Jharkhand : टेंडर कमीशन घोटाले में शामिल हरीश यादव अरेस्ट, कोर्ट ने चार दिनों की ED रिमांड पर भेजा

झारखंड में पद का दुरुपयोग कर टेंडर में कमीशन से करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में जेल में बंद ग्रामीण कार्य विभाग के सस्पेंड चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के सहयोगियों पर ईडी का शिकंजा कस रहा है। ईडी ने वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के खास सहयोगी हरीश यादव को अरेस्ट किया है। 

Jharkhand : टेंडर कमीशन घोटाले में शामिल हरीश यादव अरेस्ट, कोर्ट ने चार दिनों की ED रिमांड पर भेजा

रांची। झारखंड में पद का दुरुपयोग कर टेंडर में कमीशन से करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में जेल में बंद ग्रामीण कार्य विभाग के सस्पेंड चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के सहयोगियों पर ईडी का शिकंजा कस रहा है। ईडी ने वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के खास सहयोगी हरीश यादव को अरेस्ट किया है। 

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आरोपी हरीश यादव को गुरुवार को ईडी की की स्पेशल कोर्ट में पेशी किया गया। ईडी ने कोर्ट से हरीश की पांच दिनों की रिमांड का आग्रह किया। कोर्ट ने ईडी को हरीश यादव से पूछताछ के लिए चार दिनों की अनुमति दी है। इससे पहले ईडी की छानबीन में यह स्पष्ट हो गया है कि वीरेंद्र राम के ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए जिन बैंक अकाउंट्स का उपयोग किया गया, उनका संचालन हरीश यादव ही कर रहा था।
121.83 करोड़ रुपये कर चुका है ट्रांसफर
हरीश यादव वह पूर्व में अरेस्ट ताराचंद, राम प्रकाश भाटिया व नीरज मित्तल सिंडिकेट का अहम हिस्सा है। आरोप है कि वह तारा चंद उर्फ सचिन गुप्ता के नाम पर फर्जी दस्तावेज पर खुले तीन कंपनियों के अकाउंट्स से 121.83 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुका है। सभी बैंक अकाउंट्स से रुपये ट्रांसफर करने के लिए जिन मोबाइल नंबरों पर ओटीपी आता था, उन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हरीश यादव ही करता था। हरीश यादव मूल रूप से राजस्थान के झुंझनू जिले के बुहाना तहसील स्थित संतोर गांव का रहने वाला है। उसकी निजी कंपनी का नाम मेसर्स ओईकूल टेक्नोलोजी है। इस प्रकरण में अब तक ईडी ने वीरेंद्र राम के अलावा वीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन, सहयोगी तारा चंद उर्फ सचिन गुप्ता, राम प्रकाश भाटिया, नीरज मित्तल और अब हरीश यादव को अरेस्ट कर लिया है।
हरीश से पूछताछ में कई खुलासे
टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने दिल्ली के हरीश यादव को अरेस्ट किया है।ईडी के इनिविस्टीगेशन में यह खुलासा हुआ कि वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के बैंक अकाउंट्स 127000628767 में ब्लैक मनी विभिन्न बैंक अकाउंट्स से व्हाइट होकर आये। ये रुपये मेसर्स ओईकूल टेक्नोलोजी से भी आये थे, जिसके संचालक हरीश यादव हैं। इसके अलावा तारा चंद उर्फ सचिन गुप्ता के नाम की तीन फर्जी कंपनियां मेसर्स श्री खाटूश्याम ट्रेडर्स, मेसर्स अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स व मेसर्स ओम ट्रेडर्स के बैंक खाते से भी रुपये ट्रांसफर हुए। पूछताछ में यह भी पता चला कि तारा चंद हरीश यादव का नजदीकी सहयोगी है। उसके तीन कंपनियों के बैंक खातों का संचालन नीरज मित्तल के निर्देश पर हरीश यादव ही करता था।
हरीश यादव ने प्रारंभिक पूछताछ में ईडी को बताया है कि उसने तारा चंद के कहने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के चालक के बेटे मनीष के अकाउंट में 10 लाख रुपये जमा किये थे। इसके बदले उसे दो हजार रुपये कमीशन में मिले थे। इसके बाद सभी 10 लाख रुपये वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के अकाउंट्स में ट्रांसफर हुए। पूर्व में ईडी की पूछताछ में नीरज मित्तल ने स्वीकारा था कि हरीश यादव उसके नीचे काम करता था और उसके निर्देश पर ही फंड का हस्तांतरण करता था।
121.83 करोड़ रुपये का किया था हस्तांतरण
हरीश ने यह भी स्वीकारा कि ताराचंद के सभी बैंक अकाउंट्स का संचालन हरीश यादव ही करता था। तारा चंद के तीनों बैंक अकाउंट्स से कुल 121.83 करोड़ रुपये का हस्तांतरण हुआ था, जो हरीश यादव ने नीरज मित्तल के कहने पर किया था। उसने यह भी स्वीकारा कि उसने राम प्रकाश भाटिया से लगभग 10 बार कैश ली थी और उसे विभिन्न बैंक अकाउंट्स में हस्तांतरित किया था। वह दो मोबाइल फोन का उपयोग करता था, जिसे तारा चंद व नीरज मित्तल ने दिया था। इन्हीं मोबाइल पर बैंक ओटीपी आता था, जिससे फंड ट्रांसफर होता था। तारा चंद व नीरज के दिए हुए एक मोबाइल को वह चैट, मैसेजिंग के रूप में उपयोग करता था।
अब आगे बढ़ी ईडी की जांच
पूरा मामला 16 नवंबर 2019 में जमशेदपुर में ग्रामीण कार्य विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा के घर से 2.44 करोड़ रुपये की बरामदगी से संबंधित है। तब सुरेश कुमार वर्मा को जमशेदपुर में डिमना चौक के पास एक कंट्रेक्टर विकास कुमार शर्मा से 10 हजार रुपये घूस लेते हुए झारखंड पुलिस की एसीबी ने अरेस्ट किया था। इसके बाद एसीबी ने सुरेश कुमार वर्मा के आवास पर रेड की थी, जहां से 2.44 करोड़ रुपये बरामद किये गये थे। सुरेश कुमार वर्मा के घर से झारखंड एसीबी ने 64 हजार और उसके किरायेदार आलोक रंजन के घर से कुल 2 करोड़ 44 लाख 16 हजार रुपये यानि कुल 2 करोड़ 44 लाख 80 हजार रुपये बरामद हुए। इंजीनियर के घर से निवेश के कागजात, फ्लैट के कागजात और करीब 100 ग्राम आभूषण भी जब्त किये थे। यह झारखंड पुलिस के इतिहास में एसीबी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि थी। तब पुलिस ने जेई सुरेश कुमार वर्मा व उनके किरायेदार आलोक रंजन को जेल भेजा था। आलोक रंजन वीरेंद्र राम का चचेरा भाई है। बाद में छानबीन में यह स्पष्ट हो गया कि बरामद 2.44 करोड़ रुपये वीरेंद्र राम के थे, जो आलोक रंजन के माध्यम से निवेश करवाने के लिए रखे गये थे। 

हरीश यादव के रूप में छठी अरेस्टिंग
वीरेंद्र राम प्रकरण में ईडी ने अब तक छह आरोपितों को अरेस्ट कर लिया है। सबसे पहले ईडी ने वर्ष 2023 फरवरी महीने में वीरेंद्र राम को अरेस्ट किया था। इसके बाद ईडी ने उनके चचेरे भाई आलोक रंजन को अरेस्ट किया।जून महीने में ईडी ने वीरेंद्र राम के तीन सहयोगी नीरज मित्तल, तारा चंद उर्फ सचिन गुप्ता व राम प्रकाश भाटिया को अरेस्ट किया था। अब ईडी ने वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव को अरेस्ट किया है।
कमीशन लेकर ब्लैक मनी होता था व्हाइट
पूर्व में ईडी की छानबीन में यह खुलासा हो चुका है कि सभी आरोपित वीरेंद्र राम से कमीशन लेकर उनके ब्लैक मनी को व्हाइट बनाते थे। आरोपितों ने वीरेंद्र राम के करोड़ों रुपयों के ब्लैक मनी को व्हाइट बनाया। इसके एवज में कमीशन भी लिया।