झारखंड में PESA Act लागू: हेमंत कैबिनेट ने दी ऐतिहासिक मंजूरी, ग्राम सभाओं को मिलेंगी निर्णायक शक्तियां
झारखंड में पेसा एक्ट लागू करने की नियमावली को हेमंत कैबिनेट की मंजूरी। ग्राम सभाओं को शराब, मछली पालन, वन उपज और स्थानीय विकास पर निर्णायक अधिकार।
HighLights
- झारखंड कैबिनेट ने पेसा एक्ट की नियमावली को दी मंजूरी
- ग्राम सभाओं को मिलेंगी व्यापक प्रशासनिक शक्तियां
- शराब की दुकानों पर ग्राम सभा का होगा अंतिम फैसला
- जनजातीय स्वशासन और अधिकारों को मिलेगा बल
- राज्य के 13 जिले पूरी तरह अनुसूचित क्षेत्र में
- शराब की दुकानों से लेकर मछली पालन तक ग्राम सभा का होगा फैसला
- जनजातीय स्वशासन को मिलेगी नई ताकत
रांची। झारखंड में लंबे समय से प्रतीक्षित पेसा एक्ट (PESA Act – पंचायत उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) को आखिरकार लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पेसा एक्ट की नियमावली को मंजूरी दे दी गई। इस फैसले को राज्य के जनजातीय समाज के अधिकारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
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मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM की अध्यक्षता में 23 दिसंबर 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय… pic.twitter.com/eUMwFAdpzw
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) December 23, 2025
हेमंत कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को मामूली संशोधनों के साथ स्वीकार करते हुए ग्राम सभाओं को अधिक अधिकार और दायित्व सौंपे हैं। कैबिनेट की इस बैठक में कुल 39 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
ग्राम सभा को मिलेंगे अहम अधिकार
पेसा एक्ट के लागू होने के बाद अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा सबसे शक्तिशाली इकाई होगी। इसके तहत ग्राम सभा को—
लघु वन उपज के उपयोग और प्रबंधन
स्थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं की स्वीकृति
जल संसाधनों के संरक्षण और उपयोग
मछली पालन से जुड़े निर्णय
जैसे महत्वपूर्ण अधिकार प्राप्त होंगे।
अधिसूचना के बाद होगा नियमों का क्रियान्वयन
कैबिनेट के बाद पंचायती राज सचिव मनोज कुमार ने बताया कि नियमावली को अधिसूचित किए जाने के बाद पेसा एक्ट को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। नियमों को पेसा अधिनियम और ग्राम सभाओं को सशक्त करने वाले अन्य कानूनों के अनुरूप तैयार किया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 पहले से ही पेसा के अनुरूप है, इसलिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर इन नियमों का कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
13 जिले पूरी तरह अनुसूचित क्षेत्र में
राज्य के 13 जिले पूरी तरह अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं, जबकि शेष दो जिलों के कुछ प्रखंड अनुसूचित क्षेत्र घोषित हैं। योजनाओं के चयन और क्रियान्वयन में ग्राम सभा की भूमिका निर्णायक होगी।
सीएम हेमंत सोरेन का बयान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा— “पेसा एक्ट की नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। इस पर सभी विभागों और लोगों से मंतव्य लिया गया। व्यापक चर्चा के बाद इसे अपने मूल स्वरूप में जनता को समर्पित किया जा रहा है। अधिसूचित क्षेत्रों में इसे बेहतर तरीके से लागू किया जायेगा।” कैबिनेट में इस विषय पर एक घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई।
दिशोम गुरु को समर्पित फैसला
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर इस फैसले को दिशोम गुरु को समर्पित किया गया है। वहीं वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि हर राजस्व ग्राम में एक ही ग्राम सभा होगी और इस प्रस्ताव को सभी मंत्रियों की सहमति मिली।
शराब की दुकानों पर ग्राम सभा की अंतिम मुहर
पेसा एक्ट के तहत—
देसी या विदेशी शराब की कोई भी दुकान ग्राम सभा की अनुमति के बिना नहीं खुलेगी।
ग्राम सभा के फैसले की अवहेलना कर शराब दुकान खोलना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
चोरी और सामान्य अपराधों की सुनवाई भी ग्राम सभा में
घर या मवेशी चोरी
जमीन कब्जा विवाद
हल्की मारपीट जैसे मामलों की सुनवाई ग्राम सभा करेगी।
ग्राम सभा 2000 रुपये तक जुर्माना भी लगा सकेगी (कुछ प्रावधानों में संशोधन प्रस्तावित)।
स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों पर भी नजर
ग्राम सभा को पंचायत क्षेत्र में संचालित—
स्कूल
स्वास्थ्य केंद्र
के संचालन में हस्तक्षेप का अधिकार होगा। शिक्षकों और स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपस्थिति पर ग्राम सभा कार्रवाई की अनुशंसा कर सकेगी।






