देवघर में जमीन खरीद मामला: निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, झारखंड गवर्नमेंट की याचिका खारिज

देवघर जमीन खरीद विवाद में बीजेपी के एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट की अपील याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया।

देवघर में जमीन खरीद मामला: निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, झारखंड गवर्नमेंट की याचिका खारिज
  • झारखंड हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
  • एमपी निशिकांत ने कहा- सत्यमेव जयते

रांची। देवघर जमीन खरीद विवाद में बीजेपी के एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट की अपील याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया।
 सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। स्टेट गवर्नमेंट की ओर से झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए एसएलपी दायर की गयी थी।देवघर में जमीन खरीद के मामले में बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ दो एफआईआर टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी। अनामिका गौतम की ओर से एफआईआर निरस्त करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने दोनों ही एफआइआर को निरस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट ओर से सीनीयर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। जबकि अनामिका गौतम की ओर से सीनीयर मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा।एमपी निशिकांत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए हेमंत गवर्नमेंट को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- सत्यमेव जयते। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी के ऊपर जानबूझ कर जमीन खरीद के मामले में केस लादे गये। झूठे आरोप लगाये गये।झूठे केस में फंसा कर बदनाम करने की कोशिश की गयी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह साबित भी हो गया है।सत्य की जीत हुई है।
एमपी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले में यह कहा है कि स्टेट गवर्नमेंट जानबूझ कर उनके और उनकी वाइफ तथा परिवार को तंग व परेशान करने में लगी थी। उनकी पत्नी अनामिका गौतम के नाम से देवघर के ज़मीन के मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला मायने रखता है। हेमंत सोरेन द्वारा SIT गठन किया गया था। उसकी रिपोर्ट पर भी टिप्पणी हुई। एमपी के अनुसार उनका और उनके परिवार का सब कुछ बाबा बैद्यनाथ जी, बासुकिनाथ जी व माता पिता के आशीर्वाद से है। जनता न्याय करेगी।
क्या है मामला
एमपी की वाइफ के खिलाफ देवघर जिला प्रशासन ने टाउन पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। कहा गयाथा कि एलोकेसी धाम की जमीन की खरीद को कपटपूर्ण तरीके से खरीदा गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। एफआइआर के  लिए दिये गये आवेदन में क्रेता, विक्रेता और पहचानकर्ता के अलावा गवाहों के ऊपर भी कार्रवाई की मांग की गयी थी। टाउन पुलिस स्टेशन देवघर में आइपीसी की धारा 420 , 406 , 467 , 468 471 और 120 (B) तहत केस दर्ज हुई थी। देवघर डीसी के आदेश के बाद इस जमीन का निबंधन भी रद्द कर दिया गया था। स्टेट गवर्नमेंट ने एसआईटी गठित की थी।