Jharkhand: “रांची के पूर्व DC महिमापत रे को राहत, करोड़ों की जमीन खरीद में नहीं मिली कोई गड़बड़ी
झारखंड की राजधानी रांची के पूर्व DC राय महिमापत रे पर लगे जमीन खरीदने के आरोपों की जांच में किसी तरह की गड़बड़ी की पुष्टि नहीं हुई है। आयकर विभाग की सिफारिश पर ACB ने जांच शुरू की थी।
- अब ACB जांच में क्लीन चिट के आसार
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के पूर्व उपायुक्त (DC) राय महिमापत रे और उनके परिजनों पर जमीन खरीदने के आरोपों की जांच में अब तक किसी तरह की गड़बड़ी की पुष्टि नहीं हुई है। यह मामला वर्ष 2020 में सामने आया था, जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक कंपलेन मिली थी कि महिमापत रे ने अपने पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम पर नामकुम और तुपुदाना क्षेत्रों में दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जमीन खरीदी है।
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कंपलेन में कहा गया था कि यह खरीद M/S Pranami Builders Pvt. Ltd. (निर्देशक विजय अग्रवाल) और M/S Srijan Infra (नितेश शाहदेव) से की गयी थी। दोनों कंपनियों से अलग-अलग सौदे के तहत जमीन और फ्लैट खरीदे गये थे।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सिफारिश पर ACB जांच
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपलेन की प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले में प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज की थी। इसके बाद विभाग ने पूरे मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंप दी। ACB ने जांच के दौरान सभी जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री के दस्तावेजों की गहन जांच की। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, अब तक किसी प्रकार की अनियमितता या गड़बड़ी की पुष्टि नहीं हुई है।
जमीन-फ्लैट खरीद का पूरा ब्यौरा
स्थान: नामकुम अंचल के कुटियातु मौजा और रांची के तुपुदाना मौजा
समयावधि: वर्ष 2019 से 2020 के बीच
विक्रेता
M/S Pranami Builders Pvt. Ltd. — निदेशक विजय अग्रवाल
M/S Srijan Infra — नितेश शाहदेव
प्रति सेल डीड मूल्य: लगभग ₹11.40 लाख
कुल खरीदी गई जमीन: हर डीड में 10 डिसमिल, कुल मिलाकर 2 एकड़ से अधिक
खाता संख्या: 62
प्लॉट नंबर: 1593
ACB की जांच रिपोर्ट में क्या सामने आया
ACB की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी दस्तावेज वैध पाये गये हैं और भुगतान बैंकिंग माध्यमों से किया गया है। जांच में यह भी पाया गया कि जमीन और फ्लैट की खरीद रजिस्ट्री नियमों के अनुसार हुई थी। इसमें किसी प्रकार का अवैध धन या बेनामी लेनदेन नहीं दिखा। इस आधार पर, अभी तक की जांच में कोई आपराधिक तत्व या भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है।
क्या है आगे की प्रक्रिया
ACB ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच अब भी तकनीकी स्तर पर जारी है, लेकिन फिलहाल किसी भी तरह की अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है। यदि आगे कोई नया साक्ष्य या वित्तीय लेनदेन संदिग्ध पाया जाता है, तो विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।
मामले की पृष्ठभूमि
महिमापत रे वर्ष 2019-2020 में रांची के डीसी रहे। उनके कार्यकाल में कई बड़े भूमि हस्तांतरण और प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली थी। इसी दौरान उनके परिवार द्वारा की गई जमीन और फ्लैट की खरीद पर सवाल उठे थे। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि यह खरीद “पद का दुरुपयोग” कर की गई, लेकिन अब तक की जांच इन आरोपों को पुष्ट नहीं करती।






