बिहार: फर्जी सब इंस्पेक्टर अरेस्ट, पांच सालों में मुंगेर से बेगूसराय तक की करोड़ों की ठगी

मुंगेर जिला पुलिस ने मंगलवार को धरहरा ब्लॉक के लड़ैयाटांड पुलिस स्टेशन एरिया के गोविंदपुर निवासी फर्जी दारोगा (सब इंस्पेक्टर) सुरेंद्र पासवान का पुत्र राहुल कुमार (30)    स्थित गोविंदपुर राहुल कुमार को अरेस्ट कर लिया है। वह गांव वालों और पुलिस महकमे पिछले पांच सालों से चकमा देता रहा। खुद को बेगूसराय में पोस्टेड हने की बात कहकर गांव वालों को दारोगा और सिपाही में बहाली कराने के नाम पर ठग रहा था।

बिहार: फर्जी सब इंस्पेक्टर अरेस्ट, पांच सालों में मुंगेर से बेगूसराय तक की करोड़ों की ठगी
  • हाथ में राइफल और गाड़ी में सायरन लगाकर चलता था आरोपी
  • फेसबुक पर शेयर करता था अपनी दबंग दारोगा वाली फोटो 
  • पुलिस कैंप में सफेद टीशर्ट वाली फोटो कर पूछता था कैसा लग रहा हूं अब...

पटना। मुंगेर जिला पुलिस ने मंगलवार को धरहरा ब्लॉक के लड़ैयाटांड पुलिस स्टेशन एरिया के गोविंदपुर निवासी फर्जी दारोगा (सब इंस्पेक्टर) सुरेंद्र पासवान का पुत्र राहुल कुमार (30)    स्थित गोविंदपुर राहुल कुमार को अरेस्ट कर लिया है। वह गांव वालों और पुलिस महकमे पिछले पांच सालों से चकमा देता रहा। खुद को बेगूसराय में पोस्टेड हने की बात कहकर गांव वालों को दारोगा और सिपाही में बहाली कराने के नाम पर ठग रहा था।

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थानाध्यक्ष को किया घंटों गुमराह
सदर डीएसपी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी के पास से पुलिस ने  स्कॉर्पियो, (पुलिस लोगो, सायरन, माइकिंग हेतु हूटर लगा हुआ), फाइबर वाला पुलिस का डंडा, हरे रंग का पुलिस का हंटर बूट और सैमसंग कंपनी का स्क्रीन टच मोबाइल जब्त किया गया है।एसपी के निर्देश पर लड़ैयाटांड थानाध्यक्ष नीरज कुमार गोविंदपुर स्थित उसके घर पर पहुंचे। वहां एक आलीशान भवन का निर्माण कार्य चल रहा था। वहां पुलिस का लोगो लगा स्कॉर्पियों वाहन हुटर सहित लगा हुआ था।

खुद को 2017 बैच का सब इंस्पेक्टर बताया

जब पुलिस ने राहुल को कस्टडीमें लेकर पूछताछ की तो उसने खुद को 2017 बैच का सब इंस्पेक्टर बताया। कहा कि वह बेगूसराय जिला बल में पोस्टेड है। इसके बाद थानाध्यक्ष ने उससे बैचमेट एवं बुनियादी ट्रेनिंग से संबंधित सवाल पूछे तो वह उसका जबाव नहीं दे पाया। इससे स्पष्ट हो गया कि वह दारोगा नहीं है। थानाध्यक्ष ने 2017 बैच के बेगूसराय में पोस्टेड सब इंस्पेक्टर से मोबाइल पर संपर्क किया। तो पता चला कि राहुल कुमार नाम का कोई सब इंस्पेक्टर जिले में नहीं है।एसपी जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि गुमनाम पत्र के आधार पर जांच में राहुल फर्जी दारोगा पाया गया। वह ठगी करता था। उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। शीघ्र ही पता चल जायेगा कि वह गिरोह संचालित कर रहा था, अथवा उसके इस गोरखधंधे में किसी पुलिसकर्मी का तो सहयोग प्राप्त नहीं है।

नक्सलियों के दृष्टिकोण से संवेदनशील एरिया में राहुल का घर

बताया जाता है कि जहां राहुल का घर है, वह इलाका नक्सलियों के दृष्टिकोण से संवेदनशील है। वह शातिराना अंदाज से वह दारोगा बनकर घूम रहा था। इससे वह किसी भी दिन बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था लेकिन ये संयोग ही है कि ऐसा कुछ हुआ नहीं। लड़ैयाटांड पुलिस स्टेशन के कुछ स्टाफ भी राहुल को दारोगा ही समझते थे। ठगी के शिकार पांच लोगों ने रविवार को इसकी सूचना मुंगेर एसपी को दी। एसपी ने तुरंत टीम को गठित कर फर्जी दारोगा को अरेस्ट कराया। 
राहुल के संपर्क के लोगों की खोज में जुटी पुलिस
पांच वर्षों से राहुल की पुलिसकर्मियों से दोस्ती, कैंप में जाकर फोटो लेना, पुलिस वाला जूता, मौजा और डबल स्टार लगाकर दारोगा बनकर घूमना किसी को पता नहीं चल सका। यह बात हजम होने वाली नहीं है। आशंका है कि राहुल को बेगूसराय में किसी न किसी का वरदहस्त मिला हुआ था। अब मुंगेर पुलिस की जांच में सच्चाई का पता चलेगा। 

माह में एक बार आता था गांव,वर्दी में ही घूमता 

गांव के लोगों का कहना है कि राहुल महीने में आठ से 10 दिन गोविंदपुर में रहता था। यहां भी वह वर्दी पहनकर ही निकलता था। फर्जीवाड़ा छिपाने के लिए पुलिस वालों के साथ सेल्फी लेकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करता था। गांव वालों को लगा कि शायद राहुल का भी चयन दारोगा में हुआ है। वो हाथ में रायफल लिए घूमता था, गाड़ी में सायरन बजाते हुए पूरा भौकाल जमाता रहा। गांव के लोग अदब से पेश आते थे।फरियाद भी उसके पास लेकर जाते थे। वो कहता था हां ठीक है, संबंधित थाने से बात कर मामला साल्व करा दूंगा।वाइफ को बनाया पंचायत समिति सदस्य, पिता वार्ड सदस्य

2021 में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में राहुल अपनी वाइफ नेहा कुमारी को महगामा पंचायत से पंचायत समिति सदस्य और पिता सुरेंद्र पासवान को दूसरी बार वार्ड सदस्य के लिए खड़ा किया। दोनों चुनाव जीत गये। पत्नी को पंचायत समिति सदस्य बनाने के बाद प्रमुख बनाने के लिए भी राहुल ने खूब एंडी-चोटी का जोर लगाया, पर सफलता नहीं मिली। इसके लिए राहुल ने मोटी रकम भी खर्च किये। राहुल को दो पुत्र और एक पुत्री है।
दारोगा व सिपाही में नौकरी लगाने के नाम पर की वसूली

राहुल धरहरा, मुंगेर और जमुई के पांच लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ली थी। नौकरी नहीं होने पर लोग पैसा वापस करने की मांग करने लगे। दारोगा बनकर राहुल धौंस दिखाने लगा। इसके बाद पीड़ित लोगों ने मुंगेर एसपी को ठगी और फर्जी दारोगा होने की जानकारी दी। फर्जी दारोगा बनकर काम करने का मामला सामने आने के बाद से पुलिस महकमा में हड़कंप मचा हुआ है। राहुल पांच वर्षों से बेगूसराय में किराये के मकान लेकर रहता था। गांव वालों को भी वह बेगूसराय के किसी थाने में पदस्थापित होने की बात बताता था। 
मयंक राज के नाम से चला रहा था फेसबुक
राहुल फर्जी दारोगा बनकर घूमने के साथ-साथ फेसबुक अकाउंट भी चलाता था। मयंक राज के नाम से वह फेसबुक हैंडल करता था। पुलिस वालों के साथ फोटो पोस्ट करता था। राहुल पुलिस बल द्वारा उपयोग में लायी जानेवालीआधुनिक हथियार के साथ भी अपनी फोटो शेयर की है।