Dhanbad: कोयला लोडिंग में सिंह नेचुरल आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी, झरिया एमएलए ने जतायी नाराजगी 

धनबाद में कोयला लोडिंग को लेकर सिंह नेचुरल आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी सामने आई है। झरिया विधायक ने विरोध जताते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

Dhanbad: कोयला लोडिंग में सिंह नेचुरल आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी, झरिया एमएलए ने जतायी नाराजगी 
मौके पर पहुंची रागिनी सिंह।
  • बीसीसीएल अफसरों पर सांठगांठ कर कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बीसीसीएल पीबी एरिया में पुटकी  गोपालीचक कोलयिरी संचालित सिंह नेचुरल आउटसोर्सिंग कंपनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। कोयला लोडिंग में कथित रंगदारी को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। 
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कोयला डीओ धारकों द्वारा कोयले में मिलावट और भेदभाव की कंपलेन की गयी है। कंपलेन के बाद झरिया एमएलए रागिनी सिंह खुद मौके पर पहुंचीं। उन्होंने लोकल लोगों से बातचीत के बाद पीबी एरिया के जीएम से बात की। एमएलए ने आउटसोर्सिंग कंपनी व बीसीसीएल अफसरों की मिली भगत पर अपनी नाराजगी जतायी। उन्होंने कार्यस्थल का निरीक्षण कर इसे सुधारे जाने का निर्देश दिया। एमएलए ने मौके से कोल इंडिया चेयरमैन सहित बीसीसीएल सीएमडी को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी। जल्द कार्रवाई नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी भी दी। 

वही लोकल डीओ धारकों और ग्रामीणों का आरोप है कि आउटसोर्सिंग कंपनी कोयले में पत्थर मिलाकर सप्लाई कर रही है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। बताया गया कि कई ट्रकों को 15-15 दिन तक खड़ा रखा जा रहा है। जबकि दूसरी ओर मनचाहे डीओ धारकों को बेहतर गुणवत्ता का कोयला दिया जा रहा है। वही झरिया एमएलए रागिनी सिंह ने आरोप लगाया कि आउटसोर्सिंग कंपनी पूरी तरह मनमानी कर रही है। इसमें बीसीसीएल के अफसरों व लोकल पुलिस की मिलीभगत भी है। उन्होंने यह भी बताया कि रात के अंधेरे में अवैध रूप से ओवरलोड कोयला भेजा जा रहा है। जबकि लोकल डीओ धारक परेशान होकर बेरोजगारी और घाटे का शिकार हो रहे हैं। 

वही इस संबंध में पीबी एरिया के जीएम का कहना है कि कोयला लोडिंग पूरी तरह नियम और नंबर सिस्टम के तहत किया जा रहा है। अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है, तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी। डीओ धारक रणजीत रवानी ने बताया कि पहले भी कोयला उठाव को लेकर इसी तरह विवाद खड़ा किया गया था। उनके खिलाफ दो रंगदारी केस भी दर्ज कराये गये हैं। उन्होंने मांग की कि मैन्युअल लोडिंग की व्यवस्था की जाए ताकि लोकल लोगों को रोजगार भी मिले और कोयले की गुणवत्ता में सुधार हो सके।