झारखंड: दुर्गा सोरेन की कैसे हुई मौत? BJP गवर्नमेंट बनते ही होगी जांच, JMM के 21 MLA ने किया बगावत: निशिकांत

गोड्डा के बीजेपी एमपी डॉ निशिकांत दुबे ने फिर ट्वीट कर दो बड़े राजनीतिक धमाके किये हैं। निशिकांत ने कहा है कि झारखंड में में इस बार बीजेपी की सरकार बनते ही दुर्गा सोरेन, सुनील महतो, निर्मल महतो और विनोद बिहारी महतो के मृत्यु किन कारणों से हुई , इसकी जांच करायी जायेगी।निशिकांत ने दावा किया है कि जेएमएम 21 एमएलए ने बगावत कर दी है। सीएम की फैमिली में भी बगावत है।

झारखंड: दुर्गा सोरेन की कैसे हुई मौत? BJP गवर्नमेंट बनते ही होगी जांच, JMM के 21 MLA ने किया बगावत: निशिकांत

रांची। गोड्डा के बीजेपी एमपी डॉ निशिकांत दुबे ने फिर ट्वीट कर दो बड़े राजनीतिक धमाके किये हैं। निशिकांत ने कहा है कि झारखंड में में इस बार बीजेपी की सरकार बनते ही दुर्गा सोरेन, सुनील महतो, निर्मल महतो और विनोद बिहारी महतो के मृत्यु किन कारणों से हुई , इसकी जांच करायी जायेगी।निशिकांत ने दावा किया है कि जेएमएम 21 एमएलए ने बगावत कर दी है। सीएम की फैमिली में भी बगावत है।

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निशिकांत ने पहले ट्वीट में दुर्गा सोरेन समेत अन्य जेएमएम के दिग्गज नेताओं के असामयिक मौत की जांच कराने के साथ ही  एमएलए लोबिन हेम्ब्रम के साथ न्याय किया जायेगा। उन्होंने साइमन मरांडी, एके राय और रामदयाल मुंडा जैसे नेताओं को सम्मान दिया जायेगा। झारखंड का नया सवेरा होगा। विदित हो कि निशिकांत दुबे ने जिन नेताओं की मौत की जांच की बात कही है, वे सभी झामुमो के दिग्गज नेता रह चुके हैं। झारखंड अगल राज्य गठन में इन नेताओं की अहम भूमिका रही है। दुर्गा सोरेन तो सीएम हेमंत सोरेन के भाई थे। इनकी पत्नी सीता सोरेन इस समय जेएमएम से एमएलए हैं।

सीएमके परिवार में ही बग़ावत है,इसलिए ख़याली पुलाव बना रहे
निशिकांत ने दूसरे ट्वीट में कहा है कि  झामुमो के महासचिव पंकज के जेल जाने के बाद पार्टी बौखला गई है। झामुमो के 21 एमएलए ने बग़ावत कर दी है। सीएम के परिवार में ही बग़ावत है,इसलिए ख़याली पुलाव बना रहे हैं। बीजेपी चोरों की जमात व भ्रष्टाचारी पार्टी से लड़ रही है। बीजेपी के ऑफिस का मच्छर भी झामुमो से नफ़रत करता है
दुर्गा सोरेन की वाइफ जामा एमएलए सीता सोरेन
एमएलए सीता सोरेन ने कुछ माह झारखंड के गवर्नर रमेश बैस से राजभवन जाकर मुलाकात की थी। इसके बाद मीडिया में यह खबर आई कि वह हेमंत सोरेन सरकार से नाराज चल रही हैं। इस घटना कुछ दिनों बाद उनकी पुत्री ने दुर्गा सोरेन सेना नामक संगठन के विस्तार की घोषणा कर रांची में एक सम्मेलन का आयोजन कर दिया था। हालांकि, सीता सोरेन ने अभी तक सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ खुलकर कोई बयान नहीं दिया है। वैसे यह माना जाता है कि सीता सोरेन अपनी ही सरकार के नेतृत्व से खुश नहीं रहती हैं।

सीएम हेमंत का विरोध कर चुके हें एमएलए लोबिन हेम्ब्रम

एमएलए लोबिन हेम्ब्रम कुछ माह पहले हेमंत सोरेन सरकार से नाराज हो गए थे। न केवल झारखंड विधानसभा के भीतर बल्कि सड़क पर भी उन्होंने मोर्चा खोल दिया था। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के बेहद खास माने जाने वाले लोबिन हेम्ब्रम का आरोप रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार नई शराब नीति के जरिए आदिवासियों की जिंदगी खराब कर रही है। उन्होंने झारखंड में बिहार की तर्ज पर शराबबंदी लागू करने की मांग की थी। उनका कहना था कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपनी पूरी जिंदगी आदिवासियों को बेहतर बनाने और शराब छुड़ाने में गुजार दी। ऐसे में झारखंड में शराब बेचने की नई नीति लागू कर हेमंत साेरेन गलत कर रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम की जब सरकार ने कोई बात नहीं सुनी तो वह जिलों में जनसभाएं करने लगे। कई जिलों में उनका आंदोलन शुरू हो गया था। इसी बीच हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन मामले में फंसने के बाद वह शांत हो गये। लोबिनके बेटे के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी गयी है। 

झामुमो के दिग्गज नेता रहे हैं सुनील महतो, निर्मल महतो और विनोद बिहारी
सुनील महतो, निर्मल महतो और विनोद बिहारी भी झारखंड के दिग्गज नेताओं में से एक रहे हैं। झामुमो को झारखंड में धार देने में इन नेताओं की अहम भूमिका रही है। शिबू सोरेन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर इन तीनों नेताओं ने झारखंड आंदोलन को खड़ा किया था। उसी आंदोलन के कारण अंतत: झारखंड अगल राज्य बना। झामुमो के हर कार्यक्रम में इन नेताओं को आज भी शिद्दत से कार्यकर्ता याद करते हैं। अर्से बाद इन नेताओं की मौत की जांच की बात कहकर बीजेपी एमपी  ने किस ओर इशारा किया है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।