Leh Ladakh Protest: लेह-लद्दाख में बवाल, CRPF की गाड़ी और BJP ऑफिस फूंका, कारगिल बंद

लेह-लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर आंदोलन हिंसक हो गया। CRPF वाहन और बीजेपी कार्यालय फूंका, कारगिल बंद। सोनम वांगचुक ने शांति बनाये रखने की अपील की।

Leh Ladakh Protest: लेह-लद्दाख में बवाल,  CRPF की गाड़ी और BJP ऑफिस फूंका, कारगिल बंद
बंद में सड़कों पर सन्नाटा।
  • सोनम वांगचुक के नेतृत्व में कर रहे हैं लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग 

लद्दाख। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर जारी आंदोलन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया। लेह में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने CRPF की गाड़ी और बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।
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लेह में हिंसक झड़पों के बाद कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस द्वारा पूर्ण बंद का आह्वान किया गया जिससे कारगिल और आसपास के इलाकों में कामकाज ठप हो गया। लेह में कर्फ्यू लगा है। सुरक्षा बल तैनात हैं। यह अशांति लद्दाख में संवैधानिक सुरक्षा उपायों और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग के कारण है। उपराज्यपाल ने हिंसा की निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
लद्दाख में हिंसा में  लोगों की मौत और 70 से अधिक घायल होने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें एक कांग्रेस काउंसलर भी शामिल बताया जा रहा है। हिंसा के बाद कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने पूर्ण बंद का आह्वान किया, जिसके चलते कारगिल और आसपास के इलाकों में जनजीवन ठप हो गया। लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गयी है।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पर्यावरणविद और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल समाप्त करते हुए शांति बनाये रखने की अपील की। उन्होंने केंद्र सरकार से लद्दाख की मांगों पर तत्काल निर्णय लेने को कहा। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख (Leh Ladakh Protest) को पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन गुरुवार को 14वें दिन भी जारी रहा। लद्दाख को पूर्ण राज्य के दर्जे दिए जाने को लेकर और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर चल रहे सोनम वांगचुक ने बुधवार की शाम अनशन समाप्त कर दिया है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षक सोनम वांगचुक ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि भाजपा को आगामी हिल काउंसिल चुनावों से पहले लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का अपना वादा पूरा करना चाहिए। हिंसा के बाद प्रदर्शनकारियों के नेता सोनम वांगचुक ने दुख जताया है और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की है। वांगचुक के अनशन के बाद केंद्र सरकार ने लद्दाख के लोगों को बातचीत के लिए छह अक्टूबर को बुलाया है।
लद्दाख के लेह टाउन में बुधवार को आक्रोशित प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गयी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। CRPF की वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी। भूख हड़ताल पर बैठे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने एक वीडियो जारी कर लेह में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और शांति बनाए रखने का आह्वान किया। राज्य के दर्जे के आंदोलन के दौरान लद्दाख में हिंसा की यह पहली घटना है।
लेह में दो महिला प्रदर्शनकारियों के बीमार पड़ने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ही वहां तैनात पैदा हुआ। प्रदर्शन के दौरान दो प्रदर्शनकारी अंचुक और अंचुक डोल्मा बेहोश हो गये। दोनों को पास के एक अस्पताल ले जाया गया। इस घटना से सभा में अशांति फैल गई, जिसके कारण लेह हिल काउंसिल भवन पर पथराव हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया। अचानक प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये और पुलिस से भिड़ गये। लेह स्थित भाजपा कार्यालय पर हमला किया और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। 
मामले के निर्णय के लिए सेंट्रल ने तय की है छह अक्टूबर की डेट
लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के सुरक्षा उपायों की मांग कर लोगों ने कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने इस मामले पर निर्णय के लिए छह अक्टूबर की तारीख तय की है। लेकिन प्रदर्शनकारी इससे पहले समाधान की मांग कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी नेता ने कहा कि हमारी मांग तत्काल कार्रवाई की है। लद्दाख के लोग अब और इंतजार नहीं कर सकते। कारगिल में आयोजन समिति के सदस्य सज्जाद करगली ने बताया कि आंदोलन के समर्थन में कल गुरुवार को कारगिल पूरी तरह बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन जोर पकड़ रहा है।  पिछले दो वीक से इस विरोध प्रदर्शन में भारी भीड़ उमड़ रही है जिसमें पुरुष, महिलाएं और युवा सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। प्रदर्शनकारी लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा और राजनीतिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
सोनम वांगचुक हैं पर्यावरणविद और शिक्षा सुधारक 
सोनम वांगचुक लद्दाख के प्रसिद्ध शिक्षाविद और पर्यावरणविद हैं। वे पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की है। उन्होंने कई नवीन तकनीकों का आविष्कार किया है। यह दावा किया जाता है कि हिंदी फिल्म थ्री इडियट्स का किरदार फुंसुक वांगडू उनके ही जीवन से प्रेरित है।सोनम वांगचुक लेह-लद्दाख के लिए लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। वे अपनी मांगों के समर्थन में 15 दिन से भूख हड़ताल पर थे। लेह-लद्दाख के लोगों की मांग
केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया, तो प्रदेश को बांट दिया गया है। उस समय लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। उस समय सरकार के फैसले का सोनम वांगचुक ने स्वागत किया था। कुछ ही समय बाद यहां के लोगों ने यह मांग शुरू कर दी कि लेह-लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, ताकि यहां के लोगों के हितों की रक्षा हो और उनकी संस्कृति बची रहे।
सोनवम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख वासी की मांग 
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले
लद्दाख को संविधान छठी अनुसूची में शामिल किया जाए (जनजातीय क्षेत्रों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिले)
लेह और कारगिल अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र बने
लोकल लोगों को नौकरी में आरक्षण मिले
लद्दाख 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा जरूर था, लेकिन यहां के लोगों की अपनी अलग संस्कृति और पहचान है लद्दाख के युवा अब उसी पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे हैं।