Jharkhand liquor scam : नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह को मिली अग्रिम जमानत

झारखंड शराब घोटाले के आरोपी IAS अफसर विनय चौबे के करीबी और रांची के चर्चित ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह को अग्रिम जमानत मिल गयी है। गिरफ़्तारी के डर से फरार चल रहे विनय सिंह को जमानत रांची ACB की स्पेशल कोर्ट से मिली है।

Jharkhand liquor scam : नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह को मिली अग्रिम जमानत
विनय सिंह (फाइल फोटो)।

रांची। झारखंड शराब घोटाले के आरोपी IAS अफसर विनय चौबे के करीबी और रांची के चर्चित ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह कोअग्रिम जमानत मिल गयी है। गिरफ़्तारी के डर से फरार चल रहे विनय सिंह को जमानत रांची ACB की स्पेशल कोर्ट से मिली है।
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विनय सिंह को बिना अनुमति विदेश जाने पर कोर्ट की पाबंदी
इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई में ACB और विनय सिंह का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। विनय सिंह की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता निलेश कुमार और अक्षय शर्मा ने बहस की। नेक्सजेन के मालिक विनय कुमार को सशर्त अग्रिम जमानत मिली है। इसमें बिना अनुमति विदेश जाने पर पाबंदी के अलावा मोबाईल नंबर और पता नहीं बदलने की शर्त भी शामिल है। कोर्ट ने एसीबी द्वारा जारी शराब घोटाले में सहयोग करने और सबूत से छेड़छाड़ नहीं करने की शर्त भी लगायी है।
विनय सिंह के विरुद्ध ACB ने वारंट ले लिया था
शराब घोटाले की जांच के दौरान एसीबी ने 26 मई को नोटिस जारी कर 30 मई को पूछताछ के लिए एसीबी ऑफिस में हाजिर होने का निर्देश दिया था। इसके बाद 28 मई को एसीबी के डीएसपी संतोष कुमार ने फोन कर नोटिस मिलने या नहीं मिलने के सिलसिले में पूछताछ की। एसीबी द्वारा 28 मई को विनय सिंह के वाट्सएप पर दस्तावेज की मांग से संबंधित एक सूची भेजी गयी। साथ ही दस्तावेज के साथ 30 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया गया। इन परिस्थितियों के मद्देनजर गिरफ्तारी की आशंका होने पर विनय सिंह की ओर से एसीबी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी। इसमें यह दलील दी कि उनका शराब के कारोबार से कोई संबंध नहीं है। वह गाड़ियों के व्यापारी है। एसीबी द्वारा शराब घोटाले में दर्ज की गयी प्राथमिकी मे वह नामजद अभियुक्त भी नहीं है।
एसीबी ने मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान उनसे कभी पूछताछ नहीं की। एसीबी की प्राथमिकी जिस अपराध का उल्लेख किया गया है उस अपराध से याचिकादाता का कोई लेना देना नहीं है। याचिकादाता कानून का अनुपालन करने वाला व्यक्ति है। वह जांच में मदद भी करना चाहता है। उसे गिरफ्तारी का डर है. इसलिए उसे अग्रिम जमानत दी जाये। एसीबी की ओर से याचिका का विरोध करते हुए यह कहा गया कि याचिकादाता प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त नहीं है। लेकिन मामले की जांच के दौरान उसकी भूमिका पायी गयी है। वह जान बूझ कर पूछताछ के लिए एसीबी के सामने हाजिर नहीं हो रहा है। उसके खिलाफ सीधा और गंभीर आरोप है. इसलिए उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
न्यायालय ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद बिनय सिंह को अग्रिम जमानत देने का फैसला किया। अदालत ने अपने फैसले में लिखा कि याचिकादाता नामजद अभियुक्त नहीं है।  पीई की जांच के दौरान भी उसकी कोई भूमिका नहीं पायी गयी। एसीबी द्वारा दर्ज उत्पाद विभाग मे जालसाजी, साजिश और सरकार को नुकसान पहुंचा कर गलत तरीके से पैसा कमाने से संबंधित है। इस मामले की जांच चल रही है। अब तक याचिकादाता के खिलाफ कोई सीधा ओर ठोस आरोप और सबूत नहीं पाया गया है। इन तथ्यों को देखते हुए न्यायालय ने याचिकादाता को सशर्त अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया। विनय सिंह के विरुद्ध ACB ने वारंट ले लिया था। शराब घोटाला की अब तक की जांच में एसीबी ने विनय सिंह को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था।लेकिन अब तक विनय सिंह एसीबी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ से जुड़े शराब घोटाला मामले में सेंट्रल जांच एजेंसी ED ने भी विनय सिंह के ठिकानों पर रेड की थी।
शराब घोटाले के 10 आरोपी जेल में हैं बंद
 झारखंड में एसीबी शराब घोटाला की जांच कर रही है। अब तक की जांच में शराब घोटाला मामले में कुल 10 अरेस्टिंग हो चुकी हैं। एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग झारखंड के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार, प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह, पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश, छत्तीसगढ़ का शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता,श्री ओम साईं ब्रिवरीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर अतुल कुमार सिह व मुकेश मनचंदा को अरेस्ट किया था। सभी ज्यूडिशियल कस्टडी में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं।