Jharkhand: प्रिंस खान–सुजीत सिन्हा ने मिलाया हाथ, पाकिस्तान से ड्रोन से आ रहे आर्म्स, चार क्रिमिनल अरेस्ट
रांची पुलिस ने संगठित अपराध का बड़ा नेटवर्क तोड़ा। प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा ने मिलकर कारोबारियों को धमकाने के लिए बनाया गठजोड़। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए आ रहे थे हथियार, चार अपराधी गिरफ्तार।

- रांची पुलिस ने संगठित अपराध के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया
- कारोबारियों से रंगदारी वसूलने के लिए प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा ने मिलाया हाथ
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में संगठित अपराध को लेकर पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एसएसपी राकेश रंजन के निर्देश पर गठित विशेष पुलिस टीम ने ऐसी आपराधिक साजिश का पर्दाफाश किया है जिसमें दो कुख्यात अपराधी—प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा—ने मिलकर कारोबारियों को धमकाने और रंगदारी वसूलने का नेटवर्क तैयार किया था।
वरीय पुलिस अधीक्षक, राँची महोदय द्वारा कोयलांचल शांति सेना (K.S.S) के नाम पर प्रिंस खान एवं सुजीत सिन्हा के द्वारा राँची शहर के व्यवसायियों एवं कारोबारियों को फोन पर रंगदारी के लिए धमकी देने के विरुद्ध कार्रवाई के संबंध में लगातार दिये जा रहे निर्देशों के आलोक में पुलिस अधीक्षक,… pic.twitter.com/pjeMdKLycX
— Ranchi Police (@ranchipolice) October 22, 2025
चार क्रिमिनल अरेस्ट
इस मामले में पुलिस ने कांके के रहने वाले बबलू खान, मो शाहिद, मो सेराज, और पंडरा के रवि आनंद को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक कार और कई अवैध हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये सभी आरोपी कोयलांचल शांति सेना नामक संगठन के नाम पर शहर के व्यापारियों को फोन पर धमकाकर लेवी वसूलने का काम कर रहे थे।
पाकिस्तान से ड्रोन से आता था आर्म्स
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के सामने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बरामद हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मोगा (पंजाब) के रास्ते भारत लाए जाते हैं।इन हथियारों का उपयोग रांची समेत देश के अन्य बड़े शहरों में दहशत फैलाकर रंगदारी वसूलने के लिए किया जाता था।
रंगदारी का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि रांची में इनामुल हक उर्फ बबलू खान अपने गुर्गों के साथ मिलकर प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा के लिए वसूली का काम करता था। वसूली गयी रकम को सुजीत सिन्हा के गुर्गों की मदद से प्रिंस खान तक पहुंचाया जाता, और फिर उसे यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेजा जाता था।यह रकम अवैध हथियारों की खरीद और आतंक गतिविधियों में इस्तेमाल होती थी। पुलिस का कहना है कि यह पूरा मामला एक संगठित अंतर्राष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
डोरंडा फायरिंग में भी था इस्तेमाल
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि डोरंडा थाना क्षेत्र के सत्यभामा अपार्टमेंट के बाहर हुई हवाई फायरिंग में उपयोग किये गये हथियार इन्हीं गिरफ्तार अपराधियों ने उपलब्ध कराए थे।एसएसपी ने कहा कि पुलिस अब इस नेटवर्क के विदेशी फंडिंग और आतंक कनेक्शन की दिशा में भी जांच करेगी। इस ऑपरेशन को रांची पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है।