Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र को लेकर स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है।

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र को लेकर स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है।
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उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखे एक पत्र में बताया कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत अपने इस्तीफे की पेशकश की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखे पत्र में जगदीप धनखड़ ने लिखा कि स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं।
उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु को उन्होंने सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद भी दिया। इसके अलावा पीएम मोदी और मंत्रिपरिषद से भी मिले सहयोगों और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। जानकारी दें कि उप राष्ट्रपति का कार्यकाल 2027 तक था।
PM मोदी का जिक्र, स्वास्थ्य का हवाला और...
धनखड़ ने लिखा, 'मैं माननीय प्रधानमंत्री और प्रतिष्ठित मंत्री परिषद का भी दिल से आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री जी का सहयोग और समर्थन अत्यंत मूल्यवान रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा है।' उन्होंने लिखा, संसद के सभी माननीय सदस्यों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मुझे प्राप्त हुआ, वह हमेशा मेरी स्मृति में अंकित रहेगा।'
धनखड़ ने कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में मुझे जो अमूल्य अनुभव और अंतर्दृष्टि प्राप्त हुई, उसके लिए मैं अत्यंत आभारी हूं। यह मेरे लिए गर्व और संतोष की बात रही कि मैं भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास का साक्षी और सहभागी बना। हमारे राष्ट्र के इस परिवर्तनकारी काल में सेवा देना मेरे लिए सच्चा सम्मान रहा है। जब मैं इस गरिमामयी पद को छोड़ रहा हूं, तब मैं भारत की वैश्विक उन्नति और अद्भुत उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूं और उसके उज्ज्वल भविष्य में मेरी पूर्ण आस्था है।
धनखड़ ने कहा कि इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व घातीय विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य और संतुष्टि की बात रही है। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है।