बिहार: मगध रेंज के आईजी, गया के एसएसपी और बुडको एमडी हटाये गये, भ्रष्टाचार के आरोप में हुई कार्रवाई

बिहार गवर्नमेंट ने भ्रष्टाचार और अनियमिता के आरोप मगध रेंज के आईजी अमित लोढ़ा और गया के एसएसपी आदित्य कुमार को उनके पोस्ट से हटा दिया गया है। बुडको के एमडी पर अभिषेक सिंह पर भी गाज गिरी है। अभिषेक सिंह बुडको में आने से पहले गया के डीएम थे। 

बिहार: मगध रेंज के आईजी, गया के एसएसपी और बुडको एमडी हटाये गये,  भ्रष्टाचार के आरोप में हुई कार्रवाई
  • दो थानेदारों के चक्कर में छिन गई गया के आइजी-एसएसपी की कुर्सी

पटना। बिहार गवर्नमेंट ने भ्रष्टाचार और अनियमिता के आरोप मगध रेंज के आईजी अमित लोढ़ा और गया के एसएसपी आदित्य कुमार को उनके पोस्ट से हटा दिया गया है। बुडको के एमडी पर अभिषेक सिंह पर भी गाज गिरी है। अभिषेक सिंह बुडको में आने से पहले गया के डीएम थे। 

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आइपीएस विनय कुमार को मगध रेंज के नये आईजी जबकि हरप्रीत कौर को गया का एसएसपी बनाया गया है। गया के आइजी व एसएसपी को पुलिस हेडक्वार्टर में वेटंग फॉर पोस्टिंग में रखा गया है। त्रिपुरा कैडर के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह को बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लि. (बुडको) के एमडी पद से हटाकर राज्य योजना पर्षद में परामर्शी बनाया गया है। अभिषेक सिंह के पास बिहार राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक का भी प्रभार था। वह प्रतिनियुक्ति पर बिहार में पदस्थापित हैं। 
दो थानेदारों के चक्कर में आइजी और एसएसपी की कुर्सी छीन गयी
गया के दो थानेदारों के चक्कर में बढ़ी टकराहट ने मगध क्षेत्र के आइजी अमित लोढ़ा और एसएसपी आदित्य कुमार की कुर्सी छीन ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आइपीएस अफसरों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही थी इसमें थानेदारों का मामला तात्कालिक कारण बन गया। पुलिस हेडक्वार्टर जनप्रतिनिधियों और अन्य स्रोतों से भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायतें मिलीं। इसके बाद दोनों ही आइपीएस अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। 
एसएसपी के आदेश को आइजी ने पलटा
जानकार सोर्सेज के अनुसार व आइजी व एसएसपी अफसरों के बीच विवाद के कई कारण हैं। इनमें रामपुर और फतेहपुर के थानेदार का मामला मेन है। रामपुर के थानेदार सुरेंद्र कुमार सिंह पर एसएसपी की कार्रवाई के आदेश को आइजी ने पलट दिया था। किसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया था। वह व्यक्ति अकसर थाने आता-जाता था जिसके आधार पर सत्यापन करने वाले पुलिसकर्मी ने उसे क्लीनचीट दे दी। मामले की कंपलेन ऊपर तक पहुंचने बाद जांचकर्ता पुलिस पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया। एसएसपी ने सिटी एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। जब जवाब नहीं आया तो आदेश की प्रत्याशा में थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया मगर थोड़े ही दिनों में आइजी ने एसएसपी के आदेश को पलट दिया।

मद्यनिषेध आइजी को लिखना पड़ा लेटर

दूसरा मामला पिछले साल दिसंबर का गया के फेतहपुर थानेदार से जुड़ा है इसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय कुमार पर शराबबंदी कानून में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। दो मामलों में अंग्रेजी शराब और महुआ शराब पकड़े जाने के बाद थानाध्यक्ष ने सिर्फ सनहा दर्ज किया था। बरामद शराब व अन्य सामान की न जब्ती सूची बनाई गई और न ही एफआइआर दर्ज कर जांच किया गया। इस मामले में एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कार्यकलाप में सुधार का अवसर थानेदार को दे दिया जबकि आइजी के द्वारा थानेदार को सस्पेंडकरने का निर्देश दे दिया गया। इस मामले को लेकर भी दोनों अफसरों के बीच तनातनी चली। इस मामले को लेकर मद्य निषेध आइजी ने भी एसएसपी को पत्र लिखकर इस लापरवाही को खेदजनक बताया और मगध रेंज के आइजी के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया था।