Jharkhand: चुनाव आयोग  सख्ती का असर, ट्रांसफर किये गये अफसर फिर होंगे ट्रांसफर, गवर्नमेंट ने मांगी मोहलत

झारखंड में आसन्न लोकसभा चुनाव को देखते हुए स्टेट में किये जा रहे ट्रांसफर पर चुनाव आयोग काफी सख्त दिख रहा है। स्टेट  गवर्नमेंट निर्धारित समय सीमा के अंदर गाइडलाइन के अनुसार ट्रांसफर करने में राज्य सरकार विफल रही है।

Jharkhand: चुनाव आयोग  सख्ती का असर, ट्रांसफर किये गये अफसर फिर होंगे ट्रांसफर, गवर्नमेंट ने मांगी मोहलत

रांची। झारखंड में आसन्न लोकसभा चुनाव को देखते हुए स्टेट में किये जा रहे ट्रांसफर पर चुनाव आयोग काफी सख्त दिख रहा है। स्टेट  गवर्नमेंट निर्धारित समय सीमा के अंदर गाइडलाइन के अनुसार ट्रांसफर करने में राज्य सरकार विफल रही है।

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मुख्य चुनाव आयुक्त के पास चुनाव आयोग के गाइड लाइन के अनुसार ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं किए जाने का मुद्दा  पहुंचा है। जिस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग के निर्देशानुसार तट्रांस के निर्देश दिए  हैं। तय समय सीमा को देखते हुए राज्य में 26 फरवरी 2024 के अपराह्न 3:00 बजे तक बड़े पैमाने पर संशोधन के साथ ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अफसरों द्वारा माथापच्ची और मशक्कत की जाती रही लेकिन  ट्रांसफर-पोस्टिंग की  लिस्ट तैयार नहीं हो पाई। चुनाव आयोग की सख्ती, बारीकी और चीजों की गंभीरता को देखते हुए स्टेट गवर्नमेंट ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से और पांच दिनों की मोहलत मांगी है। 
ऐसे में अब आईएएस, आईपीएस से लेकर बीडीओ व सीओ का ट्रांसफर पुन: एक बार चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार होने की संभावनाएं प्रबल हो गई है। इनमें पुलिस इंस्पेक्टर् व पुलिस सब इंस्पेक्टर्स का भी फिर से ट्रांसफर किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड में मनमाने ढंग से किए जा रहे तबादले की शिकायत आयोग तक  पहुंची है।

आयोग ने मामले को संज्ञान में आने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने झारखंड के सभी अपर मुख्य सचिव प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि  चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अफसरों के ट्रांसफर से संबंधित दिशा निर्देश दिये गये थे। आयोग के संज्ञान में आया है कि अफसरों का ट्रांसफर एक ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत सीमावर्ती जिला में किया गया है। जो ट्रांसफर पॉलिसी की मूल भावनाओं के प्रतिकूल है। प्रासंगिक पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया गया है कि जिन अफसरों का ट्रांसफर पूर्व में हुआ है। परंतु आयोग के निर्देश के अनुसार नहीं किया गया है। उनका ट्रांसफर उक्त के अनुरूप किया जाए।

अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित अनुपालन प्रतिवेदन मुख्य सचिव एवं डीजीपी के स्तर से 26 फरवरी के अपराह्न 3:00 बजे तक आयोग को भेजना था। परंतु दिए गए समय के अंदर राज्य सरकार ट्रांसफर पोस्टिंग करने में असफल रही है। जिसको लेकर पांच दिनों का और समय सरकार द्वारा मांगा गया है। राज्य में एक बार पुन: बड़े पैमाने पर ट्रांसफर से संबंधित लिस्ट तैयार की जा रही है। राज्य के 13 जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में किये गये ट्रांसफर को कैंसिल कर फिर से ट्रांसफर हो सकते हैं। स्टेट में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर पुनः सरगर्मी बढ़ गई है।