झारखंड: टी-शर्ट, टॉफी घोटाला की जांच करेगी ACB, CM हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी, रघुवर दास की बढ़ेंगी मुश्किलें

झारखंड में वर्ष 2016 में 13 नवंबर से 15 नवंबर के बीच हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह में टॉफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत व साज-सज्जा घोटाले के मामले की जांच एसीबी करेगी। सीएम हेमंत सोरेन ने मामले की एसीबी जांच के लिए मंजूरी दे दी है। 

झारखंड: टी-शर्ट, टॉफी घोटाला की जांच करेगी ACB, CM हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी, रघुवर दास की बढ़ेंगी मुश्किलें

रांची। झारखंड में वर्ष 2016 में 13 नवंबर से 15 नवंबर के बीच हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह में टॉफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत व साज-सज्जा घोटाले के मामले की जांच एसीबी करेगी। सीएम हेमंत सोरेन ने मामले की एसीबी जांच के लिए मंजूरी दे दी है। 

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एमएलए सरयू राय ने उक्त घोटाले की कंपलेन एसीबी से की थी। एसीबी ने जून-2021 में एमएलए सरयू राय की कंपलेन पर जांच के लिए स्टेट गवर्नमेंट से अनुमति मांगी थी। इसपर विचार के बाद सीएम ने जांच की अनुमति दे दी है।झारखंड स्थापना दिवस पर गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम के दौरान भी अनियिमितता का आरोप लगा है।वर्ष 2016 के राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में हुई अनियमितता को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए विचाराधीन है।
उल्लेखनीय है कि एमएलए सरयू राय ने पिछले साल एसीबी को आवेदन देकर पूरे मामले की जांच का आग्रह किया था। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आग्रह भी किया था कि राज्य को बदनाम करने वाले इस घोटाले की जांच एसीबी या सीबीआइ से कराई जाए ताकि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सके और दोषी बचने नहीं पाएं। उन्होंने इस घोटाले को मैनहर्ट से अधिक गंभीर बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि सीबीआइ से जांच इसलिए कराई जा सकती है क्योंकि टी-शर्ट की खरीद का मामला दो स्टेट झारखंड व पंजाब से संबंधित है।
यह मामला
झारखंड दिवस समारोह 2016 व 2017 में 15 नवंबर को स्कूली बच्चों के बीच टॉफी, टी-शर्ट बांटने व गीत-संगीत की महफिल सजाने तथा रांची शहर की साज-सज्जा से संबंधित घोटाले का यह मामला है। इसकी जांच झारखंड विधानसभा की एक समिति भी कर रही थी। इसी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में एक रिट याचिका विचाराधीन है। स्टेट गवर्नमेंट ने समय कम होने का बहाना बनाकर राज्य स्थापना दिवस समारोह 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिए एक प्रिंटेड टी-शर्ट व टॉफी का एक पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा था।जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित लाला इंटरप्राइजेज से टॉफी की खरीद और जमशेदपुर के ही प्रकाश शर्मा से टी-शर्ट की खरीद हुई थी। टी-शर्ट कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना की दिखाई गई थी।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लाला इंटरप्राइजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदा और न ही बेचा। लेकिन एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया। उसपर बिक्री कर (वैट) का करीब चार लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया। वाणिज्यकर विभाग ने टॉफी की बिक्री छुपाने के चलते लाला इंटरप्राइेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है।इसी प्रकार कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना के स्थानीय एजेंट जमशेदपुर के कदमा निवासी प्रकाश शर्मा के माध्यम से पांच करोड़ रुपये की टी-शर्ट की खरीद दिखाई है। टी-शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से पहुंची या रेल मार्ग से इसकी सूचना वाणिज्यकर विभाग को नहीं है। इसके लिए रोड परमिट भी नहीं दिया गया है। इसके बावजूद भुगतान पूरा हो गया। अब राज्य सरकार की वाणिज्यकर विभाग ने पंजाब सरकार इस बारे में जानकारी मांगी है।
गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम पर 55 लाख रुपये का पेमेंट
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि 15 नवंबर 2016 को पूर्व निधारित कार्यक्रम के बीच एक घंटे के लिए पार्श्व गायिका सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम रखा गया। नौ नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीएम के आप्त सचिव ने सुनिधि चौहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा। इसपर करीब 44 लाख रुपये का खर्च बताया गया।प्रस्ताव स्वीकृत भी हो गया, लेकिन कुल भुगतान 55 लाख रुपये दिखाया गया। इससे तीन दिन पहले छह नवंबर 2016 को छठ पूर्व पर सूर्य मंदिर परिसर जमशेदपुर में भी सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम हुआ था। तत्कालीन सीएम ही उस समय सूय मंदिर समिति के संरक्षक थे। सरकार ने तो 15 नवंबर के लिए सुनिधि चौहान के एक घंटे के कार्यक्रम के लिए 55 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया। यहां सवाल यह उठा है कि सूर्य मंदिर समिति ने सुनिधि चौहान को कितने का भुगतान किया था। या दोनों ही कार्यक्रमों का भुगतान सरकार ने ही कर दिया।

रांची टाउन की सजावट पर किया करोड़ों खर्च

रांची टाउन में एक दिन की सजावट पर बिजली विभाग ने 15 नवंबर 2016 को चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च दिखाया। वर्ष 2017 में यह खर्च लगभग दो करोड़ रुपये है। वर्ष 2016 के कार्यक्रम में कुल खर्च 9.50 करोड़ रुपये दिखाया गया है, जबकि यही खर्च 2017 के राज्य स्थापना दिवस पर लगभग12 करोड़ रुपये से अधिक का दिखाया गया है। वर्ष 2017 में प्रभात फेरी के लिए टॉफी की खरीद जुगसलाई की मां लक्ष्मी भंडार और टी-शर्ट की खरीद आदित्यपुर के प्रतीक फैबिनेट से की गई थी।
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे: रघुवर

वही एक्स सीएम व बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे। हमने पांच साल ईमानदार सरकार और इमानदार प्रशासन दिया है। इसके बावजूद अगर किसी को लगता है कि कोई गड़बड़ी हुई है, तो किसी भी जांच का मैं स्वागत करता हूं। सांच को आंच क्या। इस सरकार ने विधानसभा में स्वयं स्वीकार किया था कि इस मामले में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। अभी हाल के दिनों में ही मैंने सरकार पर कुछ गंभीर सवाल उठाए थे, शायद निशाना सही जगह लगा है।