Dhanbad: गवर्नर से मिली झरिया एमएलए रागिनी सिंह जामाडोबा डिग्री कॉलेज की समस्याओं का निराकरण की मांग
झरिया एमएलए रागिनी सिंह रविवार को झारखंड के गवर्नर संतोष गंगवार मिलकर जामाडोबा डिग्री कॉलेज की समस्याओं का निराकरण की मांग की है। राज्यपाल भवन में मुलाकात कर उन्हें झरिया विधानसभा (जिला धनबाद) के जामाडोबा में स्थापित डिग्री कॉलेज से जुड़े समस्याओं का निराकरण के संबंध में पत्र सौंपा। उनसे बच्चों के सुनहरे भविष्य को देखते हुए इस विषय में त्वरित एवं उचित पहल किए जाने का आग्रह किया है।

धनबाद। झरिया एमएलए रागिनी सिंह रविवार को झारखंड के गवर्नर संतोष गंगवार मिलकर जामाडोबा डिग्री कॉलेज की समस्याओं का निराकरण की मांग की है। राज्यपाल भवन में मुलाकात कर उन्हें झरिया विधानसभा (जिला धनबाद) के जामाडोबा में स्थापित डिग्री कॉलेज से जुड़े समस्याओं का निराकरण के संबंध में पत्र सौंपा। उनसे बच्चों के सुनहरे भविष्य को देखते हुए इस विषय में त्वरित एवं उचित पहल किए जाने का आग्रह किया है।
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गवर्नर को दिये गये पत्र में रागिनी सिंह ने कहा है कि धनबाद जिले की झरिया विधानसभा के जामाडोबा में पिछले दो वर्षों से एक डिग्री कॉलेज का संचालन हो रहा है। इस कॉलेज की स्थापना आग ओर भूधंसान के खतरे के कारण बंद किये गये ऐतिहासिक राजा शिव प्रसाद कॉलेज के विकल्प में एक उच्च शैक्षणिक संस्थान झरिया विधानसभा वासियों को देने के उद्देश्य से की गयी है। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि एक्स एमएलए संजीव सिंह जी के पहल से स्थापित इस कॉलेज में पर्याप्त व्याख्याताओं, अशैक्षणिक और बुनियादी संसाधनों की कमी के कारण कॉलेज का पठन-पाठन अपेक्षा के अनुसार नहीं हो पा रहा है। जिसमें इन सभी निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।1. व्याख्याताओं की कमी कॉलेज में जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गणीत, मनोविज्ञान विषय के लिए व्याख्याता व खेलकूद के लिए प्रशिक्षक नहीं है। पूर्व में इन विषयों में ऑनलाइन कक्षा का आयोजन किया जाता था लेकिन वर्तमान में कॉलेज में इंटरनेट सेवा नहीं होने से यह सेवा भी उपलब्ध नहीं है। कॉलेज में उल्लेखित व्यख्याताओं और खेल प्रशिक्षक की नियुक्ति अति आवश्यक है।
कॉलेज में उद्घाटन के समय से ही विद्युत संयोग नहीं है। ऐसी हालत में कॉलेज का काम सोलर सिस्टम से चल रहा है लेकिन सोलर सिस्टम में तकनीकि खराबी होने से सभी काम ठप पड़ जाते है। संस्थान में अविलंब विद्युत संयोग बहाल किये जाने की जरूरत है। कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड की व्यवस्था नहीं है कॉलेज के किसी भी कक्षाओं में कोई ब्लैक बोर्ड नहीं है जो शिक्षण प्रणाली के लिए भीषण चुनौती पेश करता है। कॉलेज के सभी कक्षाओं में अति आवश्यक रुप से ब्लैक बोर्ड लगाया जाना चाहिए। कॉलेज में पुस्तकालय नहीं है शैक्षक्षणिक संस्थानों के लिए एक समृद्ध पुस्तकालय होना बुनियादी जरूरत होती है जो कि इस कॉलेज में नहीं है। इसके लिए अलग से कक्ष तो है लेकिन उसमें एक भी पुरतक नहीं है। जिससे विशेष कर गरीब विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है। पुस्तकालय कक्ष के लिए पुस्तक एवं आलमारियों की व्यवस्था किए जाने की जरूरत है। एक और आश्चर्यजनक बिंदु यह है कि कॉलेज में विज्ञान संकाय का पठन-पाठन होने के बावजूद यहां प्रयोगशाला है ही नहीं। इस कारण प्रायोगिक कार्य सिखने से वंचित विद्यार्थियों को प्रायोगिक परिक्षा के समय परेशानियों को सामना करना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अंक भी कम मिलते हैं।
