उत्तर प्रदेश: लखीमपुर हिंसा का आरोपी सेंट्रल मिनिस्टर का बेटा आशीष मिश्रा 128 दिनों बाद जेल से निकला

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित सेंट्रलगृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बटे आशीष मिश्रा को 128 दिनों बाद मंगलवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया। जिले के तिकुनियां में तीन अक्टूबर, 2021 को उपद्रव के बाद भड़की हिंसा में चार किसानों तथा एक पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत के मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपित बनाया गया था। आरोप है कि आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 की मौत हो गई। वहीं, इसके बाद भड़की हिंसा में चार लोग और मारे गये थे।

उत्तर प्रदेश: लखीमपुर हिंसा का आरोपी सेंट्रल मिनिस्टर का बेटा आशीष मिश्रा 128 दिनों बाद जेल से निकला
आशीष मिश्रा उर्फ मोनू (फाइल फोटो)।
  • चार माह पदले क्यों  महीने पहले क्यों भड़की थी हिंसा? 
  • मार गये थे आठ लोग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित सेंट्रलगृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बटे आशीष मिश्रा को 128 दिनों बाद मंगलवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया। जिले के तिकुनियां में तीन अक्टूबर, 2021 को उपद्रव के बाद भड़की हिंसा में चार किसानों तथा एक पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत के मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपित बनाया गया था। आरोप है कि आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 की मौत हो गई। वहीं, इसके बाद भड़की हिंसा में चार लोग और मारे गये थे।

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यह है मामला
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर, 2021 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जिले के दौरे पर थे। उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियां जा रही थीं। ये गाड़ियां सेंट्रल मिनिस्टर अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे चार किसानों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में बीजेपी लीडर के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा में कुल लोगों की मौत हुई थी। सेंट्रल मिनिस्टर के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाया गया।

चार किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर मर्डर का आरोप

निघासन पुलिस स्टेशन के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में सेंट्रल मिनिस्टप अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपित बनाया गया। पुलिस नौ अक्टूबर को आशीष को पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया। लगभग 12 घंटे लंबी पूछताछ के बाद उसे अरेस्ट कर कर लिया गया। आशीष की  10 फरवरी को इलाहाबाद हाइ कोर्ट से बेल मंजूर हो गई। कोर्ट का 14 फरवरी को संशोधित आदेश आया और 15 फरवरी को आशीष जेल से रिहा कर दिया गया। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को एसआईटी की लगभग चार हजार पन्नों की चार्टशीट में मुख्य आरोपित बनाया गया था। एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत चार किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर मर्डर कर दी थी।
मीडिया से बचकर बंद गाड़ी में घर पहुंचा मोनू
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों को कुचलने का आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मोनू 129 दिन बाद मंगलवार को जेल से बाहर आया। जेल के मेन गेट पर मीडिया का जमावड़ा था। इसलिए मोनू को पिछले गेट से बाहर निकाला गया। आशीष के शहर से बाहर जाने पर भी पाबंदी नहीं होगी।मोनू सिंगल गाड़ी से घर पहुंचा। गाड़ी एसयूवी थी। मीडिया के लोगों ने घर तक पीछा किया, लेकिन मोनू चेहरा छिपाते हुए अंदर चला गया।जिला जज ने सोमवार को प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए 3 लाख के दो जमानतदार और इतनी ही धनराशि के दो निजी मुचलके दाखिल करने का आदेश दिया था। इस पर आशीष मिश्रा के अधिवक्ता अवधेश सिंह ने न्यायालय की प्रक्रिया पूरी करते हुए जमानत दाखिल की।आशीष लखीमपुर जेल में बंद था। जेल में आशीष को एक विशेष वर्ग की सेल में रखा गया था। यहां पर अन्य कैदियों का जाना मना था।जेल प्रशासन का कहना है कि यह सब सुरक्षा के लिहाज से किया गया था। 
 हिंसा में जिनकी मौत हुई

1. रमन कश्यप ( लोकल पत्रकार)
2. दलजीत सिंह (32) पुत्र हरजीत सिंह नापपारा, बहराइच (किसान)
3. गुरविंदर सिंह (20) पुत्र सत्यवीर सिंह नानपारा, बहराइच (किसान)
4. लवप्रीत सिंह (20) पुत्र सतनाम सिंह चौखडा फार्म मझगईं (किसान)
5. छत्र सिंह पुत्र अज्ञात (किसान)
6. शुभम मिश्र पुत्र विजय कुमार मिश्र, (बीजेपी लीडर)
7. हरिओम मिश्र पुत्र परसेहरा, फरधान (अजय मिश्रा का ड्राइवर)
8. श्यामसुंदर पुत्र बालक राम सिंघहा, कलां सिंगाही (बीजेपी कार्यकर्ता)

लखीमपुर हिंसा का घटनाक्रम

तीन अक्टूबर को खीरी हिंसा कांड में एक पत्रकार, चार किसान व तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत।
चार अक्टूबर को खीरी हिंसा मामले में एक पत्रकार व चार किसानों की हत्या के आरोप में केंद्रीय राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्र व 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में मुकदमा दर्ज।
चार अक्टूबर को ही खीरी हिंसा मामले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या व आगजनी के आरोप में 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज।
आठ अक्टूबर को पुलिस ने नोटिस देकर बयान के लिए आशीष मिश्र को बुलाया लेकिन, बीमारी के चलते नहीं गया।
नौ अक्टूबर को आशीष मिश्रा अपने अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह के साथ पुलिस लाइन पहुंचा। 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उसे कस्टडी में लिया गया। इसके बाद रात को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया और जेल भेज दिया गया।
11 अक्टूबर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर सुनवाई हुई।
12 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक आशीष की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर।
14 अक्टूबर को आशीष मिश्रा को घटना स्थल पर ले जाया गया और रीक्रिएशन कराया गया।
14 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट से आशीष की जमानत अर्जी खारिज।
21 अक्टूबर को दोबारा पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी दी गई।
22 अक्टूबर को 48 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर
28 अक्टूबर को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई जिला जज की अदालत में होनी थी । अभियोजन ने स्थगन अर्जी दी, तीन नवंबर नियत
3 नवंबर को शोक प्रस्ताव के चलते जमानत अर्जी पर सुनवाई टली, 15 नवंबर नियत।
15 नवंबर को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी जिला जज मुकेश मिश्रा ने खारिज की।
13 दिसंबर को विवेचक ने मुकदमे में जान लेवा हमला, गंभीर चोटें पहुचाना व आर्म्स एक्ट की धाराओं को बढ़ाने की अर्जी दी।
14 दिसंबर को मुकदमे में कुछ धाराओं को विलोपित करने व कुछ धाराओं को बढ़ाया गया।
17 दिसंबर को बढ़ी हुई धाराओं में सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई।
18 दिसंबर को जिला जज की अदालत में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल।
20 दिसंबर को जमानत अर्जी पर बल न देने के कारण खारिज।
03 जनवरी 2022 को आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल।
05 जनवरी को आरोप पत्र व बयानों की नकलें दी गईं।
10 जनवरी को सीजेएम ने मुकदमे की सुनवाई करते हुए मुकदमा सेशन कोर्ट के सुपुर्द किया
19 जनवरी को जिला जज कोर्ट में पहली सुनवाई
10 फरवरी को हाईकोर्ट से जमानत मंजूर लेकिन, आदेश में धारा 302 व 120बी आइपीसी टाइप होने से छूट गया।
11 फरवरी को हाईकोर्ट में संशोधन अर्जी दाखिल की गई।
14 फरवरी को हाईकोर्ट में संशोधन अर्जी मंजूर और आशीष की रिहाइ का आदेश हुआ।
15 फरवरी को जेल पहुंचा आशीष की रिहाई का आदेश, जिसके बाद शाम को हुई रिहाई।