ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान, FATF का फैसला, मसूद अजहर-हाफिज सईद समेत आतंकियों पर करनी ही होगी एक्शन 

पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की डिजिटल पूर्ण सेशन में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान उसकी ग्रे लिस्ट में बना रहेगा।

ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान, FATF का फैसला, मसूद अजहर-हाफिज सईद समेत आतंकियों पर करनी ही होगी एक्शन 

नई दिल्ली। पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की डिजिटल पूर्ण सेशन में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान उसकी ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक प्रतिबद्धताओं और मापदंडों को पूरा करने में पाकिस्तान के प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया। एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने पेरिस से एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेस में कहा कि 'पाकिस्तान निगरानी सूची या ग्रे सूची में बना रहेगा।'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए कुल 27 कार्य योजनाओं में से छह को पूरा करने में अब तक विफल रहा है। इसके परिणामस्वरूप यह देश एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंक के वित्तपोषण में शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और मुकदमा चलाना चाहिए।एफएटीएफ चीफ ने कहा कि 'पाकिस्तान को आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है।सोर्सेज काकहना  कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और संगठन के ऑपरेशनल कमांडर जाकिउर रहमान लखवी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है।इसके अलावा एफएटीएफ ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि आतंकवाद विरोधी अधिनियम की अनुसूची चार के तहत उसकी ऑफिसियल लिस्ट से अचानक चार हजार से अधिक आतंकवादियों के नाम गायब हो गये। अब अगले साल फरवरी में होने वाली एफएटीएफ की अगली बैठक में पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा की जायेगी।
एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान को दिखाना होगा कि आतंकवादी संगठनों की आर्थिक गतिविधियों की व्यापक पहचान करके रोक लगाई गई है। पाकिस्तान को यह भी दिखाना होगा कि आतंक के वित्तपोषण से जुड़े मुकदमों में प्रभावी परिणाम निकले और कड़े प्रतिबंध लगाये जाएं। पाकिस्तान को 1267 और 1373 के तहत नामित आतंकवादियों और इनके लिए काम करने वालों पर प्रभावी वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाएं, ये किसी तरह धन एकत्रित ना कर सकें। इनकी संपत्तियों की पहचान करके उन्हें जब्त किया जाए। 

पाकिस्तान अगर दहशतगर्दी से पूरी तरह से नाता नहीं तोड़ता है तो काली सूची में डाल दिया जायेगा।इससे पहले से ही आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान एक-एक पैसे को मोहताज हो जायेगा। एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान को वर्ष 2021 की फरवरी  तक बचे हुए छह पॉइंट पर काम करके दिखाना होगा। इमरान खान की गवर्नमेंट यदि देश को ग्रे लिस्ट से बाहर करना चाहती है तो उसे मसूद अजहर-हाफिज सईद समेत आतंकियों सभी दहशतगर्दों पर कार्रवाई करनी होगी।