Jharkhand: 37 केस वाले कुख्यात गैंगस्टर ने हथियार डाले, डब्लू सिंह ने पलामू पुलिस के सामने किया सरेंडर
पलामू के कुख्यात गिरोह के सरगना डब्लू सिंह ने पलामू पुलिस के सामने सरेंडर किया। उस पर हत्या, रंगदारी, लूट समेत 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस को बड़ी सफलता।

पलामू। झारखंड के पलामू जिले में क्राइम वर्ल्ड का बड़ा नाम गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह अंतत: पुलिस के सामने हथियार डाल दिया। कुख्यात गैंग का सरगना डब्लू सिंह ने रविवार की रात लगभग 10.30 बजे टाउन पुलिस स्टेशन में एसपी रिष्मा रमेशन के समक्ष सरेंडर कर दिया।
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#पुलिस अधीक्षक रिष्मा रमेशन के समक्ष गैंगस्टर गौतम सिंह उर्फ डब्लू सिंह ने किया सरेंडर। हत्या फिरौती समेत कई घटना को अंजाम देने का आरोप था डब्लू सिंह के ऊपर। पलामू समेत झारखंड के कई थानों में डब्लू सिंह के खिलाफ कई अपराधिक मामला था दर्ज ।@JharkhandPolice @DC_Palamu @DIGPalamau pic.twitter.com/Odwr1YccuA
— Palamu Police (@policepalamau) August 18, 2025
झारखंड में यह पहला मौका है जब किसी एक्टव गैंग का सरगना औपचारिक तौर पर पुलिस के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की घोषणा की है। डब्लू सिंह मूल रूप से लेस्लीगंज पुलिस स्टेशन एरिया के फुलांग गांव का रहने वाला है। वर्ष 2005 से अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा।पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार उसके खिलाफ 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें हत्या, अपहरण और रंगदारी जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। उसका नेटवर्क पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची और जमशेदपुर तक फैला हुआ था।
कुणाल सिंह मर्डर केस के बाद था फरार
वर्ष 2014 में लातेहार पुलिस ने गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह को अरेस्ट किया था। वह लंबे समय तक देवघर जेल में रहा। 2018 में बेल पर बाहर आने के बाद उसने फिर से सक्रियता बढ़ाई। टाउन पुलिस स्टेशन एरिया में तीन जून 2020 को कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह की मर्डर कर दी गयी। इस मर्डर केस में डब्लू सिंह गैंगका नाम सामने आया। उसी समय से वह लगातार फरार चल रहा था।
सरकार की आत्मसमर्पण नीति और पलामू एसपी की पहल
सरेंडर के बाद डब्लू सिंह ने कहा कि उसने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति और पलामू एसपी की पहल से यह निर्णय लिया है।पत्रकारों से बातचीत में उसने कहा कि मैं बहुत बड़ा अपराधी नहीं हूं, थोड़ी-बहुत गलती हुई है। कोर्ट का जो आदेश होगा, उसका पालन करूंगा। अपने साथियों से अपील करता हूं कि वे अपराध छोड़कर सही रास्ते पर लौटें।
सात वर्ष से फरार था डब्लू
एसपी रिष्मा रमेशन ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि डब्लू सिंह सात वर्ष से फरार था। 2005 से 2014 तक उसके खिलाफ 33 मामले दर्ज हुए थे, जबकि जेल से बाहर आने के बाद भी उस पर चार मामले दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर नक्सली सरेंडर करते रहे हैं, लेकिन यह पहला मामला है जब किसी बड़े अपराधी ने पुलिस के सामने सरेंडरकिया है। यह पलामू पुलिस की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इस कार्रवाई में टाउन पुलिस स्टेशन के तत्कालीन प्रभारी देवव्रत पोद्दार और उनकी टीम के प्रयास की सराहना भी की।