कॉलेज में शुद्ध पेय जल आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां बोरिंग से जो पानी मिलता है वह पीने योग्य नहीं है। इसलिए कॉलेज में झमाडा (झारखण्ड मिनरल एरिया ऑथरिटी) की ओर से एक पेय जल संयोग की व्यवस्था करना अति आवश्यक है। संस्थान में एक भी सफाई कर्मी बहाल नहीं है। वर्तमान में बाहरी मजदूरों से दैनिक भूगतान के आधार पर सफाई कार्य लिया जा रहा है जो अपर्याप्त है। संस्थान में नियमित सफाई कर्मियों की बहाली जरूरी है। माली का आभाव संस्थान कैंपस के चारों ओर उग आये जंगल-झाड़ में विषैले सांप-बिच्छुओं का वास हो गया है जो कि अक्सर क्लास रूम और कार्यालयों में घुस आते हैं। जिससे विद्यार्थियों व कर्मचारियों में दहशत की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इन विषैले प्राणियों के काटने से कभी भी भीषण दुर्घटना घट सकती है। इस समस्या का निदान बागवानी कर्मी / माली की नियुक्ति से किया जा सकता है जिससे न उन्मुक्त जगहों में उग रहे जंगल-झाड़ की कटाई / सफाई होती रहेगी बल्कि उन स्थानों में पठन-पाठन और सुंदरता की दृष्टि से महत्वपूर्ण विभिन्न तरह के फुल-फल और वनौषधि के पौधे लगाये जा सकेंगे।
कॉलेज में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों में 90 प्रतिशत छात्राएं है। लेकिन इसके एवज में सिर्फ एक सुरक्षाकर्मी है जो सिर्फ सुबह की पाली में मेन गेट में ही सेवा देते रहते है जिनके लिए अकेले सुरक्षा व्यवस्था संभालना असंभव होता है। दूसरी ओर कॉलेज बंद होते ही कैंपस के अंदर असामाजिक तत्वों का जमावडा हो जाता है जो नशाखोरी के साथ-साथ कई अनैतिक काम करते रहते हैं। इस स्थिति को देखते हुए पूरे कॉलेज कैंपस की 24 घंटे निगरानी तथा बाहरी तत्वों की आवांछित प्रवेश को रोकने के लिए सुबह की पाली में तीन और बाकी दो पाली में दो-दो थानी कुल सात सुरक्षाकर्मियों की बहाली किये जाने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों के लिए पहचान पत्र संस्थान का संवालन शुरु हुए दो वर्ष बीत गये लेकिन एक भी शैक्षणिक वर्ष के लिए पहचान पत्र जारी नहीं किया है। जिससे कॉलेज में बाहरी तत्वों का प्रवेश रोकने में परेशानी होती है। कैंपस में बाहरी तत्वों के प्रवेश के कारण कई बार विभिन्न प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हुई है जिसके लिए स्थानीय पुलिस की मदद लेना पड़ी है। इसलिए विद्यार्थियों और कर्मियों के लिए पहचान पत्र जारी किया जाना अति आवश्यक है।
सुरक्षा की दृष्टि से कॉलेज कैंपस के मुख्य गेट सहित सभी जरूरी जगहों पर सीसीटीवी कैमरा का इंस्टालेशन जरुरी है। इस विषय को भी अति आवश्यकता की सूची में रखे जाने की जरूरत है। कॉलेज कैंपस में शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों के जमावड़ा के साथ ही कैंपस परिसर में विषैले सांप-बिच्छुओं का बसेरा हो जाता है। इसलिए संस्थान परिसर में सुचारू बिजली व्यवस्था के साथ चारों ओर प्रकाश की व्यवस्था किये जाने की जरूरत है। इससे सुरक्षाकर्मी बहाल किए जाने पर उन्हें सुरक्षा जायजा लेने में आसानी होगी। वाई-फाई इंटरनेट सेवा नहीं होने से ऑनलाईन जरूरी काम नहीं हो पाता। यह काग बाहर के साइबर कैफे आदि में कराने पर गोपनियता भंग होने की आंशका रहती है। इसलिए कॉलेज में वाई-फाई सेवा की व्यवस्था अति आवश्यक रूप से किए जाने की आवश्यकता है। कॉलेज मेंप्रिंटर और फोटों कॉपी मशीन नहीं होने के कारण बाहरी प्रतिष्ठानों की सेवा लेनी पड़ती है जिससे गोपनियता भंग होने की आशंका रहती है। इन दो उपकरणों को भी अति आवश्यक सूची में शामिल किए जाने की जरूरत है।एमएलए रागिनी सिंह ने गवर्नर से इन सभी विषयों पर छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए तत्वरित पहल किए जाने का आग्रह किया है। जिसपर महामहिम ने यथासंभव कार्यवाही किए जाने का भरोसा दिलाया है।