बिहार: बेटे को दिया जन्म, हॉस्पिटल ने सौंपा बेटी की बॉडी, हाजीपुर सदर अस्पताल में हंगामा, जांच के आदेश  

बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर सदर अस्पताल में नवजात की मौत पर रविवार की दोपहर परिजनों ने बच्चा बदलने का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। सूचना पर मौकेपहुंची टाउन पुलिस स्टेशन की पुलिस ने लोगों को शांत कराया। 

बिहार: बेटे को दिया जन्म, हॉस्पिटल ने सौंपा बेटी की बॉडी, हाजीपुर सदर अस्पताल में हंगामा, जांच के आदेश  

मां बोली- मरा ही सही, चाहिए अपना बच्चा
पटना। बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर सदर अस्पताल में नवजात की मौत पर रविवार की दोपहर परिजनों ने बच्चा बदलने का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। सूचना पर मौकेपहुंची टाउन पुलिस स्टेशन की पुलिस ने लोगों को शांत कराया। 

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बताया जाता है कि राजापाकर पुलिस स्टेशन एरिया के चकसिकंदर बाकरपुर निवासी मो. मुर्तजा की पत्नी जर्जा खातुन को डिलीवरी के लिए गुरुवार को सदर अस्पताल लाया जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। महिला ने लड़के को जन्म दिया था। इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के दो रजिस्टर पर महिला का पूरा पता एवं अस्पताल में लड़का होने की बात लिखी गई है। अस्पताल में चार दिनों तक नवजात का इलाज चला। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने नवजात को मृत घोषित कर दिया।

महिला के परिजनों को लड़के के बदले लड़की का बॉडीव दिया जा रहा था। इससे नाराज परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया गया। मौके पर पहुंची समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया। महिला के परिजनों का कहना था कि यहां लाने के रास्ते में बच्चा जन्म लेने के बावजूद उसे अस्पताल में जन्म होने का रिकार्ड दर्ज कर लिया गया। रजिस्टर में लड़का होने की बात भी दर्ज की गई। इस दौरान जच्चा-बच्चा का चार दिनों तक यहां इलाज भी चला। उसके बाद रविवार को अस्पताल प्रशासन ने नवजात की मृत्यु होने की सूचना स्वजनों को दी। इतना ही नहीं उन्हें लड़का के बदले लड़की का बॉडी दिया गया। 
लोगों का कहना था कि रास्ते में डिलीवरी के बाद फिर सदर अस्पताल में डिलीवरी होने का प्रमाण अंकित कैसे हो गया। यह कहीं ना कहीं स्वास्थ्य कर्मियों की मिलीभगत से पैसे के लालच में अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज किया गया। अस्पताल में भर्ती रजिस्टर पर दो जगह लड़का लिखा हुआ है। चार दिन बाद लड़की का बॉडी दिया जा रहा है। अगर इलाज के दौरान मौत हुई है तो लड़का की हुई है, हमें लड़की का बॉडी नहीं  चाहिए। सिविल सर्जन डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है। रजिस्टर पर लड़का लिखा गया है। मामले की जांच की जायेगी। यदि गड़बड़ी पाया गया तो कार्रवाई की जायेगी।