बिहार: चमकी के बाद बाढ़ का प्रकोप, राज्य की नदियां उफान पर, दर्जनों गांव डूबे, दर्जन भर से ज्यादा लोगों की मौत

पटना: गर्मी में पहले चमकी और अब बारिश शुरू होते ही बाढ़ के प्रकोप ने बिहार को बदहाल कर दिया है. बाढ़-बारिश से खासकर उत्तर बिहार में तबाही मची है. शनिवार को बाढ़ में डूबने से 13 लोगों की मौत हो गई है. तेज बारिश और बाढ़ के कारण सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. कई जिलों में सरकारी अधिकारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है. सीतामढ़ी में डीएम रंजीत कुमार ने सभी सरकारी व निजी स्कूलों को 20 जुलाई तक बंद करने का निर्देश दिया है. सीतामढ़ी के सुप्पी में परसा के पास तटबंध टूटने से हाहाकार मच गया है. सुपौल में कोसी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. किशनगंज में डूबे दो लोग, अररिया, सहरसा, मधेपुरा में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत शनिवार को किशनगंज में दो और अररिया-सहरसा-मधेपुरा में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई. वहीं भारी बारिश के दौरान अलग-अलग हादसों में बक्सर, सिवान व छपरा में डेढ़ साल की बच्ची समेत पांच लोगों की जान चली गई. बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव में शनिवार तड़के एक घर की दीवार गिर गई, जिससे गर्भवती युवती सविता (24) और उसकी डेढ़ साल की बच्ची की दबने से मौत हो गई. वहीं सिवान जिले में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भटवलिया निवासी जहांगीर भगत (90) तथा एमएच नगर थाना क्षेत्र के डेरा के बंगरा निवासी रामदेव राम (70) की मौत मकान के मलबे में दबने से हो गई. छपरा शहर के दहियावां मोहल्ले के मुबारक लेन में घर ढहने से दबकर मोहम्मद इस्लाम की 75 वर्षीय पत्नी वसूला खातून की मौत हो गई. वहीं पूर्वी चंपारण समेत आसपास के जिलों में तीन लोगों की मौत शनिवार को हो गई. नेपाल तक भारी बारिश का असर, गंगा में पानी बढ़ा गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जबकि कमला, बागमती समेत अधवारा समूह की नदियां उफनाई हुई हैं. बताया जाता है कि नेपाल में भारी बारिश और वहां की पहाड़ी नदियों में पानी भरने का असर बिहार में बाढ़ के रूप में दिख रहा है. नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में बांधों के टूटने व नदियों के उफान पर रहने से कई घरों में पानी घुस गया है. वहीं बिहार सरकार ने भी माना है कि छह जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है। इसमें मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर और पूर्वी चंपारण शामिल हैं. इधर, गोपालगंज में भारी बारिश से दो मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया. घर के लोग बाल-बाल बचे, लेकिन लाखों का नुकसान हो गया. सीतामढ़ी के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुसा शनिवार को सीतामढ़ी के सुप्पी प्रखंड के परसा गांव में बागमती नदी का तटबंध टूटने से सुप्पी और मेजरगंज के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. हजारों हेक्टेयर खेत में लगी फसलें दह गईं. अफरातफरी के बीच लोग स्कूल और सामुदायिक भवन समेत ऊंचे स्थलों पर पनाह लेने को विवश हैं. बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं. डीएम ने जिले सभी सरकारी व प्राइवेट स्‍कूलों को 20 जुलाई तक बंद रखने का निर्देश दिया है. इधर, बागमती, लखनदेई, झीम, रातों, मरहा और लालबकेया आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. सोनबरसा-नेपाल सड़क पर चार फीट पानी का बहाव सोनबरसा और परिहार के नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सोनबरसा में थाना परिसर और एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है. सोनबरसा-नेपाल सड़क पर चार फीट पानी का बहाव जारी है. मेजरगंज प्रखंड के दर्जनों गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है. बाढ़ का पानी प्रमुख सड़कों और लोगों के घरों में बह रहा है. बैरगनिया का नेपाल से सड़क संपर्क टूटा बैरगनिया-गौर सड़क पर आठ फीट पानी का बहाव जारी रहने के कारण बैरगनिया का नेपाल से सड़क संपर्क टूट गया है. बारिश जारी रहने से लोगों के लिए खुले आसमान के नीचे वक़्त गुजारना मुश्किल हो गया है. जिले के 400 गांवों में बिजली गुल हो गई है. शनिवार की सुबह नौ बजे तक जिले में 126.2 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है. वहीं शुक्रवार को 154 एमएम बारिश हुई थी. अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक डीएम रंजीत कुमार सिंह ने बाढ़ के मद्देनजर अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है. समाहरणालय में बैठक के दौरान डीएम ने अधिकारियों की अलग-अलग टीम का गठन कर इलाकों की जिम्मेदारी सौंपी है. बाढ़ के कारण शनिवार को सीतामढ़ी-बैरगनिया-रक्सौल रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई. वहीं सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर शनिवार से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है. दूसरी ओर सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पूर्ववत जारी है. गोपालगंज में  गिरा तीनमंजिला मकान गोपालगंज जिले के भोरे थाना क्षेत्र के पड़ौली गांव में तेज बारिश के कारण एक तीन मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया. मकान झुकते देख समय रहते घर के सदस्यों ने घर से बाहर निकल कर अपनी जान बचाई. मकान गिरने से इस परिवार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. पड़ौली गांव निवासी संतोष पाण्डेय तथा परिवार के सदस्य खाना खाने के बाद मकान में सो रहे थे. रात में तेज हवा के साथ जोदार बारिश हो रही थी. बिजली भी गुल थी. तभी अचानक संतोष पाण्डेय को अपने मकान के हिलने का आभास हुआ. पहले तो लोगों को लगा कि भूकंप का झटका है. बाहर निकल कर जब लोगों ने देखा तो उनका मकान एक तरफ झुका हुआ था. तभी मकान भरभरा कर गिर गया.