ड मांगा, कहा– कानून के राज में ऐसी घटनाएं चिंताजनक।

गुमला में पुलिस हिरासत कांड: हाई कोर्ट की सख्ती के बाद चैनपुर थाना प्रभारी निलंबित
हाईकोर्ट (फाइल फोटो)।
  •  तीन दारोगा लाइन हाजिर
  • हाई कोर्ट ने मांगा था पूरा रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज
  • कहा– “कानून के राज में ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक”

रांची/गुमला। गुमला जिले के चैनपुर थाना में पुलिस हिरासत में पिटाई के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के कड़े रुख ने जिला पुलिस प्रशासन को एक्शन लेने पर मजबूर कर दिया है। गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद चैनपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार को निलंबित कर दिया गया, जबकि पुअनि दिनेश कुमार, नंदकिशोर महतो और निर्मल राय को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

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हाई कोर्ट ने मांगा था पूरा रिकॉर्ड और CCTV फुटेज

गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की पीठ ने मामले पर सख्त टिप्पणी की। अदालत ने गुमला एसपी हारिस बिन जमां से पूछा कि पुलिस हिरासत में पिटाई जैसी घटनाएं कानून के राज में कैसे हो सकती हैं? अदालत ने स्पष्ट कहा— “कानून के राज में ऐसा किया जा रहा है, यह संकेत ठीक नहीं है।” कोर्ट ने एसपी को निर्देश दिया था कि पूरे मामले का रिकॉर्ड और घटना के दिन का चैनपुर थाना परिसर का सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत किया जाए।

एसपी ने स्वीकार की पुलिस की गलती

अदालत में पेश होकर एसपी हारिस बिन जमां ने माना कि मामले में पुलिस की तरफ से गलती हुई है। उन्होंने बताया कि पीड़ित कयूम चौधरी को पूछताछ के लिए उसके ससुर से फोन पर बातचीत करने के आधार पर लाया गया, जिनके खिलाफ वारंट लंबित है। इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा— “यदि कोई किसी से फोन पर बात कर ले, तो क्या पुलिस उसे उठा ले जायेगी और बेरहमी से पिटाई करेगी?”

बिना FIR हिरासत में लेकर पिटाई का आरोप

यह पूरा मामला नबीजा बीबी की याचिका से जुड़ा है, जिन्होंने आरोप लगाया कि 1 दिसंबर 2025 को चैनपुर पुलिस ने उनके पति को बिना किसी प्राथमिकी या शिकायत के हिरासत में लेकर पिटाई की। पिटाई के बाद कयूम को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।जांच में यह भी सामने आया कि चैनपुर पुलिस, जमगाई निवासी जमरूद्दीन खान की गिरफ्तारी के प्रयास में उनके दामाद कयूम को उठा लाई, जबकि कयूम के खिलाफ कोई भी संज्ञेय अपराध दर्ज नहीं था।

जांच रिपोर्ट ने थाना प्रभारी को दोषी ठहराया

जांच रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि— कयूम चौधरी को हिरासत में लेना अनुचित और गैरकानूनी था, उसकी पिटाई न्यायसंगत नहीं थी, और यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसी आधार पर हाई कोर्ट की सख्ती के बाद निलंबन और लाइन हाजिर की कार्रवाई की गई।

याचिका में FIR और गिरफ्तारी की मांग

नबीजा बीबी ने अपनी याचिका में थाना प्रभारी के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी की मांग की थी। अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और कहा है कि इस मामले पर विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा।