Bihar: किस पेसेंट को ICU में एडमिट करना है और किसे नहीं, सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने जारी किया गाइडलाइन

किस पेसेंट को ICU में एडमिट करना है और किसे नहीं, इस संबध में सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने गाइडलाइन जारी किया है। 24 विशेषज्ञों की ओर से तैयार दिशा-निर्देश में सिफारिश की गई है कि यदि लाइलाज पेसेंट या बीमारी का इलाज संभव नहीं है या उपलब्ध नहीं है।

Bihar: किस पेसेंट को ICU में एडमिट करना है और किसे नहीं, सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने जारी किया गाइडलाइन

नई दिल्ली। किस पेसेंट को ICU में एडमिट करना है और किसे नहीं, इस संबध में सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने गाइडलाइन जारी किया है। 24 विशेषज्ञों की ओर से तैयार दिशा-निर्देश में सिफारिश की गई है कि यदि लाइलाज पेसेंट या बीमारी का इलाज संभव नहीं है या उपलब्ध नहीं है। मौजूदा इलाज का कोई असर नहीं पड़ने वाला है, खासकर पेसेंट के जीवित रहने के लिहाज से, तो आईसीयू में रखना व्यर्थ की देखभाल करना है।

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गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि कोई आईसीयू में देखभाल के खिलाफ है तो उस व्यक्ति को आईसीयू में एडमिट नहीं किया जाना चाहिए। महामारी या आपदा की स्थिति में, जब संसाधन की कमी होती है, कम प्राथमिकता वाले मानदंडों को एक पेसेंट को आईसीयू में रखने के लिए ध्यान में रखा जाना चाहिए। कहा गया है कि किसी मरीज को आईसीयू में एडमिट करने का मानदंड किसी अंग का काम करना बंद करना और मदद की आवश्यकता या चिकित्सा स्थिति में गिरावट की आशंका पर आधारित होना चाहिए। जिन पेसेंट ने हृदय या श्वसन अस्थिरता जैसी किसी बड़ी इंट्राऑपरेटिव परेशानी का अनुभव किया है या जिनकी बड़ी सर्जरी हुई है, वे भी मानदंडों में शामिल हैं।

दिशा-निर्देश में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जिन स्थितियों में आईसीयू में नहीं एडमिट करने के लिए कहा गया है:
पेसेंट या पेसेंटके परिजनों की ओर आईसीयू में एडमिट से इनकार करना
कोई बीमारी जिसके इलाज की सीमा है
आईसीयू देखभाल के खिलाफ किसी व्यक्ति की ओर से पूर्व में दिये गये पेपर या निर्देश
महामारी या आपदा की स्थिति में जब संसाधन (बिस्तर, उपकरण, कर्मचारी आदि) की कमी हो तब निरर्थकता और कम प्राथमिकता मानदंडों के तहत आने वाले लाइलाज रोगी शामिल हैं।