झारखंड: लालू यादव 13 महीने बाद फिर रिम्स के कमरा नंबर ए-11 में हुए एडमिट, डाक्टरों की मेडिकल बोर्ड गठित

बिहार के एक्स सीएम लालू यादव को चारा घोटाला के अंतिम मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद होटवार जेल भेजा गया। जहां मेडिकल जांच करने के बाद उन्हें मंगलवार की शाम 4.37 बजे रिम्स के पेईंग वार्ड में इलाज के लिए एडमिट कराया गया। पेईंग वार्ड के पहले तल्ले का कमरा नंबर ए-11 उन्हें दिया गया है। यह वही कमरा है जिसमें लालू यादव पिछली बार भी एडमिट हुए थे। लगभग  13 माह के बाद दोबारा वह रिम्स पहुंचे हैं। 

झारखंड: लालू यादव 13 महीने बाद फिर रिम्स के कमरा नंबर ए-11 में हुए एडमिट,  डाक्टरों की मेडिकल बोर्ड गठित

रांची। बिहार के एक्स सीएम लालू यादव को चारा घोटाला के अंतिम मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद होटवार जेल भेजा गया। जहां मेडिकल जांच करने के बाद उन्हें मंगलवार की शाम 4.37 बजे रिम्स के पेईंग वार्ड में इलाज के लिए एडमिट कराया गया। पेईंग वार्ड के पहले तल्ले का कमरा नंबर ए-11 उन्हें दिया गया है। यह वही कमरा है जिसमें लालू यादव पिछली बार भी एडमिट हुए थे। लगभग  13 माह के बाद दोबारा वह रिम्स पहुंचे हैं। 

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डा विद्यापति की देखरेख में रहेंगे लालू यादव
लालू के आने से पहले रेम्स पेइेंड वार्ड के कमरा ए-11 की पूरी साफ-सफाई की गई। सैनिटाइज किया गया। पंखा, एसी, फ्रिज जैसे उपकरणों की जांच की गई।मेडिसिन विभाग के एचओडी डा विद्यापति की देखरेख में उन्हें रखा गया है। रिम्स मैनेजेंट की ओर से मेडिकल बोर्ड भी गठित कर दी गई है। बोर्ड में पांच विभागों के सात डाक्टरों को रखा गया है। लालू यादव को पहले से ही सुगर, बीवी और किडनी संबंधी बीमारी है जिसे लेकर उनका पिछले चार सालों से इलाज चल रहा है। लालू के अलावा चारा घोटाला में दोषी डा केएम प्रसाद को भी रिम्स रेफर किया गया है।

लालू के रिम्स पहुंचने से पहले पहुंच चुके थे आरजेडी लीडर

लालू यादव को रिम्स पहुंचाने के लिए कई बड़े लीडर भी पहुंचे थे। आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी, झारखंड के प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण, श्याम राजक, गोड्डा के पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव, लालू के साले प्रभुनाथ यादव पहुंचे थे।
276 दिनों के बाद बाद लालू यादव गये जेल

डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव दोषी करार होने पर 276 दिनों बाद फिर से जेल पहुंच गए हैं। लालू प्रसाद को अंतिम बार चाईबासा कोषागार मामले में 17 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। उस दौरान लालू प्रसाद यादव एम्स में अपना इलाज करा रहे थे। वहां से 30 अप्रैल को लालू प्रसाद न्यायिक हिरासत से जमानत पर रिहा हुए थे।
पहले ही हो चुकी है 27 साल की सजा
लालू यादव को कोर्ट ने इस बार चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले डोरंडा ट्रेजरी से लगभग 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में दोषी ठहराया गया है। यह मामला चारा घोटाला का पांचवां मामला है। इससे पहले कोर्ट चार मामले में तकरीबन 27 साल की सजा सुना चुकी है।लालू के खिलाफ चारा घोटाले के कई मामले चल रहे हैं। चार मामलों में लालू यादव  को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। उन्हें 27 साल की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है। करीब एक साल पहले ही उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण कोर्ट ने जमानत मंजूर की थी। अब उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला हो चुका है।
चार साल की सजा हुई थी पहले मामले में

चारा घोटाले के पहले मामले में लालू प्रसाद को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। पहला मामला चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का है। इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे। इस मामले में लालू को पांच साल की सजा हुई है। साथ ही इस मामले में 25 लाख रुपये का जुर्माना भी हुआ था।
लालू यादव कब-कब भेजे गये जेल, सीबीआइ कोर्ट ने कब-कब सुनाई कितने दिनों की सजा
चारा घोटाला के पांचवें मामले में लालू प्रसाद को सत्ता से हटने के मात्र पांच दिन बाद ही लालू प्रसाद को पहली बार जेल जाना पड़ा। 25 जुलाई 1996 को उनके खिलाफ पटना के स्पेशल कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट जारी होते ही लालू को सीएम की कुर्सी छोडऩी पड़ी थी। इसके बाद लालू ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी। उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई तक लालू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। 29 जुलाई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लालू की याचिका खारिज कर दी। उसके बाद 30 जुलाई को लालू यादव ने स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया और जेल गये।
चारा घोटाला और लालू से संबंधित महत्वपूर्ण डेट

11 मार्च 1996- पटना हाई कोर्ट ने चारा घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया
19 मार्च 1996- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से सीबीआइ जांच की मोनेटरिंग करने को कहा।
छह जनवरी 1997- सीबीआइ ने तत्कालीन बिहार के सीएम लालू प्रसाद से पहली बार साढ़े छह घंटे तक पूछताछ की।
10 मई 1997- सीबीआइ ने सरकार से लालू समेत अन्य के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी मांगी
17 जून 1997- अभियोजन चलाने की मंजूरी मिली
23 जून 1997- आरसी 20 ए में लालू समेत 56 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
24 जुलाई 1997- पटना हाई कोर्ट ने लालू की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किया
25 जुलाई-1997- विशेष न्यायाधीश एसके लाल की अदालत से वारंट जारी, लालू का सीएम पद से इस्तीफा
30 जुलाई 1997- लालू का सरेंडर, भेजे गए जेल
30 अगस्त 1997- सीबीआइ ने लालू के खिलाफ 64 ए में आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी
29 अक्टूबर 1997- 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं होने के कारण आरसी 38 और 47 में जमानत
11 दिसंबर 1997- 134 दिन जेल में रहने के बाद रिहा हुए लालू
12 मई 1998- तत्कालीन राज्यपाल एसएस भंडारी ने 64 ए में लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी
19 अगस्त 1998- आय से अधिक संपत्ति मामले पांच में प्राथमिकी दर्ज
21 अगस्त 1998- लालू के विभिन्न ठिकानों पर सीबीआइ का छापा
21 अक्टूबर 1998- डीए केस में पूछताछ
28 अक्टूबर 1998- लालू का सरेंडर, भेजे गए जेल
आठ जनवरी 1999- 73 दिन जेल में रहने के बाद रिहा
20-27 मई 1999- तत्कालीन सीएम राबड़ी देवी से पूछताछ
08 मार्च 2000- तत्कालीन राज्यपाल विनोद चंद्र पांडेय ने पांच ए में मुकदमा चलाने की अनुमति दी
चार अप्रैल 2000- डीए केस में लालू राबड़ी पर आरोप पत्र दाखिल, गिरफ्तारी वारंट जारी
26 नवंबर तक रांची के कोर्ट में सरेंडर करने का दिया निर्देश
26 नवंबर 2001- लालू का रांची न्यायालय में सरेंडर कैंप जेल में रहे
23 जनवरी 2002- 59 दिनों के बाद विशेष न्यायालय से जमानत, रिहा
18 सितंबर 2006- लालू और राबड़ी डीए केस में आरोप मुक्त
एक मार्च 2012- लालू समेत 31 के खिलाफ 63 ए में आरोप पत्र दाखिल
13 अगस्त 2013- आरसी 20 ए की सुनवाई कर रहे जज को बदलने की मांग सुप्रीम कोर्ट में खारिज
17 सितंबर-2013- सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी
30 सितंबर 2013- लालू समेत 45 दोषी करार
तीन अक्टूबर 2013- वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा की अवधि पर फैसला
दिसंबर, 2013- सुप्रीम कोर्ट ने लालू को जमानत दी।
मई, 2017 - सुप्रीम कोर्ट के आठ मई के आदेश के बाद सुनवाई दोबारा शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने लओर कोर्ट से देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उनके खिलाफ अलग से मुकदमा चलाने को कहा।
23 दिसंबर, 2017 - सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने लालू और 15 अन्य को दोषी करार दिया।
छह जनवरी, 2018 - सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सुनाई सजा।
24 जनवरी 2018 - सीबीआइ कोर्ट से चारा कांड संख्या आरसी 68ए/96 मे दोषी पाकर पांच साल कैद की सजा सुनाई
19 मार्च 2018 - सीबीआइ कोर्ट ने चारा कांड संख्या आरसी 38ए/96 में दोषी ठहराया।
24 मार्च 2018 - दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद को दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा। लेकिन दोनों सजाएं अलग-अलग चलेगी। अर्थात 14 साल की सजा हुई।
11 मई 2018 - लालू को तीनों मामलों में औपबंधिक जमानत
30 अगस्त 2018 - लालू ने किया सरेंडर
नौ अक्टूबर 2020 - लालू को चाईबासा कोषागार मामले में जमानत मिली।
17 अप्रैल 2021 - मिली जमानत, तीन साल चार महीने बाद राहत की सास ली।
30 अप्रैल 2021 - अधिवक्ताओं के कार्य नहीं करने से जेल से निकलने में लगा समय।
15 फरवरी 2022 - डोरंडा कोषागार मामले में लालू दोषी करार, भेजे गये जेल।