दिल्ली: चैतन्यानंद सरस्वती फरार, 17 छात्राओं ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, FIR दर्ज
दिल्ली बसंत कुंज के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की 17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लुक-आउट नोटिस जारी किया। आश्रम ने आरोपी से सभी संबंध तोड़े।

- कार से मिली फर्जी UN नंबर प्लेट
- लुक आउट नोटिस जारी
- फैकल्टी और आश्रम की महिलाएं छात्राओं पर बनाती थीं दबाव
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली वसंतकुंज पुलिस स्टेशन एरिया के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में पढ़ने वाली 17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मामले में फरार आरोपित स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। पुलिस स्वामी चैतन्यानंद की तलाश शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ें: IND vs WI Test 2025: वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान,गिल कप्तान, जडेजा उपकप्तान
बताया जाता है कि पुलिस ने जांच के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें से 17 छात्राओं ने बताया कि फैकल्टी और आश्रम में कार्यरत महिलाएं उन पर चैतन्यानंद की डिमांड पूरी करने का दबाव बनाती थी। वह छात्राओं को रुपये और अच्छे नंबर का लालच देकर चैतन्यानंद को खुश करने के लिए कहती थी।
वाट्सएप पर गंदे मैसेज भेजता था चैतन्यानंद सरस्वती
छात्राओं ने चैतन्यानंद सरस्वती पर अभद्र भाषा, अश्लील वाट्सएप मैसेज और गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया है। मामला खुलने के बाद आश्रम ने चैतन्यानंद की गंदी हरकतों के कारण उन पर एक्शन लेते हुए उन्हें निदेशक पद से हटा दिया है। पुलिस ने उन्हें देश से भागने से रोकने के लिए लुक-आउट नोटिस जारी किया है। पुलिस का कहना है कि आखिरी लोकेशन आगरा थी लेकिन, वह बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी फोन का भी बहुत कम इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस उसकी खोज में कई जगहों पर रेड की है। 17 छात्राओं द्वारा आरोप लगाने के बाद से स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती फरार है। फिलहाल दिल्ली पुलिस स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की तलाश में जुटी है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला चैतन्यानंद सरस्वती 12 साल से आश्रम में रह रहा था। वह आश्रम के संचालक और केयरटेकर दोनों की भूमिका संभालता था। मामला खुलते ही आश्रम ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती से किनारा कर लिया है।
आश्रम से यूएन नंबर प्लेट लगी कार बरामद,कार में मिले 10 नंबर प्लेट
साउथ दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में चल रहे प्राइवेटइंस्टीट्यूट में 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोपों से घिरे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के पास से बरामद हुई कार की नंबर प्लेट भी नकली है। कार से 10 और नंबर प्लेट मिले हैं।
श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में पढ़ने वाली 17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छेड़छाड़ और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। इस कंपलेन के आधार पर पुलिस ने 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए थे। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट के समक्ष छात्राओं के बयान दर्ज करायी है। वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में धारा 75(2)/79/351(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीसीटीवी फुटेज की जांच और घटनास्थल की जांच की गयी है। वहीं, संस्थान से मिले एनवीआर/हार्ड डिस्क एफएसएल को भेजे गये हैं।
फर्जी नंबर प्लेट लगी कार बरामद
दिल्ली पुलिस को जांच के दौरान श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान के बेसमेंट में एक वोल्वो कार खड़ी मिली। वहीं, जांच में पता चला कि कार पर फर्जी यूएन नंबर फ्लेट लगी थी। यह कार स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. स्वामी पारसार्थी द्वारा इस्तेमाल की जा रही थी। पुलिस ने कार को जब्त कर गहनता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इंस्टीट्यूट में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी कब्जे में ले लिया है।
पीठम ने चैतन्यानंद सरस्वती से सभी संबंध खत्म किये
संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पहले स्वामी पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था, अवैध और अनुचित गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीठ ने उनके साथ सभी संबंध तोड़ लिए हैं। पीठम ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (पूर्व नाम: डॉ. पार्थसारथी) से अपने सभी संबंध आधिकारिक रूप से खत्म करने की घोषणा की है।स्वामी पर अवैध, अनुचित और पीठम के हितों के लिए हानिकारक गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
पीठम ने संबंधित अधिकारियों के पास स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ उनके कथित अवैध कार्यों को लेकर शिकायतें दर्ज करायी है। पीठम ने साफ किया कि नई दिल्ली स्थित 'शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च' का संचालन AICTE की मंजूरी से किया जा रहा है।संस्थान का प्रशासन एक प्रतिष्ठित गवर्निंग काउंसिल (शासी परिषद) देख रही है, जो छात्रों के कल्याण और शैक्षिक कार्यक्रमों को बिना किसी बाधा के जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
बाबा चैतन्यानंद बार-बार बदलता है ठिकाने, यूज नहीं करता फोन
ओडिशा निवासी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पहले डॉ. पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था। वह खुद को संत बताता है। लगभग 12 साल से आश्रम में रह रहा है। बताया गया कि साल 2009 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। बाद में 2016 में वसंत कुंज में एक महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था। वहीं, अब चैतन्यानंद पर 17 लड़कियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
छात्राओं ने लगाये गंभीर आरोप
शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है। वहीं, पुलिस जांच के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनके साथ अपमानजनक भाषा, अश्लील वॉट्सएप/एसएमएस संदेश और अवांछित शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया।पीड़ित छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि इंस्टीट्यूट में कार्यरत महिलाओं ने उन्हें आरोपी की मांगें मानने के लिए उकसाया और दबाव डाला